सहरसा में दुखी होकर जीतन राम मांझी ने कुछ ऐसा कहा कि टेंशन में आ जाएगी बीजेपी, जानें पूरा मामला
Bihar Elections 2025: सहरसा में जीतन राम मांझी बोले- 4 विधायक होने से आवाज नहीं सुनी जाती, अब चाहिए 20 सीटें, बीजेपी और नीतीश कुमार पर भी साधा निशाना.

Bihar Elections 2025: बिहार में चुनावी साल पूरी तरह गहमागहमी से भरा हुआ है. कभी नेता तो कभी कार्यकर्ताओं के बयानबाजी से सियासी पारा हाई रहता है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी के एक बयान से राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है. मांझी ने कहा कि, केवल 4 विधायक होने के कारण सदन में उनकी बातें को नहीं सुना जाता है. आगे उन्होंने एक मुहावरे के माध्यम से बताना चाहा कि उन्हें इस बार ज्यादा सीटें चाहिए ताकि वो सही से काम कर सकें. आइए विस्तार से जानते हैं पूरी कहानी.
मांझी ने जताया दुख
बीते कल यानी 21 सितंबर को जीतन राम मांझी सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर में एक मिलन कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि, बिहार विधानसभा के 243 सीटों में उनकी भागीदारी मात्र चार विधायकों की है, इसलिए उनकी बात नहीं सुनी जाती है. आगे उन्होंने एक मुहावरा बोला कि, 'अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता', जिसका मतलब है किसी भी बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोग, एकजुटता और सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है.
मांझी ने आगे कहा कि इस बार वे लगातार लोगों के बीच जा रहे है ताकि उनकी पार्टी से कम से कम 20 विधायक चुनकर सत्ता में आएं. तभी जाकर वे गरीब और वंचित वर्ग के लिए पूर्व में बनाई गई योजना को पूरी कर सकते है.
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सीएम नीतीश को लेकर कही ये बात
जीतन राम मांझी ने इस सभा में अपने कार्यकाल और नीतीश कुमार के कार्यकाल का अंतर भी बताया. मांझी ने कहा कि जब वे बिहार के मुख्यमंत्री थे तब भूमि सुधार विभाग को यह निर्देश दिया गया था कि राज्य के 16- 17 लाख एकड़ सरकारी जमीन में से 13 लाख एकड़ जमीन भूमिहीनों को बांटी जाए. लेकिन जैसे वो सीएम पद से हटे यह योजना पूरी नहीं हुई. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने इस योजना पर काम शुरू किया, लेकिन आज तक पूरी नहीं हुई है.
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इंदिरा आवास और प्रधानमंत्री आवास योजना पर उठाया सवाल
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने आवास योजनाओं, जैसे कि इंदिरा आवास और प्रधानमंत्री आवास योजना, पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं में केवल एक कमरे का घर बनाने का प्रावधान है, जो पूरी तरह से गलत है.
मांझी ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "क्या लोग जानवर हैं जो माता-पिता, बेटा-बहू, और बेटी-दामाद सब एक ही कमरे में रहें?" उन्होंने सरकार से मांग की है कि कम से कम 5 डिसमिल जमीन पर दो कमरों का घर बनाया जाए, जिसमें शौचालय और बिजली की सुविधा भी हो.
पीएम मोदी की मां को गाली देने पर दी प्रतिक्रया
जीतन राम मांझी ने तेजस्वी की सभा से पीएम मोदी की मां को गाली देने वाले मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि, 'यह अत्यंत घृणित है. किसी को भी गाली देना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है. गाली देने वाला आदमी नहीं हो सकता.'
क्या एनडीए में सब ठीक है?
एनडीए में सीट बंटवारे पर पूछे गए सवाल पर जीतन राम मांझी ने कहा कि अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है, संभव है कि दशहरे के बाद इस विषय पर बात हो. उन्होंने यह भी साफ किया कि एनडीए में कोई विवाद नहीं है और सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे. मांझी ने कहा, "जिसके पास जीतने वाली सीट होगी, उसे ही टिकट मिलेगा और सब मिलकर उसे जिताएंगे."
चुनावी साल में जीतन राम मांझी के ऐसे बदले तेवर और चिराग पासवान को लेकर लगातार साध रहे निशानों की वजह से एक बार फिर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि आखिर एनडीए में किसको कितनी सीटें मिलती है.
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