डी-मार्ट से चाकू खरीदा...WI-FI कॉल पर दिया मौत का ऑर्डर, नागौर में शादी के 7 साल बाद पत्नी रेखा ने पति को क्यों मरवा दिया?
डीडवाना-कुचामन में टीचर सुरेंद्र की हत्या के मामले में उसकी पत्नी रेखा, प्रेमी राजूराम और साथी जीवणराम गिरफ्तार हुए हैं. रेखा ने नागपुर से वाई-फाई कॉल पर हत्या का प्लान बनाया था और प्रेमी से D-Mart से चाकू खरीदने को कहा.

Nagaur Murder Case: राजस्थान के नागौर जिले के डीडवाना-कुचामन इलाके में एक पत्नी ने शादी के 7 साल बाद अपने पति का मर्डर करवा दिया. पुलिस ने मर्डर की गुत्थी को सुलझाते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. कहानी की शुरुआत 29 नवंबर 2025 की रात को होती है. जहां बोरवाड़ रोड पर पुलिस को सड़क किनारे एक युवक का शव मिला. युवक का गला कटा हुआ था और उसकी पीठ पर गहरे जख्म थे. पुलिस ने शव की पहचान कर परिजनों को सूचना दी.
शुरुआत में परिजनों ने इसे सड़क दुर्घटना समझा लेकिन मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम कराए जाने के बाद सच्चाई सामने आई, जिसमें पता चला कि धारदार हथियार से गला काटा गया था और यह मामला दुर्घटना का नहीं बल्कि हत्या का हो गया. इस पूरी घटना की साजिश युवक की पत्नी ने ही रची थी, उसके प्रेमी और एक अन्य साथी ने मिलकर पति को बेरहमी से मार डाला.
शादी के बाद पत्नी का लव अफेयर
यह कहानी सुरेंद्र उर्फ सुरेश दादरवाल (उम्र 24) और रेखा (उम्र 21) की है. साल 2018 में राजस्थान के ईटावालाखा, गच्छीपुरा थाना इलाके में दोनों की शादी हुई थी. सुरेंद्र एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थे और कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी भी कर रहे थे.
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हालांकि, शादी के बाद रेखा का दिल किसी और लड़के पर आ गया. शादी के कुछ समय बाद ही रेखा बीएससी की पढ़ाई करने के लिए नागपुर स्थित अपने पिता के पास चली गई. रेखा के पिता आर्मी से रिटायर्ड थे और नागपुर में मार्बल-ग्रेनाइट का व्यापार करते थे.
कोचिंग में हुई मुलाकात और प्रेम प्रसंग की शुरुआत
साल 2020 में रेखा ने कुचामन में कोचिंग जॉइन की थी. यहीं पर उसकी मुलाकात राजूराम (उम्र 21) से हुई. राजूराम स्थानीय लड़का था और जल्द ही दोनों के बीच लव अफेयर शुरू हो गया. रेखा ने 2023 में बीएससी की पढ़ाई पूरी कर ली, लेकिन अब उसका पूरा ध्यान अपने पति सुरेंद्र पर नहीं, बल्कि राजूराम पर था.
जांच में यह भी सामने आया कि शादी 2018 में हुई थी लेकिन रेखा का गौना (मुकलावा) नहीं हुआ था. 2023 में रेखा और राजूराम में लव अफेयर फरवान पर चढ़ गया था. इसके बाद दोनों ने सितंबर 2023 में सुरेंद्र को रास्ते से हटाने की साजिश रचनी शुरू कर दी.
नागपुर से रचा गया मौत का ब्लूप्रिंट
रेखा पिछले तीन महीनों से नागपुर में रहते हुए केवल वाई-फाई कॉल के जरिए राजूराम से बात करती थी. उसे लगने लगा था कि पति सुरेंद्र उसके लिए बोझ बन चुका है और राजूराम के साथ नई जिंदगी शुरू करने के लिए सुरेंद्र को रास्ते से हटाना जरूरी है.
नागपुर में बैठी रेखा ने ही सुरेंद्र की हत्या का ब्लूप्रिंट तैयार किया. उसने राजूराम और उसके साथी जीवणराम (उम्र 23) को इस साजिश में शामिल किया. रेखा ने ही आरोपियों को सलाह दी थी कि वे कुचामन स्थित डी-मार्ट से नया चाकू खरीद लें.
बिना मोबाइल और चोरी की बाइक से अंजाम दी वारदात
आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए वारदात के दिन अपने साथ कोई मोबाइल नहीं रखा. इसके अलावा, उन्होंने चोरी की नंबर प्लेट वाली मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया. 29 नवंबर 2025 को रेखा ने सुरेंद्र के बोरवाड़ जाने की खबर राजूराम को दी. राजूराम और जीवणराम दिन भर सुरेंद्र की रेकी करते रहे. जब सुरेंद्र अपनी मोटरसाइकिल से बाहर निकला तो दोनों आरोपियों ने उन्हें रोककर रास्ता भटकने की झूठी कहानी रची.
रास्ता भटकने का नाटक कर किया हमला
जैसे ही सुरेंद्र ने अपनी मोटरसाइकिल रोकी और हेलमेट उतारा, आरोपियों ने ताबड़तोड़ चाकुओं से हमला कर दिया.
मुख्य आरोपी राजूराम ने अपने साथी जीवणराम से चाकू छीनते हुए कहा, "बोला तू लेट करेगा, मुझे दे चाकू".
सुरेंद्र के गले और पीठ पर कई वार किए गए. पीठ पर लगे चाकुओं के ताबड़तोड़ घावों के कारण सुरेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई. हत्या को सड़क हादसा दिखाने की कोशिश में शव को सड़क किनारे फेंक दिया गया.
ससुराल पहुंचकर पत्नी के निकाले नकली आंसू
सुरेंद्र के देर रात तक घर न पहुंचने पर परिजनों ने खोजबीन शुरू की लेकिन उनका फोन बंद था. देर रात पुलिस ने सुरेंद्र के भाई को फोन कर दुर्घटना की सूचना दी और अस्पताल बुलाया. अस्पताल पहुंचने पर परिजनों को सुरेंद्र की मौत की जानकारी मिली.
पीठ पर लगे गहरे घावों को देखकर परिजनों को शक हुआ और उन्होंने हत्या का आरोप लगाया. उधर, हत्या के बाद रेखा का ड्रामा शुरू हो हुआ. वह नागपुर से फ्लाइट लेकर जयपुर आई, फिर किशनगढ़ होते हुए पहली बार शादी के सात साल बाद बाद ससुराल पहुंची और शोक सभा में खूब रोई. लेकिन ये आंसू झूठे थे जो पुलिस की नजरों से बच नहीं सके.
सीसीटीवी फुटेज ने खोला ब्लाइंड मर्डर का राज
गच्छीपुरा थाने में मृतक के पिता उमाराम ने रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस टीम ने जांच शुरू की. जांच में इलाके के सीसीटीवी कैमरों में दो लोग एक बाइक पर दिखे, जिसकी नंबर प्लेट फर्जी थी. पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सबसे पहले आरोपी जीवणराम की पहचान हुई और उसे पकड़ा गया.
सख्ती से पूछताछ करने पर जीवणराम ने राजूराम और रेखा की पूरी साजिश का खुलासा कर दिया. जीवणराम के कबूलनामे के बाद पुलिस ने रेखा और उसके प्रेमी राजूराम को गिरफ्तार कर लिया. मकराना डीवाईएसपी, विक्की नागपाल के अनुसार, पुलिस ने अलग-अलग टीमें गठित करके इस ब्लाइंड मर्डर का मात्र 5 दिनों में खुलासा किया.
पुलिस ने निकाला आरोपियों का जुलूस
रविवार (7 दिसंबर 2025) को रेखा, राजूराम और जीवणराम तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद गच्छीपुरा थाना पुलिस ने दोनों पुरुष आरोपियों (राजूराम और जीवणराम) का कस्बे में जुलूस निकाला.










