मुकेश सहनी के डिप्टी सीएम फेस बनते ही बाबूबराही सीट पर RJD का रास्ता साफ, VIP उम्मीदवार बिंदु यादव ने नामांकन वापस लिया

बिहार चुनाव 2025 में महागठबंधन को बड़ी राहत मिली है. डिप्टी सीएम फेस मुकेश सहनी की पहल पर बाबूबराही सीट से वीआईपी प्रत्याशी बिंदु गुलाब यादव ने अपना नामांकन वापस ले लिया, जिससे अब आरजेडी उम्मीदवार अरुण कुशवाहा का रास्ता साफ हो गया है. जानिए बिंदु गुलाब यादव के फैसले की पूरी कहानी, राजनीतिक पृष्ठभूमि और आगे की रणनीति.

Bindu Gulab Yadav
बिंदु गुलाब यादव ने बाबूबराही सीट से नामांकन वापस लिया
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महागठबंधन से तेजस्वी यादव को सीएम और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस बनाने के बाद अब आंतरिक कलह शांत होते हुए दिखाई दे रहा है. मुकेश सहनी के डिप्टी सीएम फेस की घोषणा होने के बाद मधुबनी जिले के बाबूबराही सीट से वीआईपी पार्टी की उम्मीदवार बिंदु गुलाब यादव ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. अब इस सीट पर महागठबंधन की ओर से राजद के अरुण कुशवाहा उम्मीदवार होंगे. मुकेश सहनी ने खुद इस सीट पर पहल पर नामांकन वापस कराया है. माना जा रहा है कि अब धीरे-धीरे महागठबंधन की गांठ सुलझने लगी है. 

इसी बीच बिहार तक की टीम बिंदु गुलाब यादव के पास पहुंची और उनसे खास बातचीत की. बातचीत के दौरान बिंदु गुलाब यादव ने काफी शालीनता से बताया कि आखिर उन्होंने नामांकन क्यों वापस लिया और आगे की रणनीति क्या होगी?

नामांकन वापस लेने के पीछे की पूरी कहानी

दरअसल मधुबनी जिले की बाबूबराही विधानसभा सीट इस बार काफी चर्चा में थी क्योंकि यहां पर राजद vs वीआईपी के बीच फ्रेंडली फाइट का मामला था. लेकिन अब यह मसला ही खत्म हो गया. बिहार तक से बातचीत में बिंदु यादव ने कहा कि, पहले ही दिन जब से मैंने पार्टी की सदस्यता ली है मेरी सोच है कि महागठबंधन की सरकार बनानी है. तेजस्वी जी को सीएम बनाना है और अपने भाई मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम बनाना है.

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उन्होंने आगे कहा कि, आज सुबह से ही पटना से बहुत फोन कॉल्स आ रहे थे और सभी लोगों से बात हो रही थी. और जब आप राजनीति में आ जाते हैं तो कुछ फैसले आपकी जगह आपके लीडर्स लेते हैं. मुकेश सहनी जी मेरे बड़े भाई है और उन्होंने कहा तो मैंने अपना नॉमिनेशन वापस ले लिया.

क्या होगी आगे की रणनीति?

बिंदु गुलाब यादव ने आगे की रणनीति और महागठबंधन में अपनी भूमिका के सवाल पर कहा कि, 'मैं चार सालों से जिला अध्यक्ष के पद पर हूं और जनता मेरे कामों से भलीभांति परिचित है.' उन्होंने आगे कहा कि, 

'अब तक बिंदु गुलाब यादव एक सीट पर थी लेकिन अब मैं दसों सीटों पर तन-मन से महागठबंधन के लिए प्रचार करूंगी. मैं महागठबंधन की जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दूंगी. साथ ही मिथिलाचंल की यह दस-दस की सीटों अपने बड़े भाई मुकेश सहनी जी और तेजस्वी जी के पास जीतकर समर्पित करने का प्रयास करूंगी.'

कौन हैं बिंदु गुलाब यादव?

बिंदु गुलाब यादव के राजनीति में आने के पीछे उनके परिवार की एक लंबी राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है. उनके पिता गुलाब यादव झंझारपुर से आरजेडी के पूर्व विधायक रह चुके हैं, जबकि उनकी मां अंबिका गुलाब यादव भी एमएलसी और जिला पार्षद की भूमिका निभा चुकी हैं. बिंदु यादव ने पुणे से MBA की पढ़ाई की है और वे फिलहाल जिला परिषद की चेयरमैन है. इनकी चर्चा केवल उनके पारिवारिक राजनीतिक कद या चेयरमैनशिप तक सीमित नहीं है, बल्कि वह युवाओं के बीच अपनी लोकप्रियता के लिए भी जानी जाती हैं. 

उनका पहनावा, बातचीत का आधुनिक तरीका और उत्कृष्ट शैक्षणिक बैकग्राउंड उन्हें अन्य स्थानीय नेताओं से अलग खड़ा करती है. युवाओं को आकर्षित करने में उनकी सोशल मीडिया पर सक्रियता भी बड़ी भूमिका निभाती है. वीआईपी में शामिल होने पर उन्होंने स्पष्ट कहा था कि वह मुंबई की चकाचौंध छोड़कर बिहार के विकास के लिए संघर्ष करने आई हैं.

यहां देखें बिंदु गुलाब यादव से खास बातचीत

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