जमानत पर चल रहे पूर्व विधायक को 2 साल पुराने मामले में झटका! हाईकोर्ट बोला- जमानत का किया दुरुपयोग, सरेंडर के आदेश
धौलपुर जिले में बाड़ी विधानसभा से पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को हाईकोर्ट ने झटका दिया है. कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द कर दी है. साथ ही 30 दिन में सरेंडर करने के आदेश दिए हैं.
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धौलपुर जिले में बाड़ी विधानसभा से पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को हाईकोर्ट ने झटका दिया है. कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द कर दी है. साथ ही 30 दिन में सरेंडर करने के आदेश दिए हैं. 2 साल पुराने इस मामले में पूर्व विधायक की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है. दरअसल, यह मामला विद्युत निगम के एईएन हर्षाधिपति के साथ पूर्व विधायक की ओर से की गई मारपीट से जुड़ा है. आज 5 जुलाई शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत रद्द करने का फैसला सुनाया.
पीड़ित एईएन की याचिका पर जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ ने यह फैसला दिया. साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी माना कि पूर्व विधायक ने झूठ बोलकर कोर्ट से जमानत ली और जमानत का दुरुपयोग किया. साथ ही पीड़ित को पूर्व विधायक ने धमकाया और कानून का मजाक भी उड़ाया हैं.
बता दें कि 28 मार्च 2022 को बाड़ी उपखंड के विद्युत निगम कार्यालय पर तैनात सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ करीब एक दर्जन लोगों ने बेरहमी से मारपीट की थी. सहायक अभियंता से मारपीट के आरोप पूर्व विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा पर भी लगे थे. इस बहुचर्चित मामले ने 2 साल पहले सियासत में तूफान ला दिया था. मलिंगा को राजनीतिक दबाव के चलते 11 मई 2022 को जयपुर में पुलिस आयुक्तालय के समक्ष सरेंडर किया था. जिसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने 17 मई को जमानत दे दी थी.
सीआईडी सीबी ने मामले में अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था. हमले में घायल सहायक अभियंता के शरीर में कई जगह फ्रैक्चर आए थे और तत्कालीन समय में उन्हें जयपुर एसएमएस रैफर कर दिया था. वर्तमान में भी उपचार चल रहा हैं.