चिराग के घर में जमीन का बंटवारा, पारिवारिक संपत्ति विवाद के चलते बिगड़ी राजकुमारी देवी की तबीयत
राजकुमारी देवी ने अपने बेटे चिराग पासवान को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द गांव की जमीन का कानूनी रूप से बंटवारा करवा लें नहीं तो आगे चलकर उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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बिहार की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी की तबीयत खराब हो गई है. वे इन दिनों खगड़िया जिले के शहरबन्नी स्थित अपने पैतृक आवास पर रह रही हैं जहां परिवारिक विवाद के कारण उनकी सेहत और बिगड़ गई है. डॉक्टरों की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है और घर पर ही उनका इलाज जारी है.
राजकुमारी देवी लंबे समय से पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे को लेकर परेशान हैं. उन्होंने अपने देवर पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस, पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पारस ने अब तक पैतृक संपत्ति का बंटवारा नहीं किया है और कुछ जमीन को जबरन अपने कब्जे में ले रखा है.
राजकुमारी देवी ने अपने बेटे चिराग पासवान को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द गांव की जमीन का कानूनी रूप से बंटवारा करवा लें नहीं तो आगे चलकर उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
गौरतलब है कि रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही पासवान परिवार में राजनीतिक और पारिवारिक विवाद गहराता गया है. पहले यह विवाद लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में टूट के रूप में सामने आया, जब चिराग पासवान को पार्टी से अलग कर उनके चाचा पशुपति पारस ने पार्टी की कमान अपने हाथों में ले ली. अब ये विवाद पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे तक पहुंच गया है.
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राजनीतिक विवाद से पारिवारिक कलह तक
रामविलास पासवान बिहार की राजनीति में एक बड़ा नाम थे और केंद्र में भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण पद संभाले थे. उनके निधन के बाद पासवान परिवार दो गुटों में बंट गया. एक तरफ चिराग पासवान जो अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरी तरफ पशुपति कुमार पारस जिन्होंने पार्टी पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया.
जब लोजपा में टूट हुई तो ये सिर्फ राजनीतिक मतभेद माना जा रहा था, लेकिन अब यह साफ हो चुका है कि ये विवाद सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं है. बल्कि पारिवारिक संपत्ति तक भी पहुंच चुका है. राजकुमारी देवी का यह बयान इस विवाद को और गहरा कर सकता है.
राजकुमारी देवी का जीवन और राजनीति से दूरी
गौरतलब है कि राजकुमारी देवी हमेशा राजनीति से दूर रहीं, हालांकि वे रामविलास पासवान के शुरुआती राजनीतिक सफर की गवाह रही हैं. रामविलास पासवान ने राजनीतिक जीवन में आगे बढ़ने के बाद दूसरी शादी की. जिससे उनका पारिवारिक जीवन विवादों में घिर गया था. राजकुमारी देवी ने हमेशा साधारण जीवन को प्राथमिकता दी और खगड़िया में ही रहीं.
लेकिन अब जब संपत्ति का मुद्दा सामने आया है, तो उनकी चिंता बढ़ गई है. वे चाहती हैं कि उनके बेटे चिराग पासवान अपने पिता की राजनीतिक और पारिवारिक विरासत को सही तरीके से संभालें और गांव की संपत्ति का जल्द से जल्द निपटारा करें.
चिराग पासवान के लिए नया सिरदर्द?
राजकुमारी देवी के इस बयान से चिराग पासवान के लिए नई चुनौती खड़ी हो सकती है. वे पहले ही अपने चाचा से राजनीतिक रूप से अलग हो चुके हैं और अब पारिवारिक संपत्ति विवाद में भी फंस सकते हैं.
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