6200 किमी की दूरी तय कर 2024 जीतेंगे राहुल गांधी? कांग्रेस आर-पार को तैयार पर अड़चनें भी हैं

अभिषेक

ADVERTISEMENT

Rahul Gandhi
Rahul Gandhi
social share
google news

Lok Sabha Election 2024: हाल मे हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हिंदी भाषी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हार मिली. पर तेलंगाना की जीत ने यह भी दिखाया कि दक्षिण भारत में कांग्रेस मजबूत हो रही है. अब पार्टी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में ‘आर या पार’ की तैयारी कर रही है. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार जीत कर, देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी करने की ताक में हैं. उधर कांग्रेस पिछले दो चुनावों में अपने खराब प्रदर्शन को सुधारने की कोशिश में है. इस साल 1984 के चुनाव में रिकॉर्ड 414 लोकसभा सीटें जीतकर कांग्रेस के अपने चुनावी शिखर पहुंचने के चार दशक भी पूरे हो रहे हैं. सियासी जानकार 2024 को कांग्रेस के लिए उसकी 138 साल की यात्रा में सबसे कठिन दौर में से एक के रूप में देख रहे हैं. वर्तमान में संसद के लोकसभा में कांग्रेस के केवल 48 सदस्य ही हैं और पार्टी को पिछले 10 सालों में गिरावट ही देखने को मिली है.

कांग्रेस वर्तमान में केवल तीन राज्यों- हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना- में अपने दम पर सत्ता में है. इसमें हिमाचल प्रदेश एकमात्र उत्तर भारतीय राज्य है. हालांकि हाल के कुछ वर्षों में पार्टी देश के दक्षिणी राज्यों में मजबूत होती जरूर नजर आई है. 2024 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह पहले ही दो आम चुनाव बुरी तरह हार चुकी है और हाल के चुनावों में भी उसे बीजेपी से मुंह की खानी पड़ी है. अब ये चुनाव पार्टी के लिए ‘आर या पार’ वाली स्थिति है.

हिन्दी-पट्टी के राज्यों में हार के बाद कांग्रेस की स्थिति हुई कमजोर!

राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे हिंदी-भाषी राज्यों में भाजपा के हाथों सत्ता गंवाने और मध्य प्रदेश में हार के बाद अब कांग्रेस जब सीट बंटवारे को लेकर अन्य दलों से बातचीत करेगी तो उसकी स्थिति जरूर कमजोर रहेगी. कांग्रेस साल 2022 में हिमाचल प्रदेश और 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनावों में जीत से मिले मोमेन्टम को मेंटेन रखने की उम्मीद में थी लेकिन इन राज्यों में मिली हार से कांग्रेस का आकलन अब पूरी तरह से बिगड़ चुका है. वैसे भी साल 2019 में भाजपा ने हिंदी पट्टी के राज्यों में 141 सीटों पर जीत हासिल की थी, जो इस क्षेत्र की कुल सीट का 71 फीसदी था. इन विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद एकबार फिर बीजेपी की स्थिति मजबूत नजर आ रही है.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

कांग्रेस के लिए INDIA अलायंस में एकजुटता बनाना सबसे बड़ी चुनौती

कांग्रेस अपनी सीटों में आ रही लगातार गिरावट को 2024 में रोककर अपनी किस्मत पलटने को लेकर उत्साहित है, लेकिन इसके लिए उसे कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. इनमें सबसे महत्वपूर्ण चुनौती है भाजपा के खिलाफ बने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस’ (INDIA) के घटक दलों के साथ सीटों के बंटवारे के समझौते को अंतिम रूप देना. INDIA गठबंधन के भीतर बिना किसी बाधा के सीट-बंटवारे को लेकर बातचीत में पहली रुकावट पार्टी के भीतर से ही आई. पार्टी के पंजाब और दिल्ली इकाइयों ने आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी समझौते के खिलाफ खुले तौर पर चेतावनी दी वही महाराष्ट्र में भी शिवसेना (UBT) नेता संजय राऊत के 23 सीटों पर लड़ने के बाद भी प्रदेश कांग्रेस की तरफ से विरोध देखने को मिला. इस गठबंधन का अभी तक तो कोई चुनावी प्रभाव नहीं दिख सका है लेकिन लोकसभा चुनाव में थोड़ी उम्मीद की किरण तो जरूर है.

‘हैं तैयार हम’ अभियान से कांग्रेस ने फूंका चुनावी बिगुल

कांग्रेस ने 28 दिसंबर को अपने स्थापना दिवस के अवसर पर आगामी लोकसभा चुनाव के मद्धेनजर अपनी तैयारियों को दिखाते हुए नागपुर में ‘हैं तैयार हम’ रैली आयोजित की थी. पार्टी पिछले दिनों से लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर राज्य के नेताओं के साथ विचार-विमर्श कर रही है और अपनी तरफ से कोई कोर कसर छोड़ने के मूड में नहीं है.

ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

अब राहुल के भरोसे कांग्रेस!

कांग्रेस पार्टी के सामने नरेंद्र मोदी का विकल्प देने की चुनौती है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जरूर एक चेहरा बनकर सामने आते दिखे हैं. पिछले साल ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने देश में उनकी सकारात्मक छवि बनाने में जरूर मदद की. लोकसभा चुनाव से पहले अब एक बार फिर राहुल ‘भारत न्याय यात्रा’ पर निकलने जा रहे हैं. राहुल इस यात्रा को पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर से 14 जनवरी को शुरुआत करते हुए महाराष्ट्र तक हाइब्रिड (बस और पैदल) तरीके से तय करेंगे. यात्रा को मणिपुर की राजधानी इंफाल से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हरी झंडी दिखाएंगे. यह नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से होते हुए 6200 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. राहुल की इस यात्रा को आगामी अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT