सभी ठेके बंद करो...राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया बड़ा आदेश, 2 महीने में हाईवे से हटेंगी 1102 शराब दुकानें

राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को हाईवे पर चल रही 1102 शराब दुकानों को दो महीनों में हटाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि हाईवे को शराब-फ्रेंडली कॉरिडोर नहीं बनने देंगे.

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राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए नेशनल और स्टेट हाइवे पर चल रही शराब की दुकानों को तुरंत हटाने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने दो महीनों के भीतर सभी 1102 दुकानों को शिफ्ट या बंद करने को कहा है.

जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने साफ कहा कि हाईवे से 500 मीटर के दायरे में किसी भी स्थिति में शराब की दुकानें नहीं रह सकतीं. चाहे वे नगरपालिका सीमा के अंदर ही क्यों न आती हों.

राज्य सरकार ने दलील दी कि यह सभी दुकानें नगरपालिकाओं में आती हैं और सालाना 2200 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व देती हैं. लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को ठुकराते हुए कहा कि "शहरी क्षेत्र की आड़ में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता."

 

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राजस्व से ज्यादा जरूरी है जनसुरक्षा

अदालत ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 21 'जीवन के मौलिक अधिकार' की रक्षा करता है, ऐसे में केवल पैसे के लिए लोगों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता है.

बढ़ते सड़क हादसों पर जताई चिंता

कोर्ट ने प्रदेश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर भी चिंता व्यक्त की. कोर्ट ने खास तौर पर हरमाड़ा (जयपुर) और फलोदी में हुए भयानक हादसों का उदाहरण दिया, जहां केवल दो दिनों में 28 लोगों की मौत हो गई थी. अदालत ने कहा कि यह इस बात का सबूत है कि 'ड्रंक एंड ड्राइव' और तेज रफ्तार अब जानलेवा प्रवृत्ति बन चुकी है.

आंकड़ों का हवाला देते हुए कोर्ट ने बताया कि वर्ष 2025 में नशे में गाड़ी चलाने के मामलों में लगभग 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो बेहद चिंताजनक है.

विज्ञापन और होर्डिंग तुरंत हटाए जाएं

अदालत ने हाइवे पर दिखने वाले शराब के विज्ञापनों, होर्डिंग्स और साइन बोर्ड्स को तुरंत हटाने का आदेश दिया है. अदालत ने कहा कि राजस्व के लिए लोगों की सुरक्षा से समझौता नहीं हो सकता. सड़क सुरक्षा सबसे ऊपर है.

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता एम.एम. ढेरा ने सुप्रीम कोर्ट के 'के. बालू' फैसले का जिक्र किया और बताया कि आबकारी विभाग ने नियमों को बदलकर हाइवे पर शराब के ठेके दिए हैं, जिससे हादसों की संख्या बढ़ी है.

26 जनवरी 2026 तक रिपोर्ट दाखिल करें

याचिकाकर्ता पक्ष की दलीलों पर गौर करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को आबकारी आयुक्त की ओर से अनुपालन रिपोर्ट 26 जनवरी 2026 तक जमा करने के आदेश दिए. अदालत ने साफ कहा कि हाईवे को शराब बिक्री का केंद्र बनने की इजाजत किसी भी कीमत पर नहीं दी जाएगी.

 

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