सवाई माधोपुर: महात्मा बुद्ध की प्रतिमा लगाने को लेकर दो पक्ष हुए आमने-सामने, जानें क्या है विवाद की वजह

सुनील जोशी

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सवाई माधोपुर: महात्मा बुद्ध की प्रतिमा लगाने को लेकर दो पक्ष हुए आमने-सामने, जानें क्या है विवाद
सवाई माधोपुर: महात्मा बुद्ध की प्रतिमा लगाने को लेकर दो पक्ष हुए आमने-सामने, जानें क्या है विवाद
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Sawai Madhopur News: राजस्थान के सवाई माधोपुर नगर परिषद क्षेत्र में पुलिस अन्वेषण भवन के सामने महात्मा बुद्ध की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर विवाद हो गया है. विवाद के चलते दो समुदाय आपने-सामने आ गए जिससे एक बार तो सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की स्थिति पैदा हो गई. हालांकि प्रशासन और पुलिस ने सूझबूझ से मामला सुलझा दिया.

दरअसल, एक समुदाय द्वारा पुलिस अन्वेषण भवन के सामने स्थित एक पार्क में महात्मा बुद्ध की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर कार्यक्रम किया जाना था. कार्यक्रम से कुछ समय पहले ही एक दूसरे समाज ने इस जमीन पर अपना हक बताते हुए इसका विरोध किया. इसके चलते यहां मूर्ति अनावरण कार्यक्रम नहीं हो सका.

दोनों समुदायों ने किया जमीन पर अपना-अपना दावा
एक समुदाय का कहना है कि इस जमीन पर उनका कब्जा है. वहीं दूसरे समुदाय का कहना है कि 5 मार्च 2022 को नगर परिषद की बोर्ड बैठक में अन्वेषण भवन के सामने वाले पार्क में भगवान परशुराम की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया था. इसके लिए बकायदा नगर परिषद बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव लाया गया था. यहां महात्मा बुद्ध की प्रतिमा अनाधिकृत रूप से लगाई गई है जिसका विरोध करने वे लोग यहां पहुंचे हैं.

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विवाद बढ़ता देख पुलिस बल किया गया था तैनात
यह विवाद इस हद तक बिगड़ गया कि दोनों समुदायों के सैकड़ों लोग वहां पहुंच गए. इस बीच पार्क में एहतियात के तौर पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया. प्रशासन ने इस दौरान दोनों समुदायों को समझाया जिसके बाद वे आपस में बातचीत करने पर राजी हो गए.

प्रशासन ने दोनों समुदायों को दिए दस्तावेज पेश करने के निर्देश
इसके बाद SDM कपिल शर्मा, CO सिटी राजेन्द्र सिंह राजेन्द्र, कोतवाली थानाधिकारी चन्द्रभान सिंह ने दोनों समुदायों में सुलह करवाने की कोशिश की लेकिन काफी देर की बातचीत के बाद भी दोनों समुदाय में सुलह नहीं हो पाई. इसके बाद प्रशासन ने मूर्ति का अनावरण नहीं करने और यथास्थिति रखने के आदेश दे दिए. प्रशासन ने दोनों समुदायों से अपने अपने दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए हैं. दस्तावेजों की जांच के बाद आगामी दिनों में यह निर्णय लिया जाएगा कि पार्क की जमीन पर किसका कब्जा है.

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