8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग के इंतजार में ठंडी पड़ी UPS, 23 लाख कर्मचारियों ने ठुकराई नई पेंशन स्कीम

8th pay commission: केंद्र सरकार ने ओल्ड पेंशन बहाल तो नहीं की लेकिन सिक्योर्ड पेंशन का वादा करने वाली यूनिफाइड पेंशन स्कीम लाई थी. अब कर्मचारी इसे अपनाने से पीछे हट रहे हैं. जानें क्या है ये पूरा विवाद.

NPS vs OPS pension scheme
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केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) बहाली की मांग तो पूरी नहीं की, लेकिन सिक्योर्ड पेंशन की गारंटी वाली यूपीएस स्कीम (UPS) का तोहफा दिया. अब यह स्कीम सरकार के गले में फंस चुकी है. 20 साल में एनपीएस की ऐसी आदत लगी कि अब कर्मचारी सिक्योर्ड पेंशन की यूपीएस की तरफ जाने को तैयार नहीं हैं. करीब 23 लाख ऐसे कर्मचारी हैं जो ओल्ड पेंशन स्कीम से निकाले गए और एनपीएस में डाले गए. 20 साल बाद सरकार पेंशन देने के लिए यूपीएस लाई लेकिन यह स्कीम फेल होती दिख रही है. सिर्फ एक लाख लोगों ने एनपीएस से यूपीएस में जाने का ऑप्शन चुना है.

सरकार ने दी डेडलाइन में तीसरी बार बढ़ोतरी

एक अप्रैल से सरकार ने यूपीएस लागू किया. कर्मचारियों को वन टाइम ऑप्शन दिया कि वे चाहें तो एनसीपी से यूपीएस में शिफ्ट हो जाएं. यूपीएस में सब तो नहीं, लेकिन बहुत कुछ ऐसा है जो ओल्ड पेंशन जैसा है-सिक्योरिटी है, फिक्स पेंशन है. फिर भी कर्मचारी अब एनपीएस से यूपीएस में नहीं जाना चाहते. सरकार ने एनपीएस से यूपीएस में जाने के लिए डेडलाइन तीसरी बार बढ़ाई है. पहले 30 जून तक ऑप्शन था, फिर बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया. अब नई डेडलाइन 30 नवंबर की है.

अब तक सिर्फ एक लाख कर्मचारियों ने किया स्विच

20 जुलाई तक 31 हजार केंद्रीय कर्मचारियों ने एनपीएस से यूपीएस का ऑप्शन चुना. फिर 30 सितंबर तक एक लाख लोगों ने स्विच किया, जबकि टारगेट है 23 लाख कर्मचारी. 1 जनवरी 2004 के बाद ज्वाइन करने वाले यूनिफाइड पेंशन स्कीम में आते हैं. ऐसे कर्मचारी ज्वाइन करने के बाद डिफॉल्ट एनपीएस में थे. अब यूपीएस में जाने का ऑप्शन खुला है.

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यूपीएस के तहत गारंटीड पेंशन का नियम

यूपीएस में नियम है कि अगर किसी ने 10 साल की सर्विस पूरी कर ली तो कम से कम 10 हजार की गारंटीड पेंशन मिलेगी. 25 साल या उससे ज्यादा सर्विस करने वालों को आखिरी 12 महीने की एवरेज सैलरी की 50 प्रतिशत पेंशन मिलेगी. ओल्ड पेंशन में भी पेंशन करीब-करीब इतना ही मिलता था. कर्मचारी के नहीं रहने पर फैमिली पेंशन 60 प्रतिशत मिलेगी. पेंशन के लिए कर्मचारी को सिर्फ 10 प्रतिशत कॉन्ट्रीब्यूट करना है जबकि सरकार 18.5 प्रतिशत कॉन्ट्रीब्यूट कर रही है. सरकार ने एनसीपी से यूपीएस में स्विच करने का ऑप्शन उन सभी को दिया जो 2004 के बाद एनपीएस के तहत रिटायर हुए.

एनपीएस: मार्केट लिंक्ड पेंशन स्कीम

एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम शेयर मार्केट लिंक्ड स्कीम है. कर्मचारियों की सैलरी से जो एनपीएस कटता है, उससे शेयर, बॉन्ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज खरीदे जाते हैं. इसमें फिक्स रिटर्न की गारंटी नहीं होती. यह संभव है कि जमा किए गए पैसे के बदले कम रिटर्न भी मिले या छप्पर फाड़ कर भी मिल जाए. 20 साल में लोगों को एनपीएस के जरिए शेयर बाजार का चस्का लगा है, जिससे वे अब फिक्स पेंशन की तरफ देखना नहीं चाहते.

आठवें वेतन आयोग के एलान के बीच नया ऑफर

यह ऑफर तब है जब सरकार आठवां वेतन आयोग बनाने का एलान कर चुकी है. देर हो रही है लेकिन आज नहीं तो कल एक जनवरी 2026 से एरियर के साथ मोटा सैलरी इंक्रीमेंट होगा. चर्चा है कि 18 हजार की बेसिक सैलरी बढ़कर 35-36 या 50-51 हजार तक हो सकती है. जितनी ज्यादा बेसिक सैलरी बढ़ेगी, उसी हिसाब से पेंशन की एलिजिबिलिटी भी बढ़ेगी, लेकिन इसका फायदा तभी मिलेगा जब यूनिफाइड पेंशन स्कीम में स्विच करेंगे.

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ग्रेचुएटी और वन टाइम पेमेंट का प्रावधान

सरकार ने पेंशन के साथ यूपीएस में ग्रेचुएटी और वन टाइम पेमेंट का भी ऑप्शन बनाया. सर्विस के हर महीने की नौकरी पर सैलरी का 10 प्रतिशत वन टाइम पेमेंट किया जाएगा. मतलब, पूरी नौकरी के दौरान जितने साल सैलरी की उसके आधे का 10 प्रतिशत वन टाइम मिल जाएगा.

ओल्ड पेंशन स्कीम जैसी सुविधाओं पर सवाल

यही सब सुविधाएं खत्म करके एनपीएस लाया गया था, जिसका खूब विरोध हुआ. पेंशन संगठन इस बात की शिकायत करते रहे कि अगर सरकार ने यूपीएस को ओल्ड पेंशन जैसा ही बनाया तो फिर ओल्ड पेंशन ही क्यों नहीं लागू की. एक बड़ी शिकायत यह है कि यूपीएस में फुल पेंशन के लिए 25 साल की सर्विस मस्ट की गई है. सवाल उठे कि अर्द्धसैनिक बल के कर्मचारी तो 20 साल में रिटायर हो जाते हैं, तो उन्हें कैसे मिलेगी फुल पेंशन. एनपीएस का विरोध इसलिए होता रहा कि फिक्स पेंशन की गारंटी नहीं और डीए भी शामिल नहीं. फायदा यह है कि कर्मचारी का पैसा उसे या उसके परिवार को मिल जाता है और एक पोर्शन शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट हो जाता है.

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एनपीएस से यूपीएस में स्विच करने की प्रक्रिया

जो अप्लाई करके यूपीएस में जाएंगे उन्हें पेंशन मिलेगी. जो नहीं करेंगे, वे एनपीएस में रह जाएंगे. उन्हें मार्केट लिंक्ड पेंशन मिलेगी, जिसे नाकाफी कहा जाता रहा है. एक बार यूपीएस में चले गए तो वापस एनपीएस में नहीं लौट पाएंगे. न्यू ज्वाइनी को 30 दिन में बताना होगा कि वे यूपीएस लेना चाहते हैं या नहीं.

जानें ऑनलाइन स्विचिंग का प्रोसेस

एनपीएस से यूपीएस में जाने के लिए करना इतना ही है कि (https://enps.nsdl.com](https://enps.nsdl.com) की वेबसाइट पर लॉग इन करके एनपीएस से यूपीएस का ऑप्शन चुनना होगा. PRAN और जन्मतिथि डालनी होगी. रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी ऑथेंटिकेट करना होगा. डिक्लेरेशन एक्सेप्ट करना होगा. आधार नंबर से ई-सिग्नेचर कंप्लीट करने से स्विचिंग हो जाएगी. ऑनलाइन नहीं करता है तो अपने ऑफिस को ऑप्शन बता सकते हैं.

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