छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के लिए बड़ा ऐलान, हथियार छोड़ने पर मिलेंगे लाखों रुपए और अच्छी जिंदगी!
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार ने नई नक्सलवादी आत्मसमर्पण नीति 2025 लागू की है, जो नक्सलियों को हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लाने पर केंद्रित है. नीति में सुरक्षा, पुनर्वास, शिक्षा, और रोजगार के प्रावधान हैं, साथ ही 120 दिनों में पुनर्वास की गारंटी दी गई है. इसका लक्ष्य 2026 तक राज्य को नक्सल मुक्त करना है.
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद को खत्म करने और हिंसा की राह पर चल रहे लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए एक नई नीति शुरू की है. "नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025" के तहत नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर सुरक्षा, पुनर्वास, रोजगार, और आर्थिक सहायता दी जाएगी. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाना है. आइए, विस्तार से जानते हैं कि इस नीति में नक्सलियों को क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी..
नक्सलियों को क्या-क्या मिलेगा?
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को ट्रांजिट कैंप या पुनर्वास केंद्र में रखा जाएगा. यहां उनकी सुरक्षा की पूरी गारंटी होगी. पुनर्वास की पूरी प्रक्रिया 120 दिनों के भीतर पूरी होगी, ताकि वे जल्दी मुख्यधारा में शामिल हो सकें. नक्सलियों को उनकी रुचि के हिसाब से हुनर सिखाया जाएगा, जैसे खेती, व्यवसाय, या अन्य रोजगार. 3 साल तक हर महीने 10,000 रुपये का मानदेय मिलेगा, यानी 3 साल में कुल 3.6 लाख रुपये की आर्थिक मदद. आत्मसमर्पित नक्सलियों के बच्चों को 18 साल तक मुफ्त शिक्षा और छात्रावास की सुविधा मिलेगी. कानूनी सहायता दी जाएगी ताकि वे नया जीवन शुरू कर सकें.
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मिलेंगे लाखों रुपए सहित कई सुविधाएं
इस नीति के तहत, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 120 दिनों के भीतर पुनर्वास की सुविधा मिलेगी. 5 लाख रुपये से अधिक के इनामी नक्सलियों को शासकीय नौकरी का अवसर दिया जाएगा, या फिर 3 साल के अच्छे आचरण के बाद 10 लाख रुपये की एकमुश्त राशि दी जाएगी. इसके अलावा, एक विशेष पोर्टल बनाया जाएगा, जिसमें आत्मसमर्पित नक्सलियों और पीड़ितों की जानकारी दर्ज होगी, और उन्हें यूनिक आईडी दी जाएगी. नक्सल हिंसा से पीड़ित परिवारों (मृत्यु, घायल, या अपंगता) को बढ़ा हुआ मुआवजा, मुफ्त शिक्षा, और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी.
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हथियार सरेंडर करने पर भी मिलेंगे पैसे
नई नीति के तहत अलग-अलग हथियारों के लिए मुआवजे की राशि तय की गई है. लाइट मशीन गन (एलएमजी) के साथ सरेंडर करने वाले नक्सली को 5 लाख रुपये मिलेंगे. एके-47 या त्रिची असॉल्ट राइफल जमा करने पर 4 लाख रुपये, मोर्टार पर 2.5 लाख रुपये, एसएलआर या इंसास राइफल पर 2 लाख रुपये, और एक्स-95 असॉल्ट राइफल या एमपी-9 टेक्टिकल हथियार पर 1.5 लाख रुपये दिए जाएंगे. इसके अलावा, थ्री नॉट थ्री राइफल पर 1 लाख रुपये, एक्स-कैलिबर पर 75 हजार रुपये, यूबीजीएल अटैचमेंट पर 40 हजार रुपये, और 315/12 बोर बंदूक या ग्लॉक पिस्टल पर 30-30 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा. छोटे हथियार जैसे कार्बाइन, रिवॉल्वर, वायरलेस सेट, और डेटोनेटर जमा करने पर भी मुआवजा राशि का प्रावधान रखा गया है.
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