हरियाणा ADGP वाईएस पूरन सिंह आत्महत्या मामले में वसीयत और 'सुसाइड नोट' बरामद

हरियाणा ADGP वाईएस पूरन सिंह आत्महत्या मामले में वसीयत और सुसाइड नोट मिला है. पत्नी IAS अमनीत पी. कुमार के विदेश दौरे से लौटने के बाद 8 अक्टूबर को होगा पोस्टमार्टम.

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हरियाणा कैडर के IPS अफसर ने खुद को मारी गोली.
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हरियाणा के ADGP वाईएस पूरन सिंह के आत्महत्या मामले में मौके से वसीयत और सुसाइड नोट मिला है. पूरन सिंह की पत्नी अमनीत पी. ​​कुमार विदेश दौरे पर हैं. उनके लौटने के बाद 8 अक्टूबर को वाईएस पूरन सिंह का पोस्टमार्टम होगा. ध्यान देने वाली बात है कि अमनीत पी. ​​कुमार 2001 बैच की हरियाणा कैडर की IAS अधिकारी हैं. वे आधिकारिक यात्रा पर मुख्यमंत्री के साथ जापान गई हैं. 

चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित आवास संख्या 116 से दोपहर लगभग 1:30 बजे थाना 11, चंडीगढ़ को आत्महत्या की सूचना मिली थी. सूचना मिलते ही थाना 11 के पुलिसकर्मी और चंडीगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे. मृतक की पहचान वाई पूरन कुमार, आईपीएस 2001 बैच, हरियाणा कैडर के रूप में हुई. उनका शव घर के बेसमेंट में स्थित एक कमरे में मिला. 

घर के बेसमेंट में एक कमरे से मिला शव 

घटनास्थल पर सीएफएसएल टीम को बुलाया गया. पूरे घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई. सीएफएसएल टीम ने भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए. टीम ने इस्तेमाल किया गया हथियार भी जब्त कर लिया. घटनास्थल से एक 'वसीयत' और एक 'अंतिम नोट' भी बरामद किया गया और अन्य सामान जब्त किया गया. 

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शव को पोसटमार्टम के लिए मोर्चरी में भेजा गया 

मृतक पूरन सिंह के शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया गया है. उनकी पत्नी के 8 अक्टूबर को अपने आधिकारिक दौरे से लौटने की उम्मीद है, जिसके बाद डॉक्टरों के एक बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा. आगे की जांच जारी है. 

कौन हैं अमनीत पी. ​​कुमार 

ये वाईएस पूरन सिंह की पत्नी और  2001 बैच की हरियाणा कैडर की IAS अफसर हैं. इनके पास आयुक्त एवं गुप्तचर, नागरिक उड्डयन और भविष्य विभाग के अलावा विदेश सहयोग विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी संभालती हैं.

पूरन सिंह से जुड़े विवाद और आरोप

हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वाई. पूरन कुमार का कथित अनियमित पदोन्नति, जाति-आधारित भेदभाव और प्रशासनिक उत्पीड़न को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विवादों का इतिहास रहा है. पिछले कुछ सालों में, उन्होंने मुख्यमंत्री और शीर्ष नौकरशाहों को कई पत्र लिखे, जिनमें गृह मंत्रालय के मानदंडों के उल्लंघन, अनुसूचित जाति के अधिकारियों के प्रति कथित पक्षपात और नियुक्तियों व आधिकारिक विशेषाधिकारों में चयनात्मक व्यवहार की ओर इशारा किया गया था.

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