बिहार में महिलाओं को 10 हजार पाने के लिए कहां से मिलेंगे फॉर्म, कहां होगा जमा? परियोजना प्रबंधक से समझिए पूरी बात
Bihar Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana: महिलाओं को 10 हजार की मदद के लिए फॉर्म कहां मिलेगा और कहां जमा होगा? जानें अनुलग्नक-1 व अनुलग्नक-2 फॉर्म की प्रक्रिया, नियम और पात्रता की पूरी जानकारी.
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Bihar Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana: बिहार में चुनावी साल में सीएम नीतीश ने महिलाओं के लिए 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' की शुरुआत की. इसके तहत राज्य के हर परिवार की एक महिला को अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए 10,000 रुपए की सहायता दी जाएगी. लेकिन इसे लेकर लोगों में काफी कंफ्यूजन भी है जैसे कि यह पैसा लेने के लिए फॉर्म कहां से मिलेगा, कहां जमा करना होगा, किसे मिलेगा, आदि. इन्हीं तमाम सवालों का जवाब जानने के लिए बिहार तक के संवाददाता जिला परियोजना कार्यालय पहुंच और वहां के प्रबंधक से खास बातचीत की. आइए विस्तार से जानते है पूरी बात.
पहले जानिए 2 प्रपत्रों का मतलब?
दरअसल इस योजना का लाभ लेने के लिए दो प्रपत्र निकाले गए है जिन्हें अनुलग्नक 1 और अनुलग्नक 2 का नाम दिया गया है. अनुलग्नक 1 उनके लिए है जो पहले से जीविका समूह में जुड़ी हुई है. अनुलग्नक 2 उन महिलाओं के लिए है जो स्वयं सहायता समूह/जीविका से नहीं जुड़ी हुई है, लेकिन इस योजना का लाभ उठाना चाहती है. तब उन्हें यह अनुलग्नक 2 भरना होगा.
फॉर्म कहां से मिलेगा और कहां जमा करना होगा?
अब सबसे बड़ा सवाल आता है कि यह प्रपत्र मिलेगा कहां से? इस पर जिला परियोजना प्रबंधक कहती है कि सिर्फ और सिर्फ ग्राम संगठन से मिलेगा और कहीं से भी नहीं. यह फॉर्म निशुल्क है. साथ ही सिर्फ फॉर्म लेने से नहीं होगा, वहां पर बैठक में भाग लेना होगा. जीविका के ग्राम संगठन में विशेष बैठक होगी और ये महिलाएं उन बैठकों में शामिल होंगी. इस दौरान जो पुरानी सदस्य है उन्हें अनुलग्नक 1 में मांगी गई जानकारी को भरना होगा. फिर इस फॉर्म पर अध्यक्ष और सचिव का हस्ताक्षर होगा जिसके बाद यह ब्लॉक में भेज दिया जाएगा.
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अनुलग्नक 2 उन महिलाओं के लिए है जो समूह से पहली बार जुड़ रही है. उन महिलाओं पहले समूह के बारे में जानकारी दी जाएगी क्योंकि समूह में जुड़ना है तो समूह के नियम का पालन करना है.
समूह का क्या है नियम?
परियोजना प्रबंधक ने बताया कि समूह के नियम में पंचसूत्र होता है. इसमें नियमित साप्ताहिक बैठक होता है. नियमित बचत होता है, साप्ताहिक बचत होता है, फिर नियमित लेन-देन होता है, फिर ऋण वापसी होता है और फिर लेखा जोखा होता है. अनुलग्नक 2 में महिलाओं से मांगी गई जानकारी जैसे नाम, पिता या पति का नाम, उम्र, श्रेणी, आधार संख्या से लिंक हुआ बैंक खाते का डिटेल आदि भरना होगा.
यहां देखें दोनों प्रपत्र
शहरों की महिलाएं क्या करें?
परियोजना प्रबंधक ने कहा है कि गांव में ग्रामीण संगठन होते है, उसी प्रकार से शहरी क्षेत्र में एरिया लेवल ऑर्गेनाइजेशन होता है जिसे ALO कहते है. शहरी क्षेत्र में यह प्रपत्र अनुलग्नक 1 'क' और अनुलग्नक 1 'ख' के नाम से मिलेगा. जहां ALO नहीं होंगे वहां नगर आयुक्त या नगर पदाधिकारी एक पदाधिकारी को चिह्नित करेंगे और वे इस काम को करेंगे.
किन महिलाओं को नहीं मिलेगी इस योजना की सुविधा?
आपको बता दें कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ मापदंड भी बनाए गए है. इसके तहत आवेदिका उम्र अगर 18 साल से कम या 60 साल से ज्यादा है तो उन्हें इसका फायदा नहीं मिलेगा. साथ ही आवेदिका या उनका पति आयकर दाता है और आवेदिका या उनका पति सरकारी सेवा(नियमित/संविदा) में कार्यरत है तब भी उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा.
जीविका आखिर होती क्या है?
जीविका बिहार सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है. यह परियोजना समान सामाजिक-आर्थिक स्तर वाली महिलाओं को छोटे-छोटे स्वयं सहायता समूहों में संगठित करती है. इन समूहों के माध्यम से, जीविका महिलाओं के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाती है, जैसे कि उनकी क्षमता बढ़ाना, शुरुआती पूंजी प्रदान करना, बैंकों से ऋण (लोन) प्राप्त करने में मदद करना और आय बढ़ाने वाली गतिविधियों को बढ़ावा देना. इस तरह, जीविका यह सुनिश्चित करती है कि महिलाएं न केवल अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकें बल्कि एक बेहतर और सुरक्षित जीवन भी जी सकें.