18 साल बाद बन रहा है खतरनाक षडाष्टक योग, मई 2025 में इन 3 राशियों पर पड़ेगा भारी असर!

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वैदिक ज्योतिष के अनुसार, छाया ग्रह राहु का राशि परिवर्तन हमेशा से ही जीवन में बड़े बदलाव का संकेत देता है. इस बार 18 साल बाद मई 2025 में राहु एक बार फिर अशुभ षडाष्टक योग बनाने जा रहा है, जो कुछ राशियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है. राहु 18 मई को मीन से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, जहाँ मंगल के साथ मिलकर यह अशुभ योग बनाएंगे. 

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यह योग 18 मई से 7 जून तक, यानी करीब 19 दिनों तक प्रभावी रहेगा. खासतौर पर मीन, सिंह और धनु राशि वालों को इस दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होगी. आइए जानते हैं कि इस योग का इन राशियों पर क्या असर हो सकता है और कैसे रहें सतर्क.

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षडाष्टक योग क्या है- ज्योतिष शास्त्र में जब दो ग्रह एक-दूसरे से छठे या आठवें भाव में या 150 डिग्री के अंतर पर होते हैं, तो इसे षडाष्टक योग कहा जाता है. यह योग अक्सर चुनौतियाँ और परेशानियाँ लेकर आता है. इस बार मंगल अपनी नीच राशि कर्क में और राहु कुंभ राशि में रहेंगे, जिससे यह योग और प्रभावशाली हो जाएगा.

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मीन राशि वालों के लिए यह योग विशेष सावधानी का समय लेकर आएगा. राहु आपके दूसरे भाव और मंगल पंचम भाव में रहेंगे, जिससे आर्थिक मामलों में जोखिम बढ़ सकता है. अनावश्यक खर्चों से परेशानी हो सकती है, और पैसों की ठगी या धोखे का खतरा भी रहेगा. किसी पर भी आँख मूंदकर भरोसा करने से बचें. साथ ही, शनि की साढ़े साती का प्रभाव भी इस राशि पर है, जिससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है. सुझाव: कोई भी बड़ा निवेश करने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार करें और कागजी कामकाज में सतर्क रहें.

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सिंह राशि के जातकों को इस योग के कारण वैवाहिक और पारिवारिक जीवन में सावधानी बरतनी होगी. मंगल आपके द्वादश भाव में और राहु सप्तम भाव में रहेंगे, जिससे जीवनसाथी के साथ गलतफहमियाँ बढ़ सकती हैं. छोटी-छोटी बातों पर विवाद हो सकता है, इसलिए धैर्य और संयम से काम लें. संतान से जुड़ी चिंताएँ भी परेशान कर सकती हैं. सामाजिक कार्यों में भी कुछ रुकावटें आ सकती हैं. सुझाव: अपनी बात को स्पष्ट रखें और गुस्से से बचें. परिवार के साथ समय बिताकर रिश्तों को मजबूत करें.

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धनु राशि वालों के लिए यह योग पारिवारिक और पेशेवर जीवन में चुनौतियाँ ला सकता है. राहु और मंगल के इस संयोग से घर में तनाव या मतभेद बढ़ सकते हैं. नौकरी या विदेश से जुड़े व्यापार में रुकावटें आ सकती हैं. छात्रों को पढ़ाई में एकाग्रता की कमी महसूस हो सकती है. प्रेम जीवन में भी सावधानी बरतें, क्योंकि छोटी बातें रिश्तों में खटास पैदा कर सकती हैं. सुझाव: स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें, खासकर वाहन चलाते समय सतर्क रहें. कोई भी फैसला लेने से पहले परिवार या विशेषज्ञों से सलाह लें.

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कैसे करें बचाव? हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें, इससे राहु का नकारात्मक प्रभाव कम हो सकता है. मंगलवार और शनिवार को दान-पुण्य करें, जैसे गुड़, तिल या काले कपड़े का दान. किसी भी नए निवेश या बड़े फैसले से पहले ज्योतिषी से सलाह लें.
ध्यान और योग से मानसिक शांति बनाए रखें.

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क्यों है यह योग इतना प्रभावशाली? राहु का कुंभ राशि में प्रवेश और मंगल का कर्क में नीच राशि में होना इस योग को और शक्तिशाली बना रहा है. यह संयोग न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक और आर्थिक मामलों पर भी असर डालेगा. हालांकि, सही उपाय और सावधानी से इन प्रभावों को कम किया जा सकता है.

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नोट: ज्योतिषीय भविष्यवाणियाँ सामान्य हैं और व्यक्तिगत कुंडली पर निर्भर करती हैं. किसी भी बड़े फैसले के लिए अपने ज्योतिषी से संपर्क करें. (अधिक जानकारी के लिए वैदिक ज्योतिष विशेषज्ञों से परामर्श लें.) 

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