बिहार के 6 जिलों में मां के दूध में मिला यूरेनियम, 70% बच्चों की हेल्थ पर खतरा, स्टडी से खुलासा

बिहार की एक स्टडी में छह जिलों की 40 महिलाओं के मां के दूध में यूरेनियम पाया गया. कटिहार और खगड़िया में स्तर सबसे ज्यादा मिले. करीब 70% बच्चे जोखिम में हैं.

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बिहार के छह जिलों में स्तनपान कराने वाली महिलाओं के दूध में यूरेनियम मिला है. यह बात नेचर जर्नल में एक नई स्टडी में सामने आई है. रिसर्च महावीर कैंसर संस्थान पटना और AIIMS दिल्ली ने मिलकर की है. स्टडी 2021 से 2024 के बीच की गई है.

बिहार के 6 जिलों की महिलाओं पर यह स्टडी की गई थी. इनमें भोजपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, कटिहार और नालंदा जिलों से सैंपल लिए गए थे. सबसे हैरानी की बात यह है कि हर सैंपल में यूरेनियम पाया गया है.

कटिहार में सैंपल में सबसे ज्यादा यूरेनियम

कटिहार से लिए गए सैंपल में सबसे ज्यादा यूरेनियम पाया गया है. खगड़िया में एवरेज लेवल से ऊंचा मिला, जबकि नालंदा में यह सबसे कम था. 

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रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 70 प्रतिशत शिशुओं को यूरेनियम के ऐसे स्तरों के संपर्क में आने का जोखिम पाया गया है, जो संभावित रूप से गैर-कार्सिनोजेनिक (Non-Carcinogenic) स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं.

एम्स के कॉ-ऑथर डॉ. अशोक शर्मा ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अभी नहीं जानते कि यूरेनियम कहां से आ रहा है. यह बच्चों में किडनी खराब होना, दिमाग पर असर, धीमी ग्रोथ और आगे चलकर कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है.

बिहार में भूजल पर ज्यादा निर्भरता, फैक्ट्री का गंदा पानी और रासायनिक खाद-कीटनाशकों के कारण पहले ही आर्सेनिक, लेड और मर्करी मिल चुके हैं. अब ब्रेस्ट मिल्क में यूरेनियम मिलने से नया जोखिम खड़ा हो गया है. रिसर्च टीम ने कहा कि स्तनपान बंद नहीं करना चाहिए. यह बच्चे के लिए बहुत जरूरी है.

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