बिहार में बीजेपी के साथ सरकार बनाने के बाद फिर नीतीश कुमार कर सकते हैं बड़ा खेला? AIMIM के पांच विधायकों की मुलाकात पर गरमाई राजनीति
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में फिर से हलचल तेज हो गई है. AIMIM के पांच विधायकों की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद चर्चा शुरू हो गई है कि जदयू एक बार फिर बड़ा राजनीतिक खेला कर सकती है. जानें इस मुलाकात में क्या कुछ हुआ और AIMIM विधायकों के समर्थन से कैसे बदल सकता है सत्ता समीकरण.

बिहार में विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद नई सरकार का गठन हुआ. इस बार एनडीए ने रिकॉर्ड 202 सीटें जीतीं, जिसमें बीजेपी सबसे ज्यादा 89 सीट और जदयू 85 सीटें जीती. बाद बाकी 19 सीटें एलजेपी(आर), 5 सीटें हम और 4 सीटें आरएलएम के खाते में गई है. लेकिन अब अचानक से एक चर्चा शुरू हो गई है कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू एक बार फिर खेला कर सकती है और इसमें मदद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के विधायक करेंगे. इस चर्चा ने एक बार फिर बिहार की राजनीति को गरमा दिया है और कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है.
आखिर क्यों हो रही है ऐसी चर्चा, AIMIM के विधायकों ने नीतीश कुमार से मुलाकात में क्या-कुछ कहा और राजनीति गरमाने के पीछे की क्या है वजह...आइए विस्तार से जानते हैं क्या कुछ है पूरी बात.
AIMIM के पांच विधायक पहुंचे नीतीश से मिलने
बिहार में चुनाव जीतने के बाद ही गहमा-गहमी लगातार बरकरार है. इसी बीच बीते कल यानी 8 दिसंबर को AIMIM की पार्टी के जीते हुए 5 विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मुलाकात करने पहुंचे. इस दौरान विधायक दल के नेता अख्तरुल ईमान भी उन लोगों के साथ में थे और सभी ने सीमांचल क्षेत्र के विकास से जुड़े मुद्दों को सरकार के सामने रखा. इसी बीच AIMIM के विधायक मुर्शीद आलम ने मीडिया से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार की जमकर तारीफ कर दी, जिसके बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं और तेज हो गई.
मुर्शीद आलम ने नीतीश कुमार को बताया राजनीतिक गुरु
मीडिया से बातचीत के दौरान AIMIM के जोकिहाट के विधायक मुर्शीद आलम ने कहा कि, मैंने जोकिहाट विधानसभा में डिग्री कॉलेज के लिए मु्ख्यमंत्री जी से मुलाकात की और साथ ही एक प्रखंड की भी मांग की है. सीएम ने मेरे सामने ही आदेश दिया की इसको गंभीरता से देखा जाए.
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आगे मुर्शीद आलम ने नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि, 2014 से 2024 तक हम सीएम के साथ रहें, उन्होंने मुझे एक प्लेटफॉर्म दिया है और बिहार में कहीं ना कहीं उन्होंने ही मुझे पहचान दिलाया है. मैंने दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम कभी उन्हें भुला दें, वो मेरे राजनीतिक गुरु है. उन्होंने आगे यह भी कहा कि, हम एक मुखिया थे और जदयू ने ही कैंडिडेट बनाकर मुझे चुनाव लड़ाया. मुझे पहचान दिलाने में उनकी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका रही.
अब जानिए इस मुलाकात के मायने?
राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात ने हलचल तेज कर दी है. कहा जा रहा है कि 2020 की तरह असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के साथ एक बार फिर खेला हो सकता है और जदयू का बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनने का सपना पूरा हो सकता है. दरअसल इस चुनाव में भाजपा के 89 सीटों के बाद जदयू ही 84 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. अब AIMIM के पांच विधायक अगर नीतीश कुमार के साथ चले जाते हैं तो नीतीश कुमार की पार्टी 90 सीटों पर चली जाएगी. अगर ऐसा हुआ तो फिर एक बार बिहार में जदयू सबसे बड़ी पार्टी बनेगी और कहा जा रहा कि फिर से खेला हो सकता है.
2020 में AIMIM में क्या हुआ था?
2020 के चुनाव की बात करें तब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल में अच्छा परफॉर्म कर 5 सीटें जीती थी. लेकिन बाद में उनके विधायक टूट जाते हैं और 5 से 4 विधायक आरजेडी का दामन थाम लेते है. तब अख्तरुल ईमान अकेले विधायक बच जाते हैं. अब इस बार भी ऐसा है जहां AIMIM ने फिर 5 सीटें जीती है और अब सभी ने नीतीश कुमार से मुलाकात की है जिसने राजनीतिक पारा हाई कर दिया है.
'सीएम नीतीश के बेटे की होगी राजनीति में एंट्री'
इस मुलाकात से पहले सीएम नीतीश के बेटे निशांत की राजनीति में एंट्री को लेकर भी जानकारी सामने आई थी. जदयू के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि निशांत कुमार की जल्द ही राजनीति में एंट्री होने वाली है. उन्होंने कहा था कि जदयू के सभी कार्यकर्ता, शुभचिंतक और समर्थक चाहते है कि वे राजनीति में एंट्री करें और पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाएं. वहीं इसके बाद पटना की सड़कों पर निशांत की राजनीतिक एंट्री को लेकर पोस्टर भी लगाए गए थे.
इनपुट- शशि भूषण कुमार
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