Goldman Sachs के CEO का शेयर बाजार के निवेशकों को चेतावनी, AI बबल फूटेगा या आएगा बड़ा झटका!
Goldman Sachs के सीईओ डेविड सोलोमन ने चेतावनी दी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की तेजी आने वाले 1-2 वर्षों में निवेशकों को नुकसान पहुंचा सकती है. जानिए कैसे बाजार पर कैसे इम्पैक्ट आएगा और क्या करना चाहिए?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई पर इस समय दुनिया दीवानी है, लेकिन अब गोल्डमैन शैक्स के सीईओ डेविड सोलोमन ने वो बात कह दी है जो निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर देगी. उन्होंने साफ कहा कि आने वाले 12 से 24 महीनों में शेयर बाजार में भारी गिरावट यानी मार्केट ड्रॉडाउन देखने को मिल सकता है.
इसका कारण है एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस. इसे लेकर अत्याधिक जोश और निवेशकों की बढ़ती उत्सुकता है. उनका कहना है- "बाजार हमेशा चक्रों में चलते हैं और जब भी ऐतिहासिक रूप से किसी नई तकनीक में काफी तेजी देखी जाती है, जिससे बड़ी पूंजी निर्माण होता है, तो उसके इर्द-गिर्द कई नई कंपनियां उभरती हैं. आमतौर पर बाजार को अपनी क्षमता से आगे बढ़ते हुए लोग देखते हैं.'
डेविड सोलोमन ने आगे कहा- 'इसमें जीतने और हारने वाले दोनों होंगे' ये बातें उन्होंने शुक्रवार को इटली के ट्यूरिन में इटैलियन टेक वीक में कहा. डेविड कहना क्या चाहते हैं? आइए जानते हैं.
AI में निवेश की बाढ़ पर उम्मीद के मुताबिक रिटर्न नहीं- सोलोमन
डेविड का कहना है कि जब किसी नई टेक्नोलॉजी को लेकर बहुत तेजी आती है तो मार्केट उसकी असली वैल्यू से आगे निकल जाता है. इस वक्त यही हो रहा है. उन्होंने कहा कि एआई में निवेश की बाढ़ आ गई है, लेकिन इसका एक बड़ा हिस्सा शायद उम्मीद के मुताबिक रिटर्न नहीं दे पाएगा. उन्होंने कहा- 'मैं हैरान नहीं होऊंगा अगर अगले 12 से 24 महीनों में इक्विटी मार्केट में गिरावट देखने को मिले.'
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निवेशक ज्यादा रिस्क ले रहे- सोलोमन
सोलोमन ने आगे बताया- इस वक्त निवेशक एक्साइटमेंट में आकर ज्यादा रिस्क ले रहे हैं और रिस्क एडजस्टेड एनॉलिसिस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. उनके मुताबिक जब निवेशक सिर्फ मुनाफे के सपनों में निवेश करने लगते हैं तो एक वक्त ऐसा आता है जब बाजार खुद को रिसेट करता है. उन्होंने चेतावनी दी कि जब इतनी बड़ी मात्रा में पूंजी लगाई जाती है और उसका परिणाम वैसा नहीं निकलता जैसा सोचा गया था. तब लोगों को निराशा होती है और मार्केट गिरता है.
डॉट कॉम बबल के साथ क्या हुआ था?
सोलोमन ने इस हालात की तुलना 2000 के डॉट कॉम बबल से की. उस दौर में इंटरनेट का क्रेज था और हर निवेशक नई-नई ऑनलाइन कंपनियों में पैसा लगा रहा था. कुछ कंपनियां जैसे Amazon और Google बाद में सफल रहीं, लेकिन ज्यादातर इंटरनेट स्टार्टअप्स डूब गए और शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट आई. सोलोमन का कहना है कि एआई में भी वही पैटर्न देखने को मिल रहा है. हर कोई पैसा लगा रहा है पर हर कंपनी मुनाफा नहीं कमाएगी.
उन्होंने कहा कि इतिहास बताता है कि जब उम्मीदें हकीकत से आगे निकल जाती हैं तब करेक्शन आना तय होता है. इस वक्त बाजारों में एआई की वजह से जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है. एनवीडिया की मार्केट वैल्यू करीब 3 ट्रिलियन तक पहुंच चुकी है. Microsoft, Google, PLT और Amazon जैसी बड़ी कंपनियां अरबों डॉलर AI इंफ्रास्ट्रक्चर में झोंक रही हैं. दुनिया भर में AI स्टार्टअप्स में भारी निवेश हो रहा है. भले ही उनमें से कई के पास अभी कोई पक्का बिजनेस मॉडल ना हो.
AI एक बड़ी तकनीकी क्रांति है- सोलोमन
सोलमोन का कहना है कि यह सही है कि एआई एक बड़ी तकनीकी क्रांति है और आने वाले समय में दुनिया भर के उद्योगों को बदल देगी, लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि हर इनोवेशन के साथ कुछ हराने वाले भी होते हैं. उनका कहना है कि एआई तो सही दिशा में है लेकिन निवेशक को अपनी रणनीति सोच समझ कर बनानी चाहिए.
जेफ बेजोस ने क्या कहा?
Amazon के फाउंडर जेफ बेजोस ने कहा एआई फिलहाल एक इंडस्ट्रियल बबल की तरह लग रहा है. वहीं एलन कूपरमैन जो जाने-माने निवेशक हैं, उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे बुल मार्केट के आखिरी दौर में हैं जहां कभी भी बबल फूट सकता है. करीम मोजालम जो सेलवुड एसेट मैनेजमेंट के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर हैं, उन्होंने भी यही कहा कि एआई ट्रेड इतिहास के सबसे बड़े स्पेकुलेटिव फेसेस में से एक बन चुका है और इसमें एनॉर्मस रिस्क्स हैं.
AI का लॉन्ग टर्म विजन शानदार है- सोलमन
हालांकि सोलेमन ने अपनी बात को संतुलित तरीके से खत्म किया. उन्होंने कहा कि एआई का लॉन्ग टर्म विज़न शानदार है और यह तकनीक वाकई बिजनेस की दुनिया को बदल सकती है. उनके शब्दों में मैं रात को चैन से सोता हूं क्योंकि मुझे भरोसा है कि एआई का भविष्य उज्जवल है, लेकिन उन्होंने चेतावनी भी दी कि एआई पर भरोसा रखो, लेकिन आंख मूंद कर नहीं. उनका कहना है कि आने वाले महीनों में अगर कुछ निवेश अपेक्षित नतीजे नहीं देते तो मार्केट में एक रिसेट या करेक्शन देखने को मिल सकता है.
अब यह जरूरी नहीं है कि एआई बबल पूरी तरह फूट जाए, लेकिन एक झटका जरूर आएगा जो निवेशकों को हकीकत से वास्तविकता का एहसास कराएगा.
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