सोशल मीडिया बैन, छोटे कपड़े पर प्रतिबंध.. पाटीदार समाज ने तय किए लड़कियों के लिए नए नियम

धार के पाटीदार समाज ने लड़कियों और महिलाओं के पहनावे, सोशल मीडिया इस्तेमाल और संपत्ति अधिकारों को लेकर सख्त नियम जारी किए हैं. इन नियमों को लेकर अब समाज में महिलाओं की आज़ादी और बराबरी पर सवाल उठने लगे हैं.

पाटीदार समाज ने लड़कियों पर लगाए कई प्रतिबंध
पाटीदार समाज ने लड़कियों पर लगाए कई प्रतिबंध
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मध्यप्रदेश के धार जिले में पाटीदार समाज ने हाल ही में लड़कियों और महिलाओं को लेकर कुछ नए नियम बनाए हैं, जिन्हें लेकर अब जमकर बहस छिड़ गई है. समाज की ओर वहां के लोगों के लिए एक पोस्टर साझा किया गया है जिसमें महिलाओं के पहनावे से लेकर सोशल मीडिया इस्तेमाल तक की पूरी लिस्ट दी गई है.

इस पोस्टर में साफ तौर पर बताया गया है कि महिलाएं क्या पहनेंगी, कैसे चलेंगी-फिरेंगी और क्या-क्या नहीं करेंगी. इन नियमों का पालन नहीं करने पर दंड देने की बात भी कही गई है.

क्या हैं नियम?

पाटीदार समाज, कुक्षी की तरफ से जारी इन नियमों में सबसे पहले बात पहनावे की की गई है.

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  • महिलाएं "मर्यादित" कपड़े पहनेंगी, इस समाज के नियम के अनुसार महिलाओं का अंग प्रदर्शन करने वाले कपड़े पहनने पर रोक है.
  • विवाहित महिलाओं को सिर ढकना जरूरी होगा.
  • टाइट कपड़ों पर पूरी तरह से बैन लगाया गया है.
  • कक्षा 9वीं और उससे ऊपर की छात्राओं के लिए जींस, टी-शर्ट और लोअर पहनने पर रोक है.
  • 10 साल से बड़ी बच्चियों को स्कर्ट की बजाय लहनी पहनना अनिवार्य किया गया है.

सोशल मीडिया पर भी रोक

समाज के इस फरमान में सोशल मीडिया पर भी नजर रखी गई है.

  • लड़कियों और महिलाओं को WhatsApp छोड़कर बाकी सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स डिएक्टिवेट करने को कहा गया है.
  • व्यापार करने वाली महिलाएं केवल व्यापार संबंधित अकाउंट बना सकती हैं और उसमें भी कोई फोटो, वीडियो या रील शेयर नहीं कर सकतीं.

लड़कों के लिए भी कुछ नियम

हालांकि केवल लड़कियों के लिए ही नहीं, समाज ने लड़कों के लिए भी कुछ नियम बनाए हैं. जैसे, सट्टेबाजी पर पूरी तरह रोक लगाई गई है. माता-पिता की इजाजत के बिना किसी को उधार देना मना है.

बेटियों की संपत्ति में हिस्सेदारी पर रोक?

इन सबसे विवादित बात यह है कि इन नियमों में बेटियों को पिता की संपत्ति में हिस्सा मांगने से मना किया गया है. विवाहित बेटियां अपने भाई या माता-पिता की मर्जी के खिलाफ संपत्ति में हिस्सा नहीं मांग सकतीं और न ही इस पर कोर्ट जाने की इजाजत है.

क्या बोले समाज के नेता?

जब स्थानीय मीडिया ने इस पर समाज के अध्यक्ष महेश पाटीदार से बात की तो उन्होंने कहा कि यह कदम समाज में फैल रही कुरीतियों को रोकने के लिए उठाया गया है. ये नियम 12 सितंबर से लागू कर दिए गए हैं.

पहले भी उठाए गए हैं ऐसे कदम

इससे पहले इंदौर के महू में पाटीदार समाज ने प्री-वेडिंग शूट और फिजूलखर्ची पर रोक लगाई थी और नियमों का उल्लंघन करने वालों के बहिष्कार की बात कही गई थी.

सोशल मीडिया पर लोग सवाल कर रहे

जैसे ही ये पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोग पूछने लगे कि क्या आज भी महिलाओं की आज़ादी पर समाज इस तरह के बंधन लगा सकता है?

लोगों का कहना है कि 2025 में भी अगर लड़कियों के कपड़े और उनके सोशल मीडिया पर पाबंदी लगानी पड़े, तो ये सोचने वाली बात है कि समाज आज भी महिलाओं को बराबरी का हक देने में पीछे क्यों है?

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