कांग्रेस का दावा- अल्पमत में है हरियाणा की BJP सरकार, इसके बाद भी गिरने का खतरा नहीं, क्यों?

शुभम गुप्ता

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Haryana: लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार को बड़ा झटका लगा है. हरियाणा में बीजेपी का समर्थन कर रहे तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को एक बड़ा ऐलान कर दिया. उन्होंने हाल ही में राज्य के नए सीएम बने नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. इसके अलावा तीनों विधायकों सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलेन और धर्मपाल गोंदर ने ये भी कहा कि उन्होंने चुनाव के दौरान कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है.

बीजेपी ने खोया बहुमत का आंकड़ा?

तीनों निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा के पास अस्थायी रूप से 40 विधायक विधानसभा में रह गए हैं. सदन में बहुमत का आंकड़ा 45 है. इसके बाद भाजपा सरकार के पास अब 43 विधायकों का समर्थन है. हालांकि बीजेपी ने मंगलवार को दावा किया कि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के चार विधायक भी सरकार को जरूरत पड़ने पर सहायता करने को तैयार हैं, जिसके बाद बीजेपी को 47 विधायकों का समर्थन प्राप्त होगा.

कांग्रेस कर रही राष्ट्रपति शासन की मांग

समर्थन वापस लेने वाले विधायकों ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और राज्य कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये ऐलान किया. निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर ने कहा, "हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं. हम कांग्रेस को अपना समर्थन दे रहे हैं. हमने किसानों से जुड़े मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों पर यह निर्णय लिया है."

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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान ने कहा, "तीनों निर्दलीय विधायकों - सोमबीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलेन और धर्मपाल गोंदर ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है. मैं यह भी कहना चाहता हूं कि (90 सदस्यीय) हरियाणा विधानसभा की वर्तमान ताकत 88 है, जिसमें से भाजपा के 40 सदस्य हैं. भाजपा सरकार को पहले जेजेपी विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जेजेपी ने भी समर्थन वापस ले लिया था और अब निर्दलीय हैं भी अपना समर्थन वापस ले रहे हैं."

इसके आगे उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार अब अल्पमत सरकार है. मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए. हरियाणा में अब तुरंत विधानसभा के चुनाव होने चाहिए. पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की और दावा किया कि बीजेपी बहुमत के आंकड़े से पिछड़ चुकी है.

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जानिए क्या है नंबरगेम 

हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटे हैं. किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों का समर्थन होना चाहिए. लेकिन प्रदेश की दो सीटें फिलहाल खाली हैं, ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 45 हो जाता है. अब समझिए क्या कहते हैं नंबर. बीजेपी के पास अपने 40 विधायक हैं. इनके अलावा उनके पास 2 निर्दलीय और 1 विधायक हरियाणा लोकहित पार्टी (गोपाल कांडा) का समर्थन है. इस प्रकार बीजेपी सरकार को 43 विधायकों का समर्थन प्राप्त है.

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वहीं कांग्रेस की बात करें तो उनके पास 30 विधायक हैं और 3 निर्दलीय विधायकों के बाद उनके पास 33 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. वहीं दूसरे दलों में जेजेपी के पास 10 विधायक हैं और INLD के पास एक विधायक है. इन सबके अलावा एक और निर्दलीय विधायक बचता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वो भी कांग्रेस को समर्थन दे सकता है. कांग्रेस भी ये दावा कर रही है कि बीजेपी सरकार अल्पमत में आ गई है.

आपको बता दें कि कांग्रेस अपने दावों के बीच भी फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं कर सकती क्योंकि बीजेपी 12 मार्च को इसे पेश कर चुकी है. फ्लोर टेस्ट की मांग 6 महीने के बाद ही की जा सकती है. फिलहाल प्रदेश में कांग्रेस अपनी सरकार बनाने में असमर्थ है क्योंकि उसके पास सिर्फ 30 विधायक हैं.

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