जाति के फ्रंट पर बीजेपी के लिए चक्रव्यूह रच अब ओवैसी इफेक्ट को खत्म करने में जुटे नीतीश!
2024 के लोक सभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने सामाजिक-राजनीतिक लामबंदी करनी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में बिहार के मुख्यमंत्री और JDU नेता नीतीश कुमार भी सभी समीकरणों को साधने में लग गए है.
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Lok Sabha Election 2024: बिहार सीएम नीतीश कुमार ने पिछले दिनों जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी कर दिए. तभी से देश की राजनीति में जातिगत जनगणना की मांग तेज है और बीजेपी फिलहाल इसे लेकर सहज नहीं दिख रही. इसी सर्वे में नीतीश सरकार ने मुस्लिमों के भी आंकड़े जारी किए हैं. इसके बाद नीतीश मुस्लिमों को लेकर खास अभियान में जुटते नजर आ रहे हैं. इसे बिहार में AIMIM चीफ असदुद्दीन के असर को भी कम करने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है.
जाति सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार की मुस्लिम आबादी 17.7 प्रतिशत है. इस बड़े वोट बैंक का झुकाव बिहार में राजद, जेडीयू और कांग्रेस जैसे दलों की ओर है, जो इंडिया एलायंस में एक साथ हैं. पर 2020 के विधानसभा चुनावों में AIMIM ने भी मुस्लिम वोटों में बड़ी सेंध मारी थी. पार्टी 20 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. 5 पर उसे जीत मिली. जिन सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार खड़े किए थे वहां 14.28 प्रतिशत वोट मिले. ओवैसी के इस असर को लेकर इस बार नीतीश और लालू सतर्क नजर आ रहे हैं. इसी क्रम में नीतीश कुमार ने मुस्लिम समाज से मेलजोल का अभियान तेज कर दिया है.
जाति सर्वेक्षण में दो दर्जन से अधिक मुस्लिम जातियों की पहचान की गई है. नीतीश सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए उन्हें अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) श्रेणी में शामिल किया है. वे अब ज्यादा कल्याणकारी योजनाओं के लिए पात्र होंगे. आने वाले समय में सरकार जातिगत आर्थिक आंकड़ों को भी साझा करने वाली है. उसके बाद और नए कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने की तैयारी है. नीतीश कुमार की पूरी कोशिश है कि 2024 में ये बड़ा मुस्लिम वोट बैंक उनके साथ रहे ताकि INDIA एलायंस को एक बड़ी बढ़त मिल सके.