IPS वाई पूरन कुमार मामले में DGP सहित 13 अफसरों पर FIR, आखिरी खत में IPS ने इन अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप

एडीजीपी वाई. पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में लिखा कि पिता के अंतिम दर्शन के लिए छुट्टी नहीं दी गई, जो उनके जीवन का सबसे बड़ा दुख बना.

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हरियाणा के सीनियर आईपीएस अधिकारी और एडीजीपी वाई. पूरन कुमार की मंगलवार यानी 7 अक्टूबर को संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले ने पुलिस और प्रशासनिक महकमे में भूचाल ला दिया है.

अब इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने बड़ा कदम उठाते हुए हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर सहित 13 पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. यह मामला चंडीगढ़ के सेक्टर-11 थाने में दर्ज किया गया है.

बता दें कि वाई. पूरन कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. उन्होंने खुद को गोली मारकर अपनी जान लेने से पहले एक डिटेल सुसाइड नोट भी छोड़ा था. इस सुसाइड नोट में उन्होंने कुछ वरिष्ठ आईपीएस और आईएएस अधिकारियों पर लगातार मानसिक उत्पीड़न, जातिगत भेदभाव, झूठे आरोप लगाने और बदनाम करने की साजिश जैसे गंभीर आरोप लगाए थे.

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इस लेटर में उन्होंने लिखा कि इन सभी कारणों से वह लगातार तनाव और दबाव में जी रहे थे, इस तनाव से न सिर्फ उनकी पर्सनल लाइफ बल्कि प्रोफेशनल लाइफ भी बुरी तरह प्रभावित हो चुकी थी.

डीजीपी समेत कई बड़े अधिकारी पर आरोप

अपने नोट में पूरन कुमार ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर पर आरोप लगाते हुए लिखते हैं उन्होंने खुद तो अपना वेतन एरियर ले लिया, लेकिन जब पूरन कुमार ने समान आधार पर एरियर की मांग की तो उन्हें तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज और अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद के सामने बेइज्जत किया गया. इतना ही नहीं उनका एरियर रुकवा दिया गया. इसके साथ ही सरकारी आवास और वाहन के मामले में भी उन्हें परेशान किया गया.

इसके अलावा पूरन कुमार ने और कई अन्य आईपीएस अधिकारियों पर सार्वजनिक रूप से अपमान करने, झूठे आरोप लगाने और एपीआर रिपोर्ट खराब करवाने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया.

अफसरों ने की झूठी शिकायत

मरने से पहले छोड़े गए नोट में पूरन कुमार ने ये भी बताया कि किस तरह गुरुग्राम और अंबाला में पोस्टिंग के दौरान कुछ अफसरों ने उनके खिलाफ झूठी शिकायतें कीं और उन्हें जातिगत आधार पर टारगेट किया. उन्होंने अपने एक पूर्व बैचमेट पर आरोप लगाते हुए लिखा कि उन्होंने छुट्टी देने से इनकार कर दिया, जिस वजह से वो अपने पिता के अंतिम दर्शन नहीं कर सके. इसे उन्होंने अपने जीवन का सबसे बड़ा दुख बताया.

सिस्टम में मौजूद लोगों की साजिश

पूरन कुमार ने लेटर में साफ लिखा कि यह कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं बल्कि सिस्टम में मौजूद कुछ लोगों की संगठित साजिश थी, जो उन्हें मानसिक रूप से तोड़ने में लगे हुए थे. उन्होंने ये भी कहा कि कुछ अधिकारी लगातार उन्हें गलत साबित करने की कोशिश कर रहे थे, ताकि उन्हें सिस्टम से बाहर किया जा सके.

चंडीगढ़ पुलिस ने अब सुसाइड नोट में दिए गए नामों और तथ्यों के आधार पर आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है. सभी 13 अफसरों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस का कहना है कि सभी पहलुओं पर निष्पक्ष और गहराई से जांच की जाएगी.

सुसाइड नोट में किन अफसरों पर क्या आरोप लगे?

1. शत्रुजीत कपूर (डीजीपी, हरियाणा)- इनपर आरोप है कि उन्होंने खुद का एरियर ले लिए लेकिन जब पूरन कुमार ने मांगे तो उनके खिलाफ शिकायतें करवा दीं, सरेआम बेइज्जत किया और एरियर रुकवा दिए. सरकारी मकान और गाड़ी के लिए भी अतिरिक्त शर्तें लगाईं.

2. संजय कुमार (एडीजीपी, 1997 बैच)- इनपर आरोप है कि इन्होंने पूरन कुमार का सार्वजनिक रूप से अपमान किया और झूठे आरोप लगाए.

3. पंकज नैन (आईजीपी, 2007 बैच)- पंकज पर आरोप कि इन्होंने पूरन कुमार को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और एपीआर (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) खराब करने की साजिश की. झूठी शिकायतें करवाईं और फैलवाईं.

4. कला रामचंद्रन (आईपीएस, 1994 बैच)- आरोप है कि झूठी शिकायतों के जरिए पुरन कुमार को परेशान किया.

5. संदीप खिरवार (आईपीएस, 1995 बैच)- इन्होंने गुरुग्राम से ट्रांसफर के बाद झूठे केसों की साजिश रची. इन्हें मुख्य साजिशकर्ता बताया.

6. सिबाश कविराज (आईपीएस, 1999 बैच)- गुरुग्राम में पोस्टिंग के दौरान झूठी शिकायतें कीं.

7. मनोज यादव (पूर्व डीजीपी, 1998 बैच)- मंदिर जाने के बाद जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न शुरू किया.

8. पी. के. अग्रवाल (पूर्व डीजीपी, 1988 बैच)- बैचमेट होने के बावजूद जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न किया.

9. टीवीएसएन प्रसाद (आईएएस, 1988 बैच)- जातिगत मानसिक उत्पीड़न में शामिल.

10. राजीव अरोड़ा (पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार)- इनपर आरोप है कि इन्होंने पिता के अंतिम दर्शन के लिए छुट्टी नहीं दी, जिसकी वजह से वे अपने पिता से आखिरी बार नहीं मिल सके.

11. अमिताभ ढिल्लों (एडीजीपी)- आरोप है कि आरटीआई से जानकारी मांगने पर बदले की कार्रवाई की. वेतन से की गई बचत को सरकारी रिकॉर्ड में गलत ढंग से 'संदिग्ध नकद प्रविष्टि' बताया.

सभी अधिकारियों पर FIR दर्ज

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और एडीजीपी वाई. पुरन कुमार की मौत के मामले में बड़ा कदम उठाते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने हरियाणा डीजीपी शत्रुजीत कपूर सहित 13 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

फिलहाल मामले की जांच जारी है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की जा रही है.

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