9 साल की अमायरा की मौत से जुड़ी जांच रिपोर्ट, नीरजा मोदी स्कूल को लेकर CBSE टीम ने कही ये बड़ी बात!

CBSE की जांच में जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल को अमायरा सुसाइड केस में दोषी पाया गया है. रिपोर्ट में बुलिंग की अनसुनी शिकायतें, सुरक्षा खामियां और सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका सामने आई है.

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जयपुर के प्रतिष्ठित नीरजा मोदी स्कूल में 9 साल की छात्रा अमायरा की आत्महत्या के मामले में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट में स्कूल प्रशासन को सीधे तौर पर दोषी माना गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीएसई ने स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी कर 30 दिन में जवाब मांगा है.

डेढ़ साल से परेशान थी मासूम

CBSE की दो सदस्यीय जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. जांच में सामने आया है कि चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा पिछले 18 महीनों से स्कूल में 'बुलिंग' का शिकार हो रही थी. अमायरा के माता-पिता ने कमेटी को बताया कि उन्होंने कई बार स्कूल मैनेजमेंट और टीचर्स से शिकायत की थी लेकिन उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया.

मौत से पहले 5 बार मांगी मदद

क्लासरूम की सीसीटीवी फुटेज की जांच में सामने आया है कि घटना वाले दिन सुसाइड से ठीक पहले, 45 मिनट के अंदर अमायरा ने अपनी क्लास टीचर से 5 बार मदद की गुहार लगाई थी. बच्ची ने अपनी डिजिटल स्लेट पर क्लासमेट्स द्वारा लिखे गए अपशब्दों की शिकायत भी की थी.

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हैरानी की बात यह है कि टीचर ने बच्ची को ढांढस बंधाने या काउंसलर के पास भेजने के बजाय उस पर ही चिल्ला दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, बच्ची उस वक्त बेहद डरी हुई और शर्मिंदा थी लेकिन टीचर ने 'एंटी-बुलिंग प्रोटोकॉल' और पॉक्सो नियमों का पालन नहीं किया.

सबूत मिटाने के गंभीर आरोप

बता दें एक नवंबर को अमायरा ने स्कूल की बिल्डिंग से कूदकर जान दे दी थी. सीबीएसई की रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि पुलिस की फोरेंसिक जांच से पहले ही घटनास्थल को धो दिया गया था, जिसे सबूतों से छेड़छाड़ माना जा रहा है.

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