IAS टीना डाबी ने किया राजस्थान का नाम रोशन, इस काम के लिए राष्ट्रपति ने दिया 2 करोड़ का पुरस्कार
IAS टीना डाबी ने बाड़मेर में बारिश के पानी को सहेजने की बड़ी पहल की जिसके लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें 2 करोड़ रुपये से सम्मानित किया. रेगिस्तान में जल संरक्षण का सफल मॉडल बनाकर उन्होंने साबित किया कि सच्चा प्रशासन जनता की जरूरतों से जुड़ा होता है.

IAS टीना डाबी एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार वजह न तो उनकी शादी है, न कोई विवाद, बल्कि उनका ऐसा काम है जिसकी चर्चा दिल्ली से लेकर राजस्थान तक हो रही है. बाड़मेर जैसे रेगिस्तानी जिले में उन्होंने पानी की किल्लत को कम करने की बड़ी पहल की. यही वजह है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें और उनके जिले को दो करोड़ रुपये की राशि देकर सम्मानित किया. यह रकम जिले में ही जल संरक्षण के काम में इस्तेमाल की जाएगी.
इस उपलब्धि का श्रेय टीना की सोच और मेहनत को जाता है. उन्होंने बाड़मेर में ‘कैच द रेन’ अभियान के तहत बारिश के पानी को संरक्षित करने का बड़ा मॉडल तैयार किया. उन्होंने पारंपरिक तरीके, यानी टांका निर्माण को बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया.
टांका दरअसल जमीन के नीचे पानी जमा करने का एक कुंड होता है जिसमें बारिश का पानी स्टोर किया जाता है. इस मॉडल से बाड़मेर अब देश के अन्य जिलों के सामने एक उदाहरण बन गया है. परिणाम ये हुआ कि जिले को पानी बचाने के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान मिला.
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टीना की बहन भी है IAS
दिलचस्प बात यह है कि टीना की छोटी बहन रिया डाबी भी IAS हैं और उन्होंने भी इस बार जल संरक्षण के काम के लिए उदयपुर की ओर से एक करोड़ का सम्मान हासिल किया. यानी डाबी परिवार की दोनों बेटियों ने पानी बचाने की दिशा में देशभर में नाम रोशन किया.
टीना डाबी की सफलता अचानक नहीं मिली, इसके पीछे लंबा संघर्ष और तगड़ी पढ़ाई है. उनका जन्म 9 नवंबर 1993 को भोपाल के एक दलित परिवार में हुआ. सातवीं तक की पढ़ाई उन्होंने भोपाल में ही की. बाद में उनके माता-पिता सरकारी नौकरी के कारण दिल्ली आ गए. टीना ने दिल्ली के जीसस एंड मैरी स्कूल से पढ़ाई की और लेडी श्री राम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन किया. इसी दौरान उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की और पहली ही कोशिश में 22 साल की उम्र में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर ली. यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह पहली दलित महिला भी बनीं.
परिवार का नाम किया रौशन
उनके परिवार में पढ़ाई और सरकारी सेवा का माहौल पहले से था. पिता भारतीय दूरसंचार सेवा में थे और मां IES अधिकारी रही हैं. बच्चियों की पढ़ाई और परवरिश पर पूरा ध्यान देने के लिए टीना की मां ने अपने करियर से समय से पहले रिटायरमेंट भी ले लिया था. शायद इसी वजह से दोनों बहनों ने UPSC क्रैक करके परिवार का नाम रोशन किया.
पब्लिक लाइफ में रहने की वजह से टीना की निजी जिंदगी भी हमेशा सुर्खियों में रही. 2015 बैच में ही IAS बने अतहर आमिर से उनकी मुलाकात मसूरी की प्रशिक्षण अकादमी में हुई. प्यार हुआ, फिर 2018 में दोनों की शादी हुई, जिसकी खूब चर्चा रही. कुछ साल बाद दोनों अलग हो गए और तलाक हो गया. इसके बाद टीना ने 2022 में IAS प्रदीप गवांडे से शादी की और अब वे एक बेटे की मां हैं. बाद में अतहर आमिर ने भी दूसरी शादी कर ली.
अपनी निजी जिंदगी के साथ ही टीना ने प्रशासनिक फैसलों से भी सुर्खियां बटोरीं. जैसलमेर में रहते हुए उन्होंने पाकिस्तान से आए हिंदू विस्थापितों के घरों पर कार्रवाई करवाई लेकिन विरोध के बाद उन्हीं लोगों के लिए रहने की व्यवस्था भी करवाई. बाड़मेर में BJP नेता सतीश पूनिया के सामने सिर झुकाने वाले उनके वीडियो ने भी खूब चर्चा बटोरी, हालांकि उसमें टीना की तारीफ भी की गई.
महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं टीना
आज टीना को लोग सिर्फ एक अफसर के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसे उदाहरण के तौर पर देखते हैं जिसने कठिन से कठिन जिले में लोगों को पानी जैसी मूल जरूरत का समाधान दिलाया. इसलिए राष्ट्रपति द्वारा दिया गया सम्मान सिर्फ पुरस्कार नहीं, बल्कि उनके काम की राष्ट्रीय पहचान है.
टीना डाबी की कहानी यह साबित करती है कि मेहनत, ईमानदारी और लोगों को साथ लेकर चलने का जज़्बा हो तो बदलाव किसी भी रेगिस्तान में पानी की तरह बह सकता है.
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