Shesh Bharat: कांग्रेस शासित इस राज्य के लिए अंबानी-अदाणी ने खोली तिजोरी, आखिर रेवंत रेड्डी का क्या है गेम प्लान!

Shesh Bharat: तेलंगाना राइजिंग समिट में अंबानी और अदाणी के बड़े निवेश ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. राहुल गांधी लगातार मोनोपोली का मुद्दा उठाते रहे हैं, ऐसे में इन शक्तिशाली कारोबारी घरानों के कांग्रेस सरकार के करीब दिखने से नए सवाल खड़े हो रहे हैं.

कांग्रेस के इस राज्य के लिए अंबानी, अदाणी ने खोली तिजोरी
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कौन नहीं जानता है अंबानी-अदाणी और राहुल गांधी के बीच क्या चल रहा है. कौन नहीं जानता कि अदाणी बीजेपी सरकार के फेवरेट बने हैं. राहुल गांधी कहते हैं कि वो किसी बिजनेसमैन या बिजनेस के खिलाफ नहीं है. खिलाफ हैं तो मोनोपोली के खिलाफ. जब राहुल गांधी मोनोपोली बनते हैं तो उसका अक्सर ये इशारा होता है कि अंबानी-अदाणी की मोनोपोली पर सवाल उठा रहे हैं.
जब भी ये दोनों किसी कारण से कांग्रेस के करीब दिखते हैं तो हल्ला मचता है.

तेलंगाना में इन्वेस्टमेंट के लिए सीएम रेवंत रेड्डी के राइजिंग ग्लोबल समिट में अमीरों की खूब महफिल जमी. गिनीज बुक में राइजिंग तेलंगाना का नाम दर्ज हो गया. क्योंकि 3 हजार ड्रोन्स ने मिलकर दुनिया का सबसे बड़ा हवाई वाक्य लिखा- तेलंगाना इज राइजिंग. कम ज्वाइन द राइज. ड्रोन शो ने रेवंत रेड्डी के 2047 विजन को दुनिया को दिखाया. रोबोट ने सीएम को विजन डॉक्यूमेंट सौंपा.

समिट में रिकॉर्ड निवेश, अंबानी-अदाणी भी शामिल

सीएम रेवंत रेड्डी की महीनों की मेहनत सफल हुई. तेलंगाना में इन्वेस्टमेंट करने डोनल्ड ट्रंप की कंपनी भी आए और सलमान खान भी. 5 लाख 39 हजार करोड़ की भरपूर इन्वेस्टमेंट डील साइन की रेवंत रेड्डी सरकार ने. जंगल से लेकर टाउनशिप, एआई सेंटर बनाने के सौदे हुए. ऐसी ही डील गौतम अदाणी की कंपनी और मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस के साथ भी. ये दोनों वो बिजनेस घराने जो अक्सर राहुल गांधी के राजनीतिक आरोपों के निशाने पर होते हैं. रिलायंस वाले वनतारा का जंगल, वाइल्डलाइफ कंजर्वेटरी और नाइट सफारी बनाएंगे, अदाणी ग्रीन डेटा सेंटर विकसित करेंगे. अभी तक तो शांति है. आगे शांति रहेगी या हंगामा, कहना मुश्किल है. अभी ये क्लियर नहीं कि अंबानी, अदाणी के लिए राहुल गांधी से पूछा गया था या नहीं, राहुल गांधी ने क्या स्टैंड लिया.

करन अदाणी का 2500 करोड़ इन्वेस्टमेंट का ऐलान

पिछले साल अदाणी पर लगे आरोपों के कारण रेवंत रेड्डी ने स्किल यूनिवर्सिटी के लिए अदाणी ग्रुप के 100 करोड़ का चंदा ठुकरा दिया था. तब भी बड़ा हंगामा मचा था. अब तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट हुआ तो अदाणी ने फिर से मोटा इन्वेस्टमेंट करने का ऐलान कर दिया. गौतम अदाणी तो नहीं आए. उनके बेटे करन अदाणी ने तेलंगाना में और 2500 करोड़ का इन्वेस्टमेंट करने का ऐलान कर दिया. ये ढाई हजार करोड़ रुपये तीन साल में ग्रीन डेटा सेंटर बनाने में खर्च होंगे. हैदराबाद में बनने वाले ग्रीन डेटा सेंटर में एआई और डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम होगा. इससे हैदराबाद दक्षिण भारत में एआई और डेटा का बड़ा हब बन पाएगा.

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कांग्रेस सरकार के बावजूद अदाणी की बढ़ती मौजूदगी

तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार तो दिसंबर 2023 में बनी थी. उससे पहले अदाणी ग्रुप की तेलंगाना में एंट्री हो चुकी थी. अब दस्तूर ये है कि किसी सरकार या पार्टी की किसी बिजनेसमैन से बने या ना बने, सरकारी डील खत्म नहीं होती. कांग्रेस की सरकार चला रहे रेवंत रेड्डी के शासन में भी अदाणी का तेलंगाना में 10 हजार का इन्वेस्टमेंट होता रहा. ग्रुप का दावा है कि उसके इन्वेस्टमेंट से करीब 7 हजार लोगों को काम मिला. अदाणी ने केंद्र सरकार के साथ डील में डिफेंस के लिए ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी प्रोजेक्ट बनाया है जिसका प्रोडक्शन सेंटर हैदराबाद में है.

राहुल-अदाणी टकराव और कांग्रेस सरकारों की मुश्किलें

राहुल गांधी की अदाणी से लड़ाई कांग्रेस की सरकारों को अक्सर फंसाती है. राहुल राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन अदाणी ऐसा ग्रुप है जो मोटा इन्वेस्टमेंट करने का माद्दा रखता है. राहुल के विरोध के बाद भी राजस्थान में अशोक गहलोत ने अदाणी का इन्वेस्टमेंट लिया था. अब रेवंत रेड्डी भी ले रहे हैं. हालांकि रेवंत रेड्डी का अदाणी को लेकर अपरोच बदल चुका है. पिछले साल नवंबर में अदाणी के इन्वेस्टमेंट प्लान का बचाव करते हुए कहा था कि पीएम मोदी भी तो अडानी से इन्वेस्टमेंट लेते हैं. अगर हम भी तेलंगाना के विकास के लिए अडानी से धन स्वीकार करते हैं तो इसमें कुछ गलत नही है। फिर अचानक यूटर्न लेना पड़ा.

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दाणी फाउंडेशन का 100 करोड़ का चेक लौटाया

सरकार बनने के बाद स्किल डेवलपमेंट के लिए रेवंत रेड्डी ने बड़ा प्रोजेक्ट शुरू किया यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी का. बड़े-बड़े बिजनेसमैन, सेलिब्रिटीज को जोड़ा. गौतम अदाणी की पत्नी प्रीति अदाणी ने अदाणी फाउंडेशन की ओर से बिना मांगे 100 करोड़ का चेक यूनिवर्सिटी को चंदे के नाम पर भिजवाया. उसी समय अदाणी ग्रुप पर अनियमियताओं के गंभीर आरोप लगे. राहुल गांधी ने फ्रंटफुट पर मोर्चा खोल दिया. रेवंत रेड्डी ने या तो मजबूरी में या राहुल के प्रति निष्ठा दिखाने के लिए 100 करोड़ का चेक अदाणी फाउंडेशन को लौटा दिया. ये कहते हुए कि यूनिवर्सिटी के लिए बने रूल्स चंदा लेने की इजाजत नहीं देते.

आखिर क्यों बदली अदाणी पर रेवंत रेड्डी की रणनीति?

फिर पिछले एक साल में न जाने क्या हुआ कि तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट में रेवंत रेड्डी की सरकार ने अदाणी को भी इनवाट किया. करन अदाणी ने बटुए से 2500 करोड़ रेवंत रेड्डी की झोली में डाल दिए. इन्वेस्टमेंट ऐसे नहीं होता. सरकार के साथ मिलकर प्रोजेक्ट पर डिस्कसन होता है. सरकार फैसिलिटेट करती है. तब प्रोजेक्ट शुरू हो पाता है. अदाणी के 2500 करोड़ भी रेवंत रेड्डी की सहमति और सहयोग से ही इन्वेस्ट हो पाएंगे. तेलंगाना भारत के उन राज्यों में है जहां इन्वेस्टमेंट के लिए भारत और विदेशी कंपनियां इन्वेस्ट करना चाहती हैं. अगर रेवंत रेड्डी अदाणी को मना करेंगे तो ये झटका होगा. अगर अदाणी तेलंगाना में इन्वेस्ट नहीं कर पाए तो ये उनके लिए नुकसान का सौदा हो सकता है.

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