कांग्रेस विधायक मुकेश पटेल बोले,’विधायकों को वेतन की जरूरत नहीं, लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन बढ़ाओ’

एमपी तक

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MP NEWS: मध्यप्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिछले 5 दिनों से वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर अलग-अलग जिलों में प्रदर्शन कर रही हैं. इसी बीच अलीराजपुर जिले में कांग्रेस विधायक मुकेश पटेल ने ऐसी बात कह दी, जिसने मध्यप्रदेश के पूरे राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी. दरअसल कांग्रेस विधायक मुकेश पटेल शुक्रवार को अलीराजपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आंदालन स्थल पर पहुंच गए और फिर बोले ‘विधायकों का वेतन सरकार समय-समय पर बढ़ाती है, लेकिन मेरा मानना है कि विधायकों को वेतन की जरूरत ही नहीं है. अगर बढ़ाना ही है तो फिर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन बढ़ाना चाहिए.’

अलीराजपुर के कांग्रेस विधायक मुकेश पटेल ने कहा कि ‘महज 10 हजार रुपए के मानदेय में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का परिवार नहीं चल सकता. इसलिए मैं मांग करता हूं कि विधायकों को वेतन‌ की आवश्यकता नहीं है, वेतन विधायकों का नहीं बल्कि इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का बढ़ाया जाये जो विपरीत परिस्थितियों में काम करती है’. मुकेश पटेल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आंदोलन को समर्थन देने का एलान भी किया. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में विधायकों का वेतन डेढ़ लाख रुपए प्रति माह  करने की खबरें हाल ही में सार्वजनिक हुई थी. जिसके बाद अब विधायक मुकेश पटेल का यह बयान चर्चा में आ गया है. 

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बुरहानपुर में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कर रही हैं आंदोलन
मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर अपना आंदोलन चला रही हैं. शुक्रवार को इन कार्यकर्ताओं ने पांडाल में ताली और थाली बजाकर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध कर रही कार्यकर्ताओं ने कहा ‘ताली और थाली इसलिए बजा रहे कि कहीं हमारे मामा यानी सीएम शिवराज सिंह चौहान सो तो नहीं गए’. वहीं एक कार्यकर्ता ने कहा महज 10 हजार रूपए में घर नहीं चलत सकता.

क्या हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग?
आंदोलन कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मांग की हैं कि उनका वेतन 10 हजार रुपए मासिक से अधिक बढ़ाया जाए. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को नियमितीकरण, पेंशन की पात्रता, छुट्टी घोषित किए जाने सहित अन्य लाभ दिए जाएं. कार्यकर्ताओं ने पांडाल में ही खिचड़ी भी बनाई. कार्यकर्ताओं ने बताया कि यह खिचड़ी इस बात का सूचक है कि अभी तो खिचड़ी खा लेंगे लेकिन रात में क्या खाएंगे, कुछ ऐसी ही स्थिति बन जाती है इतने कम वेतन में काम करने पर. आंदोलन को भारतीय मजदूर संघ के आरपी श्रीवास्तव ने समर्थन देते हुए कहा कि सरकार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं की मांग मानना चाहिए. ये लाेग भी सरकारी कर्मचारियों के समान ही काम करते हैं तो समान काम का समान वेतन तो मिलना ही चाहिए.

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