कौन है पंचम यादव जिसे पकड़ने गई पुलिस को लोगो ने पीटा, कांग्रेस बोली, पुलिस को स्पेशल पुलिस की जरूरत
मध्य प्रदेश में पन्ना और कटनी में पुलिस पर हुए हमलों ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. दोनों घटनाओं में पुलिसकर्मी घायल हुए और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है.

मध्य प्रदेश में गुरुवार को दो ऐसे मामले सामने आए, जिनसे राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं. एक तरफ पन्ना में अपराधी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया, वहीं कटनी में कुछ लोगों ने थाने में घुसकर पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी. इन दोनों घटनाओं के बाद कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि अब तो पुलिस की सुरक्षा के लिए भी “स्पेशल पुलिस” तैनात करनी पड़ेगी.
पन्ना में पुलिस पर ग्रामीणों का हमला
बुधवार और गुरुवार की रात पन्ना जिले के ब्रजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम धर्मपुर में पुलिस एक आदतन अपराधी पंचम यादव को पकड़ने गई थी. पंचम यादव पर हत्या समेत मारपीट और आर्म्स एक्ट के करीब 15 मामले दर्ज हैं.
जैसे ही पुलिस टीम आरोपी के घर पहुंची, पंचम यादव और उसके साथियों ने विरोध शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में गांव के करीब 40-50 लोग इकट्ठा हो गए और उन्होंने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया.
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इस हमले में थाना प्रभारी महेंद्र सिंह भदौरिया और आरक्षक राम निरंजन घायल हो गए. अन्य पुलिसकर्मियों को भी हल्की चोटें आईं.
हमला इतना तेज था कि पुलिसकर्मियों को अपने हथियार छोड़कर भागना पड़ा. गांव वालों ने दो राइफलें भी छीन लीं, जिन्हें बाद में पुलिस ने रात में ही बरामद कर लिया. फिलहाल पंचम यादव को गिरफ्तार कर थाने में रखा गया है.
कटनी में थाने के अंदर पुलिसकर्मियों की पिटाई
दूसरी बड़ी घटना कटनी जिले के बाकल थाना क्षेत्र से आई है. यहां करणी सेना के कार्यकर्ताओं और कुछ लोगों ने थाने में घुसकर पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया.
मामला दरअसल 19 अक्टूबर को हुए एक अपहरण और मारपीट से जुड़ा है. कुणाल सिंह नाम के युवक ने आरोप लगाया था कि दो लोगों असीम खान और आमिल खान ने उसका अपहरण कर पिटाई की. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार तो किया, लेकिन करणी सेना का कहना था कि.कड़ी धाराओं में केस दर्ज नहीं किया गया.
इसी बात को लेकर संगठन ने थाने के टीआई के खिलाफ प्रदर्शन किया और बाद में कुछ लोग रात में थाने पहुंचकर बवाल करने लगे. इसी दौरान. पुलिसकर्मियों से मारपीट हुई, जिसमें दो पुलिसवाले घायल हुए हैं. एक की हालत गंभीर बताई जा रही है.
पुलिस ने इस मामले में चार से पांच लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज किया है और जांच जारी है.
कानून व्यवस्था पर उठे सवाल
इन दोनों घटनाओं ने एक बार फिर मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था और पुलिस सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह पहली बार नहीं है जब पुलिसकर्मियों पर हमला हुआ हो पहले भी कई बार ड्यूटी के दौरान पुलिस जवानों को लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा है.
राज्य में लगातार बढ़ रही ऐसी घटनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि.पुलिस और जनता के बीच विश्वास की कमी बढ़ रही है, और इसे सुधारने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है.
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