छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को बड़ा झटका: 33 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, 24 पर था 91 लाख का इनाम

न्यूज तक

Chhattisgarh Naxal News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में 33 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, जिनमें 24 इनामी शामिल. सरकार की पुनर्वास नीति और लोण वर्राटू अभियान की बड़ी सफलता.

ADVERTISEMENT

Chhattisgarh News, Chhattisgarh Naxal News, Chhattisgarh Naxal Surrender, Chhattisgarh Maoists Surrender, Chhattisgarh Latest Update, Chhattisgarh Latest News
Representational Image
social share
google news

Chhattisgarh Naxal News: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है. शुक्रवार को 33 नक्सलियों ने पुलिस और CRPF के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इनमें 24 इनामी नक्सली शामिल हैं, जिन पर कुल 91 लाख रुपये का इनाम था. माओवादी विचारधारा से निराशा, आदिवासियों पर अत्याचार और सरकार की पुनर्वास योजनाओं ने इन्हें मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया.

बिजापुर में 24 नक्सलियों ने छोड़ा हथियार

बिजापुर में 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें नौ महिलाएं भी शामिल हैं. बिजापुर के एसपी जितेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि ये नक्सली सुरक्षा बलों पर हमले, आईईडी ब्लास्ट और आगजनी जैसी घटनाओं में शामिल रहे हैं. सबसे बड़ा इनामी नक्सली हनुमंत राव अंगनपल्ली उर्फ राकेश था, जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम था. इसके अलावा सात नक्सलियों पर 8 लाख, दो पर 5 लाख, दो पर 2 लाख, सात पर 1 लाख और एक पर 50 हजार रुपये का इनाम था.

दंतेवाड़ा में भी नौ नक्सलियों ने किया सरेंडर

दंतेवाड़ा में नौ नक्सलियों ने हथियार डाल दिए, जिनमें चार इनामी थे. ये नक्सली सरकार की ‘लोण वर्राटू’ पहल और नई पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ रहे हैं.

यह भी पढ़ें...

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़: सुरक्षा बलों को मिली बड़ी कामयाबी, अबूझमाड़ में माओवादी महासचिव बसवराजू ढेर, 1.5 करोड़ का था इनाम

792 नक्सली मुख्यधारा में लौटे

पुलिस के मुताबिक, बस्तर के सात जिलों में अब तक 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. ‘लोण वर्राटू’ अभियान के तहत अब तक 984 नक्सली हिंसा छोड़ चुके हैं. सरकार की योजनाएं और पुलिस का भरोसा नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने में अहम भूमिका निभा रहा है.

अमित शाह ने कही थी ये बात

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगस्त और दिसंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के रायपुर और जगदलपुर पहुंचे थे. इस दौरान वे विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए और कई मंचों से नक्सलियों को कड़ी चेतावनी दी. उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि अगर हिंसा की राह नहीं छोड़ी तो सुरक्षा बल सख्ती से निपटेंगे, बेहतर होगा कि नक्सली हथियार छोड़ दें और मुख्यधारा में लौट आएं. अमित शाह ने एक ठोस डेडलाइन भी तय करते हुए कहा था कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा.

यह खबर भी पढ़ें: छत्तीसगढ़: ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ में 31 नक्सली ढेर, देश का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन सफल

    follow on google news
    follow on whatsapp