बीजेपी विरोध से चर्चा में आईं और अब बन गईं PM मोदी-शाह की फैन! कौन हैं शहला राशिद?

अभिषेक

शेहला राशिद शोरा का जन्म जम्मू-कश्मीर में हुआ. उन्होंने NIT श्रीनगर से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की. बाद में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से सोशियोलॉजी में मास्टर्स करने के अलावा एमफिल और पीएचडी भी किया.

ADVERTISEMENT

Shehla Rashid
Shehla Rashid
social share
google news

News Tak: कश्मीर की एक्टिविस्ट शेहला राशिद शोरा अपने एक इंटरव्यू को लेकर चर्चा में हैं. शेहला ने यह इंटरव्यू न्यूज एजेंसी ANI को दिया है. इसमें शेहला ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद हुए विकास और पॉजिटिव बदलाव की बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ की है. एक वक्त था जब शेहला राशिद भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों की सख्त आलोचक थीं. सरकार विरोधी आंदोलनों की पोस्टर गर्ल हुआ करती थीं. ऐसा क्या हुआ की शेहला की सियासत और उनका स्टैंड बदल गया?

आइए आज आपको शेहला राशिद की इस पूरी यात्रा की कहानी बताते हैं. यह भी कि कौन हैं चर्चा में रहने वाली यह महिला युवा नेता?

JNU स्टूडेंट यूनियन की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं शेहला

शेहला राशिद शोरा का जन्म जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के हब्बा कदल में हुआ था.उन्होंने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT), श्रीनगर से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की. बाद में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से सोशियोलॉजी में मास्टर्स करने के अलावा एमफिल और पीएचडी भी किया. शेहला जेएनयू में सक्रिय छात्रनेता रहीं. वो वामपंथी छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन(AISA) से जुड़ी रहीं. शेहला 2015 में AISA के कैंडिडेट के रूप में JNU के स्टूडेंट यूनियन का चुनाव जीतकर उपाध्यक्ष भी बनीं.

यह भी पढ़ें...

चर्चा में कैसे आईं शेहला?

JNU की राजनीति के दौरान ही शेहला स्टूडेंट्स मूवमेंट का एक प्रमुख चेहरा बन चुकी थीं. इसी बीच फरवरी 2016 में JNU में कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने के आरोप सामने आए. इसी मामले में जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार, स्टूडेंट एक्टिविस्ट उमर खालिद और अन्य छात्रों को जेल जाना पड़ा. शेहला राशिद इनके पक्ष में आवाज तेज कर लगातार चर्चा में रहीं. शेहला ने हजारों स्टूडेंट्स के साथ दिल्ली की सड़कों पर प्रोटेस्ट मार्च भी किया.

शुरुआत में किया था अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया. तब शेहला ने इस फैसले का खूब विरोध किया. शेहला ने सेना पर भी आरोप लगाए कि कश्मीर के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने उनके खिलाफ फर्जी खबरें फैलाकर हिंसा भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करा दिया. पर अब शेहला का रुख मोदी सरकार, अनुच्छेद 370 और कश्मीर के हालात, सबको लेकर बदल गया है.

अब शेहला कह रहीं- कश्मीर गाजा नहीं है

शेहला का यह बदला हुआ रुख उनके हालिया इंटरव्यू में भी देखा जा सकता है. शेहला ने ANI की एडिटर स्मिता प्रकाश संग पॉडकास्ट में कहा है कि, ‘कश्मीर में पहले इनसर्जेंसी का माहौल था, लोगों के अंदर डर था. लेकिन धारा 370 के हटने के अच्छे परिणाम आए हैं. सरकार ने इसे बहुत अच्छे से मैनेज किया है. आज जब भी मैं कश्मीर को देखती हूं तो मुझे खुशी होती है. यहां चल रही हिंसा और विद्रोह को रोकने के लिए लंबे समय से किसी बदलाव की जरूरत थी. पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने इसी बदलाव को कर दिखाया है. सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि बदलाव बिना किसी खूनी संघर्ष के साकार हुआ.’

शेहला ने आगे कहा कि,’कश्मीर गाजा नहीं है, यहा के लोग हमेशा से एक अच्छी जिंदगी की खातिर केवल विरोध प्रदर्शन ही कर रहे थे’. उन्होंने कश्मीर को पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर भी बात रखी. उन्होंने संभावना जताई की जब भी फारुख अब्दुल्ला की पार्टी जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस और भारतीय जनता पार्टी की दोस्ती हो जाएगी उसी दिन कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा. इस वक्त गाजा चर्चा में है. इजरायल और फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास के बीच चल रहे युद्ध में गाजा को भी निशाना बनाया गया है. इजरायल और फिलिस्तीन के बीच में है गाजा पट्टी, जिसपर कब्जे को लेकर भी दोनों के बीच में विवाद है.

    follow on google news
    follow on whatsapp