सीमांचल में RJD को तगड़ा झटका, दिग्गज नेता सरफराज आलम जन सुराज में शामिल

सीमांचल के पूर्व सांसद सरफराज आलम ने आरजेडी से इस्तीफा देकर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी जॉइन कर ली है. उन्होंने आरजेडी पर 'पुरानी दाल-चटनी वाली' राजनीति करने का आरोप लगाया. पीके ने इसे सीमांचल में विकास की राजनीति की शुरुआत बताया.

Sarfraz Alam
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बिहार की राजनीति में पहले चरण के चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को बड़ा झटका लगा है. सीमांचल के कद्दावर दिवंगत नेता तसलीमुद्दीन के बेटे और पूर्व सांसद सरफराज आलम ने RJD से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अब प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली 'जन सुराज' पार्टी का दामन थाम लिया है. सरफराज आलम सीमांचल में RJD की एक मजबूत आवाज माने जाते थे.

RJD की 'पुरानी' राजनीति से नाराज सरफराज

जन सुराज में शामिल होते हुए सरफराज आलम ने RJD पर खुलकर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि RJD में अभी भी वही पुरानी ‘दाल-चटनी’ वाली राजनीति चल रही है, जिसमें किसी भी तरह के बदलाव की गुंजाइश खत्म हो चुकी है. 

सरफराज ने बताया कि वह अपने पिता की विरासत को जन सुराज के जरिए आगे बढ़ाएंगे. उन्होंने सीमांचल की समस्याओं, जैसे गरीबी, शिक्षा की कमी और पिछड़ेपन पर ध्यान देने की बात कही.

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विकास की राजनीति होगी: PK

सरफराज आलम को पार्टी में शामिल करते हुए जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने इसे सीमांचल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव बताया. पीके ने विश्वास जताया कि अब इस क्षेत्र में 'डर की राजनीति' खत्म होगी और 'विकास की राजनीति' का नया अध्याय शुरू होगा. उन्होंने कहा कि सरफराज आलम सीमांचल में जन सुराज की स्थिति को और मजबूत करेंगे.

AIMIM पर साधा निशाना

प्रशांत किशोर ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM पर भी अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोला. उन्होंने कहा कि सीमांचल की समस्याओं को केवल वही समझ सकता है, जो यहां की मिट्टी से जुड़ा हो, न कि कोई 'हैदराबाद से आने वाला'.

पीके ने एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों पर भी निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों ही गठबंधन 'सीट बेचने की होड़' में लगे हैं, जिसके कारण जनता के असल मुद्दे राजनीति से गायब हो चुके हैं.

सम्राट चौधरी पर सीधा हमला

प्रशांत किशोर ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने सवाल उठाया कि सम्राट चौधरी को अपने चुनावी हलफनामे में साफ बताना चाहिए कि उन्होंने दसवीं पास की है या नहीं. साथ ही, उन्होंने 1995 के एक हत्या कांड में उनकी भूमिका पर भी सवाल खड़े किए. पीके ने घोषणा की है कि वह सम्राट चौधरी के चुनावी हलफनामे की कानूनी जांच करवाएंगे.

 

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