भागीरथ मांझी ने अब कर दी इस सीट से टिकट की मांग, राहुल से मिलने की योजना के बीच बताई अपनी मंशा
Bihar Election 2025: माउंटेनमैन दशरथ मांझी के पुत्र भागीरथ मांझी ने बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से बोधगया सीट से टिकट की मांग की है.
ADVERTISEMENT

बिहार में आगामी चुनाव से पहले लोग पार्टी से टिकट की जुगत में जुटे हुए है. इसी कड़ी में एक नाम खूब चर्चा में है 'माउंटेनमैन दशरथ मांझी के पुत्र भागीरथ मांझी का'. विधानसभा चुनाव में भागीरथ मांझी ने कांग्रेस पार्टी से बोधगया सीट से टिकट की मांग की है. साथ ही इनके परिजन यह भी कह रहे हैं कि जब राहुल गांधी उनके घर आए थे तो मांझी परिवार द्वारा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई गई थी. तब राहुल गांधी ने आश्वासान दिया था कि चुनावी मैदान में हम लोगों को उतारेंगे. अब बिहार तक की टीम दशरथ मांझी के घर पहुंची और उनसे बातचीत की. आइए विस्तार से जानते है आखिर क्या कुछ कहा दशरथ मांझी और उनके परिवार के लोगों ने.
चुनाव लड़ने पर दशरथ मांझी ने क्या कहा?
जब हमारे संवाददाता ने चुनाव कहां से लड़ना है तो इस पर भागीरथ मांझी ने कहा की वे बोधगया से चुनाव लड़ना चाहते है. जब उनसे पूछा कि आखिर बोधगया ही क्यों तो उन्होंने कहा कि बोधगया से उनको सुविधा है. साथ ही वहां पर हरिजन भी ज्यादा है जिससे फायदा होगा. आगे जब पूछा गया कि उनकी और राहुल गांधी की गया में क्या बातचीत हुई तो भागीरथ मांझी ने कहा कि वहां पर टिकट के लिए बात ही नहीं हो पाई. एक ओर बारिश हो रही थी और इतनी भीड़ थी कि कोई ऐसा माहौल ही नहीं बना.
भागीरथ मांझी ने दामाद ने क्या कुछ कहा?
जब हमारे संवाददाता ने भागीरथ मांझी के दामाद मिथुन से भी बातचीत की. मिथुन ने जब पूछा गया कि आप लोग कांग्रेस पार्टी के किस सीट से चुनाव लड़ना चाहते है. इस पर मिथुन ने जवाब दिया कि, पापा की हमेशा राहुल गांधी जी से बातचीत हुई है. राहुल गांधी बोले भी हैं कि आपको गया के 10 विधानसभा सीट में से एक सीट का टिकट देंगे.
यह भी पढ़ें...
जब उनसे पूछा गया कि अभी वहां के मौजूदा विधायक की जगह आपको लगता है कि टिकट मिल पाएगा? मिथुन ने कहा कि हम लोगों का पूरा फोकस बोधगया सीट पर ही है और अगर समीकरण फंसता है तो हम लोग इमामगंज सीट के लिए बात करेंगे.
मिथुन से जब पूछा गया कि आपके सामने बाहुबली नेता होंगे, आप उनसे कैसे मुकाबला कीजिएगा? इस पर मिथुन से बड़ी सहजता से जवाब दिया कि, 'हमारे दादा दशरथ मांझी जी ने 22 साल निस्वार्थ भावना से पहाड़ काट के रास्ता बनाए थे. वो नहीं सोचे कि इस रोड पर मेरा परिवार चलेगा कि मेरे समाज. उन्होंने रोड बनाकर साबित कर दिया कि जिस तरह से रोड बनाए हैं वो एक जाति के लिए नहीं बनाए बल्कि पूरा समाज के लिए रोड बनाए थे. ठीक उसी प्रकार हमें भी ऐसा विश्वास है, जिस तरह से बाबा ने 22 साल मेहनत करके जनता के प्रति रोड समर्पित किया, ठीक उसी उद्देश्य से हम लोग चुनावी मैदान में उतरेंगे. सामने वाला कितना भी बाहुबली हो कुछ भी हो लेकिन यहां हम लोग का जो वोट रहेगा बिल्कुल एक ऐसे वोट रहेगा.'