Rajasthan: खुले बोरवेल में 98 फीट की गहराई में गिरी महिला, 48 घंटे से उसी में फंसी
ये हादासा गंगापुर सिटी के गुडला पंचायत में रामनगर की बैरवा ढाणी में एक 25 वर्षीय महिला मोना बाई मंगलवार की रात में खुले बोरवेल में गिर गई. पर किसी को पता नहीं चल पाया.
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अभी तक बोरवेल में मासूमों के गिरने की घटनाएं सामने आती रही हैं. वहीं इस बार एक 25 वर्षीय महिला के बोरवेल में गिरने का मामला सामने आया है. महिला को बोरवेल में गिरे 48 घंटे से ज्यादा हो गए हैं फिर भी उसे निकाला नहीं जा सका है. मौके पर एनडीआरएफ और रेस्क्यू टीम हर प्रयास कर रही है पर अभी तक सफलता नहीं मिली है. माना जा रहा है कि देश में ऐसा ये पहला मामला है.
ये हादासा गंगापुर सिटी के गुडला पंचायत में रामनगर की बैरवा ढाणी में एक 25 वर्षीय महिला मोना बाई मंगलवार की रात में खुले बोरवेल में गिर गई. पर किसी को पता नहीं चल पाया. मंगलवार की शाम को मोना का पति सुरेश बैरवा दिल्ली से आया. उसने अपने भाभी से पत्नी मोना के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो शौच के लिए गई है. मोना जब वापस नहीं आई तो परिवार के सभी लोग खोजने निकल गए.
इधर पूरा गांव खोजने के बाद भी उसका कोई पता नहीं चला. सुबह हो गई. बुधवार सुबह करीब 9 बजे परिवार के कुछ लोग गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने गए. इधर किसी को घर के पीछे मोना के चप्पल दिखे. ये सूचना मिलते ही बिना रिपोर्ट दर्ज कराए मोना का पति वापस आ गया. यहां आकर देखा गया कि खुले बोरवेल के पास चप्पल के अलावा के पैरों के निशान भी थी. तब पुलिस को सूचना दी गई. इधर डीएम हरिराम मीना और डीएसपी संतराम मीना मौके पर पहुंचे.
शाम 6 बजे से शुरू हुआ रेस्क्यू
इधर रेस्क्यू टीम को बुलाया गया. बुधवार शाम करीब 6 बजे भरतपुर और अजमेर से एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें आ सकीं. इसके बाद रेस्क्यू शुरू किया गया. पहले बोरवेल में लाइट जलाकर देखा गया तो मोना के कपड़े दिखे. इसके बाद अंधेरा होने के कारण लाइट जलाकर रेस्क्यू शुरू किया गया. इस दौरान एक रिंग लटकाया गया. रिंग में कपड़े फंसकर बाहर आ गए. बताया जा रहा है कि मोना को कुछ फीट ऊपर खींचा गया था पर वजन ज्यादा होने और बोरवेल की मिट्टी धंसकने की वजह से वो खींची नहीं जा सकी.
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बोरवेल से आने लगी है दुर्गंध
बोरवेल से दुर्गंध आने लगी है. माना जा रहा है कि महिला के बचने की उम्मीद कम है. उसका शरीर बोरवेल में फूल गया है. इधर आगे की रणनीति के तहत कलेक्टर ने अधिकारियों और एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम के साथ बैठक की. कलेक्टर ने कहा कि एनडीआरएफ को अब तक की प्रयास में सफलता नहीं मिलने पर अब नए सिरे से बोरवेल से करीब 130 से 135 फीट दूरी बनाए रखते हुए खुदाई का काम शुरू किया गया है. मिट्टी को हटाकर बोरवेल में गिरी महिला को बाहर निकलने का प्रयास किया जा रहा है. इस काम में करीब 22 से 24 घंटे लग सकते हैं. प्रशासन का प्रयास रहेगा कि जल्द से जल्द रेस्क्यू कर महिला को बोरवेल में से बाहर निकल जाए.
घर के पीछे खुला बोरवेल क्यों?
ग्रामीणों के अनुसार महिला मोना के मकान के ठीक पीछे खेत में कुछ समय पहले एक बोरवेल खुदवाया गया था, जिसमें पानी नहीं आने से पाइप निकाल दिए गए. हालांकि बोरवेल में मिट्टी नहीं भरी गई. लगभग 100 फीट गहराई और 1 फीट चौड़ाई का बोरवेल हादसों को न्योता दे रहा था. मंगलवार रात तकरीबन 8 बजे अपने काम से खेत के समीप होकर गुजर रही 25 वर्षीय मोना बाई उसी बोरवेल में गिर गई.
बोरवेल में गिरने से पहले चप्पल क्यों खोल गई मोना?
सबसे बड़ा सवाल ये है कि मोना जब बोरवेल में गिरी तो चप्पल कैसे बार रह गए. दोनों चप्पल बाकायदा बोरवेल के बाहर खुले हुए थे. ऐसे में मोना के बोरवेल में गिरने को लेकर आशंका जाहिर की जा रही है. चप्पल खोलने के बाद मोना बोरवेल की तरफ क्यों गई? क्यों कि उसके पैरों के निशान बोरवेल की तरफ जाते हुए दिख रहे हैं.
तीन साल पहले हुई थी शादी
मोना करौली जिले की रहले वाली थी. उसकी शादी 3 साल पहले सुरेश पुत्र हजारीलाल से हुई थी. मोना पति के साथ दिल्ली में रहती थी. यहां सुरेश प्लंबरिंग का काम करता है. मोना कुछ दिन पहले दिल्ली से आई थी.