नतीजों से पहले कन्याकुमारी के उसी शिला पर ध्यान करेंगे पीएम मोदी जहां स्वामी विवेकानन्द ने किया था ध्यान, क्या है खास?
विवेकानंद मेमोरियल की यह शिला बहुत खास है. इसके खास होने की वजह ये है कि, साल 1892 में स्वामी विवेकानंद ने भी यही बैठ कर ध्यान लगाया था.
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PM Modi Kanyakumari Trip: देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही पीएम मोदी लगातार प्रचार कर रहे है. 1 जून को लोकसभा चुनाव का सातवां और अंतिम फेज के लिए वोटिंग होनी है, जिसके तहत 30 मई को चुनाव प्रचार थम जाएगा. प्रचार के थमने के साथ ही पीएम मोदी भी चुनावी माहौल से हटकर कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल जाने वाले हैं जहां वो करीब 24 घंटे तक ध्यान करने वाले है. दिलचस्प बात ये है कि, ये वही स्थान है जहां स्वामी विवेकानंद ने भी ध्यान किया था जहां उन्हें 'भारत माता' का विजन दिखा था. इसके साथ एक पौराणिक मान्यता यह भी है कि, माता पार्वती भी भगवान शिव की प्रतीक्षा में यहीं पर एक पैर पर खड़े होकर ध्यान करती थी. कुल मिलाकर पीएम कुछ दिन चुनाव से हटकर अध्यात्म में बिताने वाले हैं.
वैसे ये पहली बार नहीं है जब पीएम चुनावों के बाद ऐसा कर रहे हो. इससे पहले भी 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पीएम महाराष्ट्र के प्रतापगढ़ जो शिवाजी का किला है और केदारनाथ धाम की यात्रा कर चुके हैं. इस बार उन्होंने देश के दक्षिणी छोर कन्याकुमारी में जाने का फैसला लिया है. आइए आपको बताते हैं क्या है पीएम की इस यात्रा में क्या है खास.
पीएम मोदी 24 घंटों तक करेंगे ध्यान
पीएम नरेंद्र मोदी के लिए ये तीसरा लोकसभा चुनाव है. अगर बीजेपी इस बार भी जीतने में सफल हो जाती है तो नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे. वैसे हमें अक्सर ये देखने को मिलता है कि, पीएम विभन्न अवसरों पर आध्यात्मिक यात्राओं पर जाते रहते है. वैसे ही चुनाव थमने के बाद इस बार भी वो अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर जाने वाले है. पीएम इस बार तमिलनाडू के कन्याकुमारी जा रहे हैं जहां वो विवेकानंद रॉक मेमोरियल जायेंगे. पीएम वहां के ध्यान मंडपम के शिला पर करीब 24 घंटो तक मेडिटेशन करेंगे.
क्यों खास है विवेकानंद रॉक मेमोरियल की शिला
विवेकानंद मेमोरियल की यह शिला बहुत खास है. इसके खास होने की वजह ये है कि, साल 1892 में स्वामी विवेकानंद ने भी यही बैठ कर ध्यान लगाया था. जानकारी के मुताबिक, स्वामी विवेकानंद पुरे भारत के कई स्थानों पर घूमने के बाद तमिलनाडू के कन्याकुमारी पहुंचे थे. जहां उन्होंने उस शिला पर 25, 26 और 27 दिसंबर को ध्यान लगाया था. माना ये भी जाता है कि, यहीं से उन्होंने 'विकसित भारत' का सपना देखा था. इसके अलावा एक पौराणिक मान्यता यह भी है कि, माता पार्वती भी भगवान शिव की प्रतीक्षा में यहीं पर एक पैर पर खड़े होकर ध्यान करती थी.
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2014 में शिवाजी के किले और 2019 में केदारनाथ जा चुके हैं पीएम
नरेंद्र मोदी जब देश के प्रधानमंत्री नहीं बने थे और 2014 के लोकसभा चुनाव परिणाम आने में कुछ ही दिन बाकी थे. उस समय भी चुनाव प्रचार के खत्म होने के बाद वो महाराष्ट्र के प्रतापगढ़ गये थे. प्रतापगढ़ का ऐतिहासिक महत्व ये है कि, इसी स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजल खान की बाघ-नख से हत्या की थी. आपको बता दें कि, अफजल खान और छत्रपति शिवाजी ने संधि के लिये यहां पर मुलाकात की थी लेकिन अफजल खान ने चालाकी से शिवाजी को खंजर से मारना चाहा. हालांकि शिवाजी इसके लिए पहले से है तैयार थे और कवच पहना हुआ था जिससे वो बच गये. फिर उन्होंने बाघ-नख जो हाथ में पहनने वाला एक औजार है से अफजल खान को मार डाला.
वैसे ही जब 2019 के लोकसभा चुनाव का प्रचार खत्म हो गया था. उस समय पीएम मोदी केदारनाथ की यात्रा पर निकले और वहां उन्होंने केदारनाथ में बाबा केदार के दर्शन कर गुफा में ध्यान लगाया था. पीएम की इस इस यात्रा ने काफी सुर्खियां बटोरी थी. पीएम की इस यात्रा के बाद ये गुफा काफी प्रचलित हो गयी और वहां पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि हुयी . अब देखना ये है कि, पीएम नरेंद्र मोदी की कन्याकुमारी की यात्रा कैसी रहती है?
यह स्टोरी न्यूज तक के साथ इंटर्नशिप कर रहे अवनीश चौधरी ने लिखी है.