चिराग के बदले सुर, पहले नीतीश सरकार को समर्थन देने पर जताया था दुख, अब उन्हें बोले "सुशासन बाबू", सामने आई पूरी कहानी
Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति में चिराग पासवान का यू-टर्न! पहले नीतीश सरकार पर साधा था निशाना, अब उन्हें कहा 'सुशासन बाबू'. जानिए इस बदलते राजनीतिक समीकरण की पूरी कहानी.
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Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति में एक बार फिर मोड़ आया है. बीते कुछ दिनों से केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान बिहार में मौजूदा सरकार को लेकर कई तरह के बयान दिए है. उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि उन्हें दुःख है कि वे ऐसे सरकार के साथ है जहां कानून व्यवस्था इतना चरामरा हुई हो.
बस इस बयान के बाद चिराग पासवान को सहयोगी दल से जबरदस्त आलोचना झेलना पड़ा था. लेकिन अब अचानक चिराग पासवान के सुर बदल गए है और वो नीतीश सरकार की सरहाना करने लगे है. आइए जानते हैं पूरा मामला और आखिर ऐसा क्या हुआ की अचानक चिराग ने बदल दी अपनी बात.
नीतीश कुमार ही सुशासन बाबू- चिराग
दरअसल बीते कल यानी 10 अगस्त को चिराग पासवान हाजीपुर में एक केंद्रीय विद्यालय के उद्घाटन में पहुंचे थे. यहीं पर भाषण देने के क्रम में उन्होंने दावा किया कि बिहार में सीएम नीतीश के नेतृत्व में ही सुशासन का राज संभव है. साथ ही उन्होंने अपने पुराने बयानों पर सफाई भी दिया और कहा कि उनके बयानों को बगावत के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए , बल्कि उन बयानों में बिहार के लोगों के लिए उनकी चिंता थी .
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कानून- व्यवस्था को नीतीश सरकार पर साधा था निशाना
आपको बता दें कि चिराग पासवान ने बीते महीने 6 जुलाई को अपनी ही सरकार की आलोचना की और दोहराया कि वह आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए चिराग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह ऐसा बिहार देखना चाहते हैं जहां लोग बिना किसी डर के आजादी से घूम सकें.
चिराग ने आगे कहा कि उन्हें ऐसे शासन का समर्थन करने में दुख हो रहा है जो बेलगाम अपराधों को रोकने में असमर्थ है और राज्य के लोगों के जीवन के साथ खेल रहा है.
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चिराग के बयान पर NDA में मचा था घमासान
चिराग के बागी और हमलावर तेवर से गुस्साई JDU ने चिराग को सुनाने का कोई मौका नहीं छोड़ा. जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर ने तो यह तक कह दिया कि चिराग ड्रामेबाज है, उन्हें बिहार और बिहारियों से कोई मतलब नहीं है, बल्कि उन्हें मतलब है तो सिर्फ अपनी कुर्सी से. जेडीयू एमएलसी ने चिराग को एनडीए गठबंधन छोड़ देने की भी सलाह दी थी. वहीं एनडीए के एक और सहयोगी दल हम के प्रमुख और केंद्र में मंत्री जीतन राम मांझी ने भी चिराग के बयान की आलोचना करते हुए उन्हें राजनीति में कम अनुभव है, इसका तंज भी कसा था.
NDA में अलग थलग पड़ गए थे चिराग?
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल और चिराग के बगावती बयानों को लेकर बीजेपी और एनडीए गुट के नेताओं में भारी नाराजगी देखने को मिल रही थी. खबर ये भी आई की चिराग के ऐसे बयानों से BJP खासी नाराज है और बीजेपी-जेडीयू के बीच चिराग NDA में अलग थलग पड़ते दिख रहे है.
इस खबर को हवा तब मिली जब सीतामढ़ी के पुनौराधाम में सीता मंदिर के शिलान्यास जैसे एक बड़े कार्यक्रम में अमित शाह और नीतीश की मौजूदगी में चिराग सीतामढ़ी में मौजूद होने के बावजूद भी साथ नजर नहीं आए. हालांकि चिराग ने इस पूरे मामले को मौसम की वजह से लेट पहुंचने का हवाला देते हुए इसे विपक्ष का मुद्दा बताया. अब चिराग के बदले बयान को रूठे हुए सहयोगी को मनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.