बिहार के बक्सर से निर्दलीय लड़ रहे पूर्व IPS आनंद मिश्रा बिगाड़ेंगे BJP-RJD का खेल? समझिए

शुभम गुप्ता

बीजेपी के मिथलेश तिवारी का सीधा मुकाबला पूर्व मंत्री जगदानंद सिंह के बेटे और राजद उम्मीदवार सुधाकर सिंह से है. इस सीट पर ऊंची जाति के ठाकुरों की काफी मौजूदगी हैं. ठाकुर बाहुल्य सीट पर बीजेपी के लिए एक परेशानी ये भी है कि राजद के उम्मीदवार सुधाकर सिंह भी ऊंची जाति के ठाकुर हैं.

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Bihar Loksabha Elections 2024: बिहार की बक्सर लोकसभा सीट से बीजेपी की ओर से मिथिलेश तिवारी सियासी मैदान में हैं. उनका सामने राजद के प्रत्याशी सुधाकर सिंह हैं. इनके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार और पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा भी अपने दम पर चुनाव लड़ रहे हैं. माना जा रहा है कि इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. इस सीट पर बीजेपी के सिटिंग सांसद हैं अश्विनी चौबे. ज्यादातर लोग वर्तमान सांसद अश्विनी चौबे से नाखुश हैं, जिन्हें इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है. 

युवा वोटर्स को साधने में जुटा बीजेपी

इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक बक्सर से बीजेपी उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी निराश युवाओं के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि इस संसदीय क्षेत्र के युवा वोटर्स निर्दलीय उम्मीदवार और पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा के खेमे में शामिल होने के लिए रुझान दिखा रहे हैं, खासकर के ब्राह्मण युवा वोटर्स.

बीजेपी प्रत्याशी मिथलेश तिवारी अपने वोटर्स से सीधा कनेक्शन रखने का वादा करते हुए उन्हें इस चुनाव में उनके लिए काम करने के लिए लगातार प्रेरित कर रहे हैं. इस बीच तिवारी ने उन्हें एक नया नारा दिया: "छोरो सारे कलेश को, संसद बनाओ मिथिलेश को". मिथलेश की मेहनत रंग लाती भी नजर आ रही है. क्योंकि बीते शनिवार को अहिरौली मैदान में पीएम नरेंद्र मोदी ने जनसभा की. इसमें काफी युवाओं को देखा गया तो बीजेपी प्रत्याशी इस बात से आश्वस्त दिखे.

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राजद देगी बीजेपी को कड़ी टक्कर

मिथलेश तीन दशक से भी ज्यादा समय पार्टी में बिता चुके हैं. उन्होंने पार्टी के मामलों में प्रभारी के रूप में शाहाबाद क्षेत्र में अपना काफी समय दिया है. मिथलेश का सीधा मुकाबला पूर्व मंत्री जगदानंद सिंह के बेटे और राजद उम्मीदवार सुधाकर सिंह से है. इस सीट पर ऊंची जाति के ठाकुरों की काफी मौजूदगी हैं. ठाकुर बाहुल्य सीट पर बीजेपी के लिए एक परेशानी ये भी है कि राजद के उम्मीदवार सुधाकर सिंह भी ऊंची जाति के ठाकुर हैं. बीजेपी लगातार 1996 से यहां से चुनाव जीतती आई है 2009 को छोड़कर. यहां के लोगों ने जगदानंद सिंह को 2009 में चुनकर संसद भेजा था. 

RJD के सामने बड़ी चुनौती

राजद को यादवों और मुसलमानों का भरपूर समर्थन प्राप्त है. इनके अलावा राजद कुशवाहा जैसे ओबीसी और एमबीसी, विशेषकर निषादों को लुभाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है. राजद के सामने एक बड़ी मुसिबत बनकर खड़े हुए हैं पूर्व मंत्र ददन पहलवान जो कि निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. ददन ने 2004 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए लगभग 1.80 लाख हासिल किए थे. डुमरांव विधानसभा सीट पर ददन की अच्छी खासी पकड़ है. वे इस सीट पर चार बार विधायक भी रह चुके हैं. 

परिसीमन होने के बाद दो विधानसभा सीटें-रामगढ़ (कैमूर) और दिनारा (रोहतास) शामिल होने से बक्सर संसदीय क्षेत्र के राजनीतिक समीकरण में बदलाव आया है. वर्तमान में रामगढ़ विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व  राजद उम्मीदवार सुधाकर सिंह कर रहे हैं. भाजपा दोनों सीट पर मौजूदा ठाकुरों में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है तो वहीं ददन यादव वोटर्स को लुभाने में जुटे हैं.

बक्सर लोकसभा सीट पर सांतवे चरण के तहत 1 जून को मतदान होने हैं. इस सीट पर स्थानीय उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है. हालांकि ये कहना भी गलत नहीं होगा कि इस सीट पर पूरा समीकरण बिगड़ भी चुका है.

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