राजस्थान में अकाल मौतें और बढ़ते हादसे पर BJP विधायक का अटपटा बयान, बोले- 'ऐसी भविष्यवाणी थी''
बीजेपी विधायक जोगेश्वर गर्ग ने राजस्थान में लगातार हो रहे सड़क हादसों और आगजनी को ज्योतिष से जोड़ा है. उनका दावा है कि हिंदू नववर्ष 'विक्रम संवत 2082' में बड़े हादसे और जनहानि की भविष्यवाणी की गई थी, जो अब सच हो रही है.

राजस्थान में सड़क हादसे और आगजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं. बसों में आग लग रही है. कारों में धमाके हो रहे हैं. ऐसे में बीजेपी विधायक जोगेश्वर गर्ग ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने इन हादसों को ज्योतिष की भविष्यवाणी बताया. विधायक का कहना है कि विक्रम संवत 2082 में ये सब तय था. उनके इस बयान पर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है और इसे संवेदनहीन भी कहा जा रहा है.
ज्योतिष पर भरोसा: विधायक का दावा
जालौर से बीजेपी विधायक और विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग का कहना है कि वह ज्योतिष विज्ञान में बहुत विश्वास करते हैं. उनके मुताबिक, हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 के शुरू होने पर ही ज्योतिषियों ने देश और प्रदेश में बड़े हादसे, आगजनी, और युद्ध जैसे हालात बनने की भविष्यवाणी की थी.
उन्होंने आगे कहा कि ये भविष्यवाणियां अब सच साबित हो रही हैं. गर्ग ने कहा कि इस साल बड़े पैमाने पर जनहानि होगी, चाहे वह भूकंप, बाढ़, या किसी और रूप में हो.
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राजस्थान में सड़क हादसे क्यों बढ़े?
पिछले दिनों राजस्थान में कई बड़े हादसे हुए. जयपुर में शराबी ट्रेलर चालक ने 13 लोगों को कुचल डाला. ट्रक, डंपर और टैंकरों के धमाके आम हो गए. केमिकल से भरे सिलेंडर फट रहे हैं. ये हादसे सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं. विधायक ने कहा, "अमेरिका में भी रोड एक्सीडेंट हो रहे हैं."
गर्ग का मानना है कि ये किस्मत का खेल है. "जो किस्मत में लिखा है, वो होकर रहेगा. कोई इसे टाल नहीं सकता." उन्होंने उदाहरण दिया. बस में एक दरवाजा था, इसलिए लोग मरे. स्कॉर्पियो में पांच दरवाजे थे, फिर भी मौत आ गई.
क्या सिर्फ किस्मत पर छोड़ दें?
विधायक के बयान पर सवाल उठे हैं. कई लोग इसे संवेदनहीन बता रहे हैं. परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन की लापरवाही पर उंगली उठ रही है. क्या हादसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाने चाहिए? क्या हाथ पर हाथ धरकर बैठ जाएं?
गर्ग पहले भी विवादों में रहे. फोटोग्राफी दिवस पर उनकी टिप्पणी वायरल हुई थी. अब ये बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय है. विशेषज्ञ कहते हैं, "किस्मत के साथ कर्म भी जरूरी है. लापरवाही न करें."










