पतंजलि के MD बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी बिना शर्त माफी, बोला अनजाने में हो गई गलती 

अभिषेक

अदालत के समक्ष दायर हलफनामे में, पतंजलि ने भ्रामक विज्ञापनों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की जिसमें पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट में उसके पिछले आदेशों के उल्लंघन के लिए बिना शर्त माफी मांगी.

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Patanjali Case:पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने आज सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त के माफी मांग ली हैं. उन्होंने कोर्ट से कहा कि, कंपनी भ्रामक विज्ञापनों के लिए 'खेद व्यक्त करती है'. उन्होंने ये भी कहा कि, 'हम यह सुनिश्चित करेंगे कि, भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी नहीं किए जाएं.' पतंजलि कंपनी के भ्रामक विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट के जारी 'कारण बताओ नोटिस' पर कंपनी की प्रतिक्रिया तब आई है जब सर्वोच्च अदालत ने योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को दो सप्ताह में अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा. 

अनजाने में हो गई गलती: आचार्य बालकृष्ण

अदालत के समक्ष दायर हलफनामे में, पतंजलि ने भ्रामक विज्ञापनों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की जिसमें पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट में उसके पिछले आदेशों के उल्लंघन के लिए बिना शर्त माफी मांगी. अपने हलफनामे में, पतंजलि ने कहा कि, नवंबर 2023 के बाद जारी किए गए विज्ञापनों में केवल 'सामान्य बयान' शामिल थे, लेकिन उसमे अनजाने में 'आपत्तिजनक वाक्य' शामिल हो गए. उन्होंने बताया कि, विज्ञापनों को पतंजलि के मीडिया विभाग ने मंजूरी दी थी, जिन्हें नवंबर 2023 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में जानकारी नहीं थी. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी न किए जाएं. 

पिछली सुनवाई में SC ने लगाई थी फटकार 

पतंजलि आयुर्वेद से जुड़े भ्रामक विज्ञापन मामले में 19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्ला की पीठ ने सुनवाई की. पीठ ने पतंजलि को फटकार लगाते हुए उसके विज्ञापन प्रकाशित करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. साथ ही पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई पर स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दोनों को कोर्ट में हाजिर होने को भी कहा था. 

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पतंजलि कंपनी के ऐलोपैथी यानी अंग्रेजी दवाओं के माध्यम से इलाज के खिलाफ विज्ञापनों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर 27 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी तब कोर्ट ने 'गुमराह करने वाले' विज्ञापनों के लिए पतंजलि आयुर्वेद को फटकार लगाते हुए पतंजलि और आचार्य बालकृष्ण को अवमानना नोटिस जारी किया था. नोटिस पतंजलि आयुर्वेद के अलावा आचार्य बालकृष्ण को भी दिया गया था, जिसमें तीन सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था. लेकिन सुनवाई होने तक इसका जवाब नहीं दिया गया था.

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