मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में खांसी की दवाई से 9 बच्चों की मौत, कफसिरप बनी मौत की वजह

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में खांसी की सिरप में जहरीला केमिकल मिलने से 9 बच्चों की मौत हो गई. जांच में Coldrif और Nextro-DS सिरप में डाईएथिलीन ग्लाइकोल की मौजूदगी पाई गई है.

कफ सिरप से छिंदवाड़ा में 9 मौतों का शक! (Photo:ITG)
कफ सिरप से छिंदवाड़ा में 9 मौतों का शक! (Photo:ITG)
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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. दरअसल यहां पिछले 15 दिनों में 6 बच्चों की मौत हो चुकी है और अब तक कुल 9 बच्चों के मरने की पुष्टि की गई है. इन बच्चों के मौत की वजह खांसी की दवाई में जहरीला केमिकल मिलने की आशंका जताई जा रही है.

मरने वाले इन सभी बच्चों की उम्र 5 साल से कम है. इस मामले में जो जानकारी मिली है उसके अनुसार पहले बच्चों को सामान्य बुखार और सर्दी की शिकायत हुई थी. जिसके बाद वहां के स्थानीय डॉक्टरों ने खांसी की दवाई दी, जिससे बच्चों की हालत थोड़ी ठीक हुई, लेकिन कुछ ही दिनों में उनके पेशाब में कमी आई और फिर अचानक किडनी फेल होने लगी.

इस दौरान कुछ बच्चों को उसके माता पिता इलाज के लिए नागपुर प्राइवेट अस्पताल में ले गए, लेकिन तीन बच्चों की वहीं मौत हो गई.

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कौन-सी दवाई बनी मौत की वजह?

इस मामले में मिली जानकारी का अनुसार कुछ बच्चों को Coldrif और Nextro-DS नाम की कफसिरप दी गई थी. जांच में सामने आया कि इन दवाइयों में Diethylene Glycol नाम का जहरीला केमिकल मिला हुआ था. यही केमिकल पहले भी कई देशों में बच्चों की मौत का कारण बन चुका है.

प्रशासन ने उठाए सख्त कदम

छिंदवाड़ा के कलेक्टर श्री शीलेंद्र सिंह ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन दोनों सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है. इतना ही नहीं सभी डॉक्टरों, मेडिकल स्टोर और माता-पिताओं को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.

उन्होंने कहा, "बायोप्सी रिपोर्ट में साफ दिखा कि दवाइयों में ज़हर था. गांवों के पानी की जांच में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है इसलिए दवा ही वजह हो सकती है."

ICMR और स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच में जुटी

घटना की गंभीरता को देखते हुए ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) की टीम को जांच के लिए बुलाया गया है. भोपाल से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम भी परासिया, न्यूटन चिकली और आस-पास के गांवों में पहुंची है. ये टीमें उन परिवारों से  बात कर रही हैं, दवाइयों के सैंपल ले रही हैं और घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं.

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