ईडी दफ्तर से बाहर आने के बाद वैभव गहलोत ने बताया- बंद कमरे में उनसे क्या पूछा गया?
Vaibhav gehlot reached at ED office: सीएम अशोक गहलोत (ashok gehlot) के बेटे और आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत (vaibhav gehlot) दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ऑफिस पहुंचे. जहां उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए. बता दें कि 25 अक्टूबर को ईडी ने फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेटरी एक्ट (फेमा) के उल्लंघन के मामले में पूछताछ के […]
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Vaibhav gehlot reached at ED office: सीएम अशोक गहलोत (ashok gehlot) के बेटे और आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत (vaibhav gehlot) दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ऑफिस पहुंचे. जहां उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए. बता दें कि 25 अक्टूबर को ईडी ने फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेटरी एक्ट (फेमा) के उल्लंघन के मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा था. समन मिलने के बाद उन्होंने 30 अक्टूबर तक का समय मांगा था. जिसके बाद आज वो ईडी दफ्तर में पेश हुए.
आज सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर वैभव गहलोत ED दफ्तर के बाहर पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद सीधे ही गाड़ी में दफ्तर रवाना हो गए. इस दौरान वैभव ने मीडिया से किसी तरह की कोई बातचीत नहीं की.
ED की पूछताछ खत्म होने के बाद वैभव खुद मीडिया के सामने आए. आरसीए अध्यक्ष और कांग्रेस नेता ने कहा “प्रवर्तन निदेशालय की ओर से FEMA के तहत समन आया था. मैंने उन्हें कहा है कि FEMA से हमारा कोई वास्ता नहीं है. मेरा या मेरे परिवार में से किसी का FEMA के तहत कोई लेन-देन नहीं हुआ. मुझे 1 घंटे बाद फिर से बुलाया है.”
क्या है मामला
खास बात यह है कि वैभव गहलोत की कंपनी के खिलाफ साल 2012 में भी बीजेपी ने आरोप लगाए थे. जिसके बाद साल 2015-16 में ईडी ने जांच शुरू की थी. बीजेपी ने आरोप लगाए थे कि अप्रैल 2007 में कंपनी के 100 रुपए कीमत वाले 2 लाख 27 हजार शेयर रतन और उसकी पत्नी जूही के नाम थे. इसके अलावा 14 हजार 500 शेयर भी जूही के नाम थे. जुलाई 2011 में ट्राइटन होटल्स के 2500 शेयर मॉरीशस की कंपनी शिवनार होल्डिंग्स को 39 हजार 900 प्रीमियम पर दिए गए. जिसके बाद साल 2012-13 में ट्राइटन होटल्स के शेयर की कीमत घटकर 1150 रुपए रह गई. जनवरी 2013 में ट्राइटन होटल्स के 10 हजार शेयर फिर से शिवनार होल्डिंग्स को आवंटित किए गए. आरोप है कि शिवनार होल्डिंग्स कंपनी ने ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम किया.
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करोड़ो रूपए के जाली बिल भुगतान का भी है आरोप
मीणा के आरोप हैं कि गहलोत के कारोबार का प्रबंधन देखने वाले रतनकांत शर्मा होटल फेयर मॉन्ट जयपुर और राफेल्स उदयपुर होटल के मालिक हैं. इससे पहले “सनलाईट कार रेन्टल सर्विसेज प्राईवेट लिमिटेड में वैभव गहलोत के साथ 50 प्रतिशत की बराबर हिस्सेदारी थी. जिसके बाद रतनकान्त शर्मा बदनीयतीपूर्वक और जानबूझकर कम्पनी से बाहर हो गए. तभी से फेयर माउंट होटल्स से करोड़ो रूपए हर साल जाली और फर्जी बिल का भुगतान सन लाइट कार रेंटल में वैभव गेहलोत को किया जा रहा है.
यहां जानिए पूरा मामलाः वैभव गहलोत को ED ने क्यों किया समन? राजनीति-क्रिकेट में हाथ आजमा चुके, इस वजह से विवादों में
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