बिहार में 6 नेताओं की बढ़ी सुरक्षा, सम्राट चौधरी को Z+ सिक्योरिटी के साथ ASL तो वहीं तेजस्वी को मिली Z कैटेगरी की सुरक्षा
Bihar election 2025: बिहार में 6 नेताओं की सुरक्षा बढ़ाई गई, सम्राट चौधरी को Z+ और ASL सुरक्षा, तेजस्वी यादव को Z कैटेगरी, पप्पू यादव को Y+ सुरक्षा मिली. जानिए पूरी लिस्ट और वजह.

Bihar election 2025: बिहार में इस साल नवंबर तक विधानसभा चुनाव हो सकते है. हालांकि इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन हर राजनीतिक दल इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है. फिलहाल एक बड़ी खबर सामने आई है कि राज्य सरकार के 6 प्रमुख नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किया गया है.
गृह विभाग की ओर से जारी हुए इस आदेश के मुताबिक यह नई सुरक्षा व्यवस्था 1 अगस्त को हुए बैठक में लिया गया है. इस लिस्ट में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री से लेकर सांसद और पूर्व मंत्री तक शामिल है. आइए विस्तार से जानते है लिस्ट में कौन-कौन लोग शामिल है.
सम्राट चौधरी को मिली ये सुरक्षा
इस व्यवस्था में बदलाव के तहत सबसे बड़ा बदला राज्य के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की सुरक्षा में किया गया है. अब सम्राट चौधरी को Z+ श्रेणी के साथ-साथ ASL(एडवांस सिक्योरिटी लाइजन) की सुरक्षा दी जाएगी. आपको बता दें कि Z+ श्रेणी में भारी संख्या में सशस्त्र कमांडो और विशेष एस्कॉर्ट वाहन का पूरा दस्ता होता है जो हर समय नेता की सुरक्षा में तैनात रहते है.
यह भी पढ़ें...
नेता प्रतिपक्ष को मिली Z कैटेगरी की सुरक्षा
राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की भी सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किए गए है. चुनावी माहौल और जनसभाओं को देखते हुए अब तेजस्वी यादव को Z कैटेगरी की सुरक्षा मिलेगी, जो की पहले Z कैटेगरी की थी.
पप्पू यादव को मिली Y+ सिक्योरिटी
इसी लिस्ट में पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव का भी नाम है. अब पप्पू यादव को Y+ श्रेणी की सिक्योरिटी मिलेगी. हाल के दिनों में उनकी जनसभा और पूरे राज्य में सक्रियता को देखते हुए इनकी सुरक्षा बढ़ाई गई है.
इन नेताओं की सुरक्षा भी बढ़ी
इसके साथ अररिया के सांसद प्रदीप कुमार सिंह को Y+ श्रेणी, बिहार विधानसभा के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को Y कैटेगरी और विधान परिषद सदस्य एवं सतर्कता सलाहकार दल नीरज कुमार को Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई है.
क्या है बदलाव की वजह?
मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह बदलाव सेंट्रल और स्टेट सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश के बाद लिया गया है. आगामी चुनाव में नेताओं के आवागमन, जनसभा और रैलियां बढ़ जाती है, जिससे की सुरक्षा जोखिम भी बढ़ते है. फिलहाल बिहार में चुनाव की तैयारियां अपने चरम पर है और सरकार सभी नेताओं की सुरक्षा को लेकर काफी सतर्क है.
यह खबर भी पढ़ें: बिहार: चुनावी मैदान में उतरेंगे नीतीश कुमार के बेटे निशांत! JDU दफ्तर के बाहर पोस्टर से मची हलचल










