MP में अल फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन के घर पर चलेगा बुलडोजर, लगे हैं ये आरोप, जानें कौन हैं जवाद अहमद सिद्दीकी

दिल्ली ब्लास्ट की जांच फरीदाबाद से आगे बढ़कर अब महू तक पहुंच गई है. जहां अल फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी के परिवार की संपत्ति पर अवैध निर्माण को लेकर 3 दिन का नोटिस जारी किया गया है.

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दिल्ली ब्लास्ट मामले में फरीदाबाद के अल फलाह यूनिवर्सिटी में चल रही जांच का मामला अब मध्य प्रदेश के महू तक पहुंच गया है. दरअसल महू कैंटोनमेंट बोर्ड ने अल फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी के परिवार की संपत्ति पर कार्रवाई करते हुए तीन दिन का नोटिस जारी किया है. 

यह संपत्ति मकान नंबर 1371, सर्वे नंबर 245/1245, मुकेरी मोहल्ला में स्थित है. बोर्ड का कहना है कि यहां अवैध निर्माण किया गया है जिसे जल्द से जल्द हटाना होगा वरना प्रशासन खुद कार्रवाई करेगा और खर्च मालिकों से वसूला जाएगा. 

कैंटोनमेंट बोर्ड के इंजीनियर एच. एस. कलोया के अनुसार, इस भवन को लेकर 1996 और 1997 में भी कई नोटिस भेजे गए थे. उस वक्त भी अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया गया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. अब परिवार को आखिरी चेतावनी दी गई है कि तीन दिन के भीतर अवैध निर्माण गिरा दिया जाए.

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जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं अल फलाह यूनिवर्सिटी

यह नोटिस ऐसे वक्त में आया है जब अल फलाह यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय जांच एजेंसियों के निशाने पर है. दरअसल 10 नवंबर को देश की राजधानी दिल्ली में ब्लास्ट हुआ था. इस ब्लास्ट में कई लोगों ने अपनी जान गवां दी थी. अब जब इस मामले की जांच की गई तो कई संदिग्धों के नाम यूनिवर्सिटी से जुड़े पाए गए हैं. 

इसी मामले में मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी भी इसी यूनिवर्सिटी का छात्र रह चुका है. इस वजह से जांच एजेंसियां यूनिवर्सिटी के वित्तीय लेनदेन, रिकॉर्ड और प्रशासनिक मंजूरियों की छानबीन कर रही हैं. इसी बीच अल फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है. उनपर आरोप है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े संस्थानों के फंड का गलत तरीके से इस्तेमाल किया. 

कौन हैं चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी?

अल फलाह के संस्थापक जावेद सिद्दीकी मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से प्राप्त की है. जावेद साल 1992 में अल फलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी के डायरेक्टर बने थे और उन्होंने ही अल फलाह ट्रस्ट की स्थापना की. इसके बाद ही इस व्यवसाय का विस्तार शिक्षा, सॉफ्टवेयर, वित्तीय सेवाओं और ऊर्जा क्षेत्र में हुआ. हालांकि आज के टाइन में इनमें से ज्यादातर कंपनियां बंद हो गईं.

कौन हैं अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी?

अल-फलाह यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष जवाद सिद्दीकी मूल रूप से मध्य प्रदेश के महू शहर से संबंध रखते हैं. उनके पिता हम्माद सिद्दीकी महू के शहर काजी रह चुके हैं. वहीं उनका परिवार पहले कायस्थ मोहल्ले में रहता था. जवाद और उनके दोनों भाइयों की स्कूलिंग भी महू में ही हुई है. सिद्दीकी परिवार विवादों से दूर नहीं रहा है, यहां तक कि जवाद के एक भाई पर हत्या का आरोप भी लग चुका है और वह जेल की सजा काट चुका है.

लाल किले ब्लास्ट केस की जांच जारी

नई दिल्ली में 10 नवंबर 2025 को हुए कार धमाके में लगभग 12 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना का मुख्य आरोपी डॉक्टर उमर नवी अल-फलाह यूनिवर्सिटी का छात्र बताया जा रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीजी विजय सखारे की अगुवाई में एनआईए ने दस सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया है, जिसमें आईजी से लेकर डीएसपी स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं.

10 नवंबर को क्या हुआ था

10 नवंबर 2025 की शाम दिल्ली में लाल किले के पास एक बड़ा धमाका हुआ. जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. लगभग शाम 6:52 बजे रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के गेट-1 के पास खड़ी एक सफेद Hyundai i20 कार में विस्फोट हुआ. चौराहे पर सिग्नल के दौरान हुआ यह धमाका इतना तेज था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियां, ऑटो-रिक्शा और सड़क किनारे मौजूद हिस्से भी चपेट में आ गए. धमाके के तुरंत बाद आग भड़क उठी और कुछ ही मिनटों में पूरा इलाका दहशत में डूब गया.

इस हादसे के बाद दिल्ली पुलिस ने इसे पहले ही नजर में आतंकी हमला मानते हुए UAPA और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया. राजधानी के संवेदनशील इलाकों, रेलवे स्टेशन, मेट्रो, बाजार और सरकारी दफ्तरों में सुरक्षा तुरंत बढ़ा दी गई. अगली ही सुबह से जांच एजेंसियों ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया और यह भी सामने आया कि धमाके से पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने बड़े पैमाने पर हथियार और सामग्री बरामद की थी. इससे ये साफ हो गया कि यह हमला किसी संगठित और योजनाबद्ध आतंकी षड्यंत्र का हिस्सा था.

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