मध्य प्रदेश लाखों किसानों को सीएम मोहन ने दिया एकमुश्त तोहफा, किन किसानों के खातों में गए पैसे ?

मध्य प्रदेश सरकार ने बारिश और फसल बीमारियों से प्रभावित 8 लाख से अधिक किसानों को दिवाली से पहले 653 करोड़ रुपए की राहत राशि उनके खातों में ट्रांसफर की. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 13 जिलों के किसानों को सिंगल क्लिक से मुआवजा देकर उनकी समस्याएं भी जानीं.

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एमपी में इस बार मानसून ने अपना जबरदस्त असर दिखाया. 16 जून 2025 को मानसून की एंट्री के बाद प्रदेश में औसत से 120% ज्यादा बारिश दर्ज की गई. एक ओर जहां डैम, तालाब और नदियां लबालब भर गईं, वहीं दूसरी तरफ किसानों के लिए ये बारिश आफत बन गई.

अति बारिश और बाढ़ की वजह से हजारों हेक्टेयर फसलें तबाह हो गईं. सिर्फ इतना ही नहीं, कई किसानों की फसलें बीमारियों की चपेट में भी आ गईं खासकर सोयाबीन की फसल, जिसे "पीला मोजेक" नाम की बीमारी ने काफी नुकसान पहुंचाया.

दिवाली से पहले राहत की सौगात

ऐसे वक्त में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार किसानों के साथ खड़ी नजर आई. दिवाली से ठीक पहले सरकार ने 8 लाख से भी ज्यादा किसानों को एकमुश्त मुआवजा राशि उनके खातों में ट्रांसफर कर दी है. ये राशि 653 करोड़ रुपए से ज्यादा की है, जो सिंगल क्लिक के जरिए किसानों को मिली है.

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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुद इस ट्रांसफर की घोषणा की और इस दौरान कई किसानों से बातचीत भी की. किसानों ने सीएम से सीधे जुड़कर अपनी परेशानियों को बताया और मुआवजा राशि मिलने पर उनका धन्यवाद भी किया.

किन किसानों को मिला लाभ?

इस राहत राशि का फायदा 13 जिलों के 3,554 गांवों के 88,472 प्रभावित किसानों को मिला है. ये वो जिले हैं जहां सामान्य से 21% या उससे ज्यादा बारिश हुई थी और भारी नुकसान दर्ज किया गया. जिन जिलों के किसानों को यह सहायता राशि मिली है, उनमें शामिल हैं:

  • मंदसौर
  • खंडवा
  • विदिशा
  • शिवनी
  • बुरहानपुर
  • बड़वानी
  • उज्जैन
  • नीमच
  • रतलाम
  • मंडला
  • शहडोल
  • दमोह

बीमारियों से प्रभावित फसलें भी शामिल

बारिश से नुकसान के साथ-साथ जिन किसानों की फसलें बीमारियों की वजह से खराब हुई थीं, उन्हें भी इस योजना में शामिल किया गया. सोयाबीन की फसल, जिसे पीला मोजेक बीमारी ने खराब किया, उसके लिए भी मुआवजा दिया गया है.

सर्वे और आगे की तैयारी

सीएम मोहन यादव ने यह भी साफ किया है कि प्रदेश सरकार पूरी तरह से किसानों के साथ खड़ी है. जहां-जहां नुकसान हुआ है, वहां सर्वे का काम जारी है और आगे भी जो भी किसान प्रभावित मिलेंगे, उन्हें राहत पहुंचाई जाएगी.

क्या कहा किसानों ने?

जब मुख्यमंत्री ने किसानों से बात की, तो कई किसानों ने खुलकर अपने अनुभव बताए. उज्जैन से जुड़ी एक महिला किसान रेखा दीदी ने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहा और बताया कि ये सहायता उनके लिए बहुत जरूरी समय पर मिली.

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