तेज प्रताप यादव ने बिहार में चुनावी सौगात पर कसा तंज, कहा- चुनाव खत्म होते ही सब कुछ भूल जाते हैं

तेज प्रताप यादव ने मीडिया से बात करते हुए बिहार में नेताओं के बीच आपसी आरोपबाजी और चुनावी प्रलोभन पर तीखा हमला किया है. इसके साथ ही उन्होंने छात्रवृत्ति और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा.

tej pratap yadav
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जनशक्ति जनता दल के अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने मीडिया से बात करते हुए बिहार के राजनीतिक पर अपनी राय रखी. इस तेज प्रताप यादव ने अपने संगठन के विस्तार के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि उनका पूरे बिहार में दौरा चल रहा है. इसका मकसद संगठन को मजबूत करना है. उन्होंने कहा, "हम संगठन मजबूत करने के लिए प्रदेश के दौरे पर निकले हैं. लोगों के बीच में जा रहे हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर उनकी एक तस्वीर पोस्ट किए जाने पर उन्होंने प्रतिक्रिया दी. इसमें उन्हें भगवान राम की तरह बताया गया है था. पोस्ट में कहा गया है कि तेज प्रताप को कभी भी गद्दी की लालसा नहीं रही और उन्होंने भाई के कारण गद्दी का त्याग कर दिया है. इस पर तेज प्रताप ने कहा कि यह पोस्ट उनके समर्थकों द्वारा किया गया है. उन्होंने कहा कि लोग अपने मन के विचार जनता के बीच में रखते हैं और इस पर वह कुछ नहीं कह सकते.

प्रशांत किशोर के आरोपों पर क्या बोले

प्रशांत किशोर के अशोक चौधरी और सम्राट चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर लगाने पर उन्होंने कहा कि नेता लोग एक-दूसरे पर आरोप लगाना बंद करें. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता की सुनों. बिहार की जनता इन दिनों बेहाल पड़ी हुई है काई जनता को पूछ ही नहीं रहा है.  तेज प्रताप यादव ने आरोप लगाया कि नेता लोग आपस में 'रोटी सेकना' और अभद्र टिप्पणी करने में व्यस्त हैं. लेकिन कोई बेरोजगारी या जनता के मुद्दों की बात नहीं कर रहा है.

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दस-दस हजार रुपये देने पर कसा तंज 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के युवाओं से बात करने और चुनावी सौगात के वादों पर तेज प्रताप यादव ने तंज कसा. उन्होंने कहा कि सौगात तो चुनाव आने पर ही मिलता है. उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं के अकाउंट में दस-दस हजार रुपये के प्रलोभन बताया. उन्होंने कहा कि यह सब चुनावी हथकंडे हैं. चुनाव खत्म होते ही सब कुछ भूल जाते हैं और कोई जनता का हाल पूछने वाला नहीं रहता.

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छात्रवृत्ति पर सरकार को घेरा

छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाए जाने के मुख्यमंत्री के कदम पर उन्होंने सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि पहले यह राशि क्यों नहीं बढ़ाई गई? उन्होंने छात्रों पर लाठी चार्ज करवाए जाने का मुद्दा भी उठाया और कहा कि अब मारकर, पिटवाकर छात्रवृत्ति दी जा रही है. उन्होंने इस पूरे कदम को प्रलोभन बताया और दावा किया कि बिहार अब दुबारा इस तरह के प्रलोभन के चक्कर में नहीं फंसेगा.

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