Rajasthan: कलेक्टर टीना डाबी के सामने फफक-फफक कर रोने लगी बच्ची, खोल दी सिस्टम की पोल

दिनेश बोहरा

Rajasthan: राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय पर 'मरु उड़ान' कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसका उद्देश्य स्कूली छात्राओं और बच्चियों को करियर गाइडेंस और मोटिवेशन देना था. इस कार्यक्रम के दौरान लड़कियां और युवतियां बाड़मेर की जिला कलेक्टर टीना डाबी से सवाल-जवाब कर रही थीं.

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तस्वीर: टीना डाबी के इंस्टा से.
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Rajasthan: राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय पर 'मरु उड़ान' कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसका उद्देश्य स्कूली छात्राओं और बच्चियों को करियर गाइडेंस और मोटिवेशन देना था. इस कार्यक्रम के दौरान लड़कियां और युवतियां बाड़मेर की जिला कलेक्टर टीना डाबी से सवाल-जवाब कर रही थीं. एक बच्ची, जिसका नाम लीला कंवर था. उसने जिला कलेक्टर टीना डाबी के सामने अपनी संघर्ष भरी कहानी साझा की. 

लीला ने बताया कि कैसे उसके पिता ने मजदूरी करके उसकी पढ़ाई और शादी के लिए पैसे इकट्ठा करते किए थे. लेकिन, कोऑपरेटिव सोसाइटी में जमा करवाए गए रुपए की आज तक उसको कोई फूटी कौड़ी नहीं मिली है. इस दौरान लीला कंवर फूट-फूट कर रोने लगी.

कलेक्टर ने दिया मदद का आश्वासन

जिला कलेक्टर टीना डाबी ने इस मुद्दे पर आश्वासन दिया कि वे पूरी तरह से मदद करेंगी. साथ ही उन्होंने लीला कंवर के हिम्मत और संघर्ष की सराहना की. टीना डाबी ने कहा कि "इस बच्ची के हौसले को सलाम है. हम सब इस बच्ची से बहुत कुछ सीख सकते हैं. दोनों हाथ खो देने के बावजूद भी उसने अपनी पढ़ाई और संघर्ष को बेहतरीन तरीके से जारी रखा है."

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बता दें लीला कंवर आगे पढ़ाई कर ऑफिसर बनना चाहती है. लीला का कहना है कि मैं किसान परिवार से आती हूं, परिवार के पास इतनी आमदनी नहीं है कि वह मुझे आगे पढ़ा सके. उन्होंने टीना डाबी से मदद की गुहार लगाई है. वहीं कलेक्टर टीना डाबी ने भी मदद का पूरा आश्वासन दिया है. 

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