EC के खाली पद की वजह से चुनाव घोषणा में होगी देर? अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद अब ये तैयारी

अभिषेक

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Election Commission: देश में कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनाव होने है. चुनाव से ठीक पहले देश में इलेक्शन कराने वाली संस्था निर्वाचन आयोग के दो प्रमुख पद खाली है. निर्वाचन आयोग में एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त(CEC) वहीं दो अन्य निर्वाचन आयुक्त(EC) होते है. EC अनूप चंद्र पांडे 65 वर्ष की आयु पूरी करने के उपरांत 14 फरवरी को सेवानिवृत्त हो गये थे वहीं पिछले दिनों EC अरुण गोयल ने भी अचानक से अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अरुण गोयल का यह कदम बेहद चौंकाने वाला माना गया क्योंकि उन्होंने अपना इस्तीफा चुनाव से ठीक पहले दिया है. वैसे आपको बता दें कि, अरुण गोयल के निर्वाचन आयुक्त बनने पर भी काफी विवाद हुआ था, उनकी नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, हालांकि अब उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. 

इसी बीच खाली हुए निर्वाचन आयुक्तों के दो पदों को भरने को लेकर कायवाद तेज हो गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इलेक्शन कमिशन में दो नए आयुक्तों की नियुक्ति की घोषणा 15 मार्च तक हो सकती है. जानकारी के मुताबिक निर्वाचन आयुक्तों के चयन के लिए प्रधानमंत्री की अगुआई में समिति की बैठक 15 मार्च को बुलाई गई है जिसमे EC के नामों पर मुहर लगने कि संभावना है. लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी यही संकेत दिए हैं कि चयन समिति की बैठक 15 मार्च को होगी जिसके बाद नए आयुक्तों कि घोषणा होगी. ऐसे में माना जा रहा है कि, निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के बाद ही देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा. यानी आगामी लोकसभा चुनाव के चुनावी कार्यक्रमों की घोषणा के लिए अभी पांच से छह दिन का और इंतजार करना पड़ सकता है. 

EC की नयुक्ति के लिए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के नेतृत्व में एक खोज समिति बनाई गई है जिसमें गृह विभाग और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के कैबिनेट सचिव शामिल है. यह समिति निर्वाचन आयुक्त के दोनों पदों के लिए पांच-पांच नामों के दो अलग-अलग पैनल तैयार कर रही है. इन नामों पर फैसला प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति बहुमत के आधार पर करेगी जिसपर राष्ट्रपति की मुहर के बाद नियुक्ति हो जाएगी.  

जानिए आखिर कैसे होती है चुनाव आयुक्तों कि नियुक्ति?

देश के संविधान में आर्टिकल 324 से 329 में चुनाव आयोग से संबंधित प्रावधान दिए गए है. हालांकि उसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के लिये कोई विशेष प्रक्रिया का जिक्र नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, CEC और EC की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सिफारिश पर देश का राष्ट्रपति करता है. सरकार इसके लिए एक चयन समिति का गठन करती है जो राष्ट्रपति को अपनी सिफारिश भेजता है. इस चयन समिति में देश का प्रधानमंत्री अध्यक्ष के रूप में, लोकसभा में विपक्ष का नेता और प्रधानमंत्री के द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल होता है. 

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चयन समिति इसके लिए एक खोज समिति का भी गठन करती है. CEC और EC के पदों पर विचार करने के लिये एक खोज समिति की बनाने का प्रावधान है. यह खोज समिति सभी पदों के लिए पांच-पांच नामों के अलग-अलग पैनल तैयार करते है. बाद में पीएम की अध्यक्षता वाली चयन समिति इन नामों पर अंतिम फैसला करती है. फिर समिति चयनित नामों को राष्ट्रपति के पास भेजती है. फिर राष्ट्रपति आधिकारिक तौर पर उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी करते है. 

 

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