फॉग में हाई-बीम वाली लाइट पर कार चलाने की भूल मत करिए, ये और घटा देती है विजिबिलिटी
घने कोहरे में हाई-बीम की बजाय लो-बीम या फॉग लाइट का इस्तेमाल करें, रफ्तार कम रखें और सुरक्षित दूरी बनाकर ड्राइव करें. जरा-सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना में बदल सकती है.

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दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में इस वक्त घना कोहरा लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है. सुबह-सुबह सड़कों पर ऐसा धुंध छाया रहता है कि सामने से आती गाड़ी भी आखिरी पल में नजर आती है. ऊपर से कड़ाके की ठंड, ऐसे में ड्राइविंग करना किसी चुनौती से कम नहीं है.

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कई जगहों पर विजिबिलिटी इतनी कम हो जाती है कि गाड़ी चलाना खतरे को न्योता देने जैसा हो जाता है, इसलिए अगर बहुत जरूरी न हो तो घर से निकलने से बचना ही समझदारी है, लेकिन अगर आपको मजबूरी में सड़क पर उतरना ही पड़े तो कुछ बातों का ध्यान रखकर आप खुद को और दूसरों को सुरक्षित रख सकते हैं.

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अक्सर लोग कोहरे में सोचते हैं कि तेज रोशनी वाली हाई-बीम लाइट जलाने से रास्ता साफ दिखेगा जबकि सच्चाई इसके उलट है. हाई-बीम की रोशनी कोहरे की नमी से टकराकर वापस आपकी आंखों में ही चमक जाती है. इससे सामने का रास्ता क्लियर दिखने की जगह और भी ज्यादा धुंधला नजर आने लगता है. इसलिए कोहरे में गाड़ी चलाते समय हमेशा लो-बीम या फॉग लाइट का इस्तेमाल करें. यह सड़क के पास तक रोशनी फैलाती है, जिससे लेन और आगे चल रही गाड़ियों का अंदाजा बेहतर लगता है.

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हाई-बीम लाइट वह तेज रोशनी होती है जो आमतौर पर हाइवे या अंधेरी सड़क पर दूर तक देखने के लिए इस्तेमाल की जाती है. यह सामने काफी ऊंचाई तक रोशनी फेंकती है, लेकिन कोहरे में यही रोशनी दुश्मन बन जाती है.

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कोहरे में ड्राइविंग करते समय ध्यान रखें की गाड़ी की रफ्तार सामान्य से काफी कम हो. आगे चल रही गाड़ी से सुरक्षित दूरी बनाकर चलें, बार-बार अचानक ब्रेक लगाने से बचें, धीरे-धीरे स्पीड कम करें. इतना ही नहीं अगर विजिबिलिटी बहुत कम हो जाए तो साइड में सुरक्षित जगह पर गाड़ी रोककर हालात ठीक होने का इंतजार कर सकते हैं. मोबाइल या म्यूजिक में ध्यान भटकाने से बचें, पूरा फोकस सड़क पर रखें.
कोहरा कुछ ही पलों में आपकी यात्रा को जोखिम भरा बना सकता है. इसलिए जरा-सी लापरवाही भारी पड़ सकती है. समझदारी और धैर्य के साथ ड्राइव करें तभी आप सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच पाएंगे.










