80 शहरों में फैला नेटवर्क, 165+ IVF सेन्टर.. कौन हैं उदयपुर के बिजनेसमैन जिन्होंने फिल्ममेकर विक्रम भट्ट पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप
विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को उदयपुर के उद्योगपति डॉ. अजय मुर्डिया से 30 करोड़ की कथित धोखाधड़ी के आरोप में मुंबई से गिरफ्तार किया गया है. मुर्डिया का दावा है कि फिल्मों के नाम पर उनसे फर्जी वेंडर्स को भुगतान करवाया गया, जबकि भट्ट दंपति खुद को बेगुनाह बता रहे हैं.

विपासा बसू की राज फिल्म तो आपने देखी ही होगी, इस सुपरहिट फिल्म के साथ बॉलीवुड को कई जबरदस्त मूवी देने वाले फिल्ममेकर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट को रविवार यानी 7 दिसंबर की सुबह मुंबई और राजस्थान पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर लिया.
दोनों को मुंबई के यारी रोड स्थित गंगा भवन अपार्टमेंट से पकड़ा गया जो उनकी साली का घर बताया जा रहा है. यहां से उन्हें डीटेन करके राजस्थान ले जाया गया.
यह पूरा मामला उदयपुर के जाने-माने उद्योगपति डॉ. अजय मुर्डिया से जुड़े 30 करोड़ की कथित धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है. डॉ. मुर्डिया इंदिरा ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक हैं और लंबे समय से हेल्थकेयर व एजुकेशन सेक्टर में काम कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें...
कैसे शुरू हुआ विवाद?
डॉ. मुर्डिया ने 17 नवंबर को उदयपुर में शिकायत दर्ज कराई थी कि विक्रम भट्ट सहित 8 लोगों ने उनसे 30 करोड़ की ठगी की है. उनके मुताबिक एक इवेंट के दौरान उनकी मुलाकात दिनेश कटारिया नाम के शख्स से हुई थी, जिसने उन्हें सुझाव दिया कि उनकी पत्नी और उनके काम पर एक प्रेरणादायक बायोपिक बनाई जा सकती है.
इसके बाद 24 अप्रैल 2024 को उन्हें मुंबई के वृंदावन स्टूडियो बुलाया गया जहां उनकी मुलाकात फिल्ममेकर विक्रम भट्ट से कराई गई. दोनों के बातचीत हुई और ये तय हुआ कि फिल्म की जिम्मेदारी भट्ट दंपति संभालेंगे और फंडिंग मुर्डिया करेंगे.
कॉन्ट्रैक्ट, पेमेंट और बढ़ते खर्च का खेल
शिकायत के अनुसार फिल्ममेकर विक्रम भट्ट ने अपनी पत्नी श्वेतांबरी की कंपनी VSB LLP को पार्टनर बनाते हुए दो फिल्मों, बायोनिक और महाराणा का प्रस्ताव रखा था. कुछ समय बाद यह प्रस्ताव बढ़कर चार फिल्मों तक पहुंच गया और लगभग 40 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट तैयार किया गया.
शिकायत के अनुसार 31 मई 2024 को मुर्डिया ने 2.5 करोड़ रुपये का पहला भुगतान किया. इसके बाद 7 करोड़ रुपये और मांगे गए. उन्हें कहा गया था कि 47 करोड़ लगाकर चार फिल्में बनाई जाएंगी, जिससे 100-200 करोड़ तक का मुनाफा हो सकता है.
मुर्डिया ने भट्ट दंपति के कहने पर कई वेंडर्स को रकम भेजी लेकिन जांच में पता चला कि जिन लोगों को करोड़ों रुपये भेजे गए, उनमें से कई फर्जी वेंडर निकले, कुछ पुताई मजदूर, तो कुछ ऑटो ड्राइवर है. आरोप है कि इन पैसों का बड़ा हिस्सा बाद में श्वेतांबरी भट्ट के अकाउंट में पहुंच गया.
लुकआउट नोटिस और भट्ट दंपति का पक्ष
उदयपुर पुलिस ने हाल ही में विक्रम भट्ट, श्वेतांबरी और बाकी आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था.
हालांकि, विक्रम भट्ट का कहना है कि उन्हें किसी भी तरह का आधिकारिक नोटिस नहीं मिला. उनका दावा है कि उन्हें गलत आरोपों में फंसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उनके पास ईमेल, कॉन्ट्रैक्ट और अन्य दस्तावेजों के रूप में पर्याप्त सबूत मौजूद हैं.
भट्ट का यह भी कहना है कि प्रोजेक्ट में देरी इसलिए हुई क्योंकि शिकायतकर्ता की तरफ से तकनीशियनों को समय पर भुगतान नहीं किया गया.
कौन है उदयपुर का बिजनेसमैन अजय मुर्डिया
डॉ. अजय मुर्डिया उदयपुर के मशहूर उद्योगपति और देश की सबसे बड़ी IVF चेन इंदिरा IVF के संस्थापक हैं. उन्होंने 1980 के दशक में अपने घर के नीचे एक छोटी-सी क्लिनिक से काम शुरू किया था और धीरे-धीरे इसे 20 राज्यों में फैले 100 से ज्यादा IVF सेंटर्स के बड़े नेटवर्क में बदल दिया.
मर्दाना बांझपन पर उनकी रिसर्च और IVF ट्रीटमेंट को आसान व सुलभ बनाने की सोच ने लाखों जोड़ों को माता-पिता बनने का मौका दिया. पैथॉलॉजी के डॉक्टर होने के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत, तकनीक और नए-नए प्रयोगों से हेल्थकेयर की दुनिया में बड़ा नाम बनाया है.
ये भी पढ़ें: 1998 में कांग्रेस के कद्दावर नेता को हराने वाले BJP नेता शिवराम कुशवाहा का निधन, पूर्व CM वसुंधरा राजे के रहे करीबी










