Viral Video : मध्यप्रदेश में ताश की पत्तों की तरह अचानक जमीन पर बिखर गया 3 मंजिला मकान, मचा हड़कंप

खंडवा के भैरव तालाब वार्ड में पास के निर्माण कार्य के दौरान गहरी खुदाई और पानी के रिसाव से दवाओं से भरा तीन मंजिला मकान अचानक ढह गया. इसका सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, देखें वीडियो.

खंडवा का वीडियो जमकर हो रहा वायरल
खंडवा का वीडियो जमकर हो रहा वायरल
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शाम का समय.. बाजार में हलचल थी और अचानक कुछ ऐसा हुआ जिसे देखकर सबके होश उड़ गए.. दरअसल खंडवा के भैरव तालाब वार्ड रोज की तरह अपनी रफ्तार में चल रहा था. तभी लगभग 4:15 बजे अचानक जमीन कांपी, एक जोरदार धमाका हुआ और देखते ही देखते सामने खड़ी तीन मंजिला इमारत हवा में उठती धूल के साथ ताश के पत्तों की तरह ढह गई.  

लोग समझ ही नहीं पाए कि यह भूकंप था या कोई बड़ा हादसा. आसपास के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही अफरा-तफरी मच गई.

गनीमत यह रही कि हादसे के वक्त इमारत में कोई मौजूद नहीं था. यह इमारत 'चावला मेडिकल' के नाम से जानी जाती थी, जहां आमतौर पर 10 से ज्यादा कर्मचारी काम करते थे और दिनभर 20-25 लोगों की आवाजाही रहती थी. गुरुवार को दुकान बंद होने की वजह से एक बड़ा हादसा टल गया, वरना जनहानि की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता था. हालांकि मलबे में दबकर लाखों रुपये की दवाएं पूरी तरह बर्बाद हो गईं.

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हादसे का कारण क्या था 

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हादसे की जड़ पास में चल रहा एक निर्माण कार्य है. बताया जा रहा है कि माधवनगर सिंधी कॉलोनी निवासी खैराजमल लालवानी इस तीन मंजिला के पास ही अपना बेसमेंट बनवा रहे थे. लगभग आठ दिन पहले 15 फीट से ज्यादा गहरी नींव खुदवाई गई थी, जो पास की चावला मेडिकल बिल्डिंग की नींव से भी ज्यादा गहरी थी. 

खुदाई के दौरान गड्ढे में पानी भर गया और वही पानी रिसकर पास की इमारत की नींव तक पहुंच गया, जिससे उसकी नींव कमजोर हो गई और पूरा ढांचा धराशायी हो गया.

पुराना तालाब क्षेत्र का है इलाका 

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इलाका पुराने तालाब क्षेत्र का है जहां जमीन गीली रहती है. इसके बावजूद इतनी गहरी खुदाई की जा रही थी और बार-बार चेतावनी देने के बाद भी किसी ने ध्यान नहीं दिया. चावला परिवार के सदस्य ने बताया कि अगर हादसे के वक्त अंदर लोग होते तो मलबे से किसी को निकालना तक मुश्किल हो जाता.

हरकत में आई प्रशासन

मामले में प्रशासन भी हरकत में आया है. SDM ने बताया कि निर्माण कराने वाले व्यक्ति के पास कोई परमिशन लेटर नहीं दिखाए हैं. प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाया जा रहा है कि निर्माण नियमों का कितना उल्लंघन हुआ है.

यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि अवैध और लापरवाह निर्माण सिर्फ कागजी नियमों की अनदेखी नहीं, बल्कि सीधे लोगों की जान से खिलवाड़ है. अब देखने वाली बात यह होगी कि जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई होती है या यह मामला भी समय के साथ फाइलों में दबकर रह जाएगा.

 

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