नवरात्रि में ही हो सकता है मोहन यादव मंत्रिमंडल का विस्तार? सामने आया ये बड़ा अपडेट
नवरात्र शुरू होते ही मध्य प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है. सीएम आवास पर हुई बड़ी बैठक से मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गईं. जानिए बैठक में क्या हुआ?

नवरात्र शुरू होते ही मध्य प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि नवरात्र में मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. वजह है शनिवार को भोपाल में सीएम आवास में हुई एक बड़ी बैठक. इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई है.
दरअसल मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं काफी समय से चल रही हैं. मध्य प्रदेश में फिलहाल 31 मंत्री हैं, जबकि चार मंत्री पद अभी खाली हैं. ऐसे में चर्चा ये भी है कि इस बैठक में इन चार पदों को लेकर भी मंत्रणा हुई है. दावा किया जा रहा है कि शनिवार को CM आवास हुए इस मीटिंग में कई बड़े नेता शामिल हुए हैं.
इसमें CM मोहन यादव, बीजेपी अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल और राकेश सिंह शामिल हुए. बैठक में संगठन के हितानंद शर्मा और शिवप्रकाश भी मौजूद थे.
BJP का दावा- सामान्य बैठक थी
हालांकि बीजेपी की तरफ से कहा गया कि यह बैठक यह एक सामान्य बैठक थी, जिसमें योजनाओं पर बात हुई, लेकिन इस बैठक को लेकर तरह-तरह की सियासी अटकलें शुरू हो गईं हैं, क्योंकि इस बैठक से पहले शुक्रवार को सीएम मोहन यादव ने बंद कमरे में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से बातचीत की. शुक्रवार को ही कैलाश विजयवर्गीय ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की.
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गुरुवार को पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राज्यपाल से मुलाकात की. ऐसे में सीएम आवास में हुई इस मीटिंग को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. सूत्रों की मानें तो इस बैठक में बोर्ड और निगमों में नियुक्ति को लेकर तैयार सूची पर चर्चा हुई, क्योंकि ये नियुक्तियां 2023 में मोहन सरकार के बनने के बाद से ही रुकी हुई हैं.
सिंधिया समर्थक मंत्री नहीं हुए शामिल
हालांकि इस बैठक में सिंधिया समर्थक कोई मंत्री शामिल नहीं हुआ. इसको लेकर भी सियासी जानकार सवाल उठा रहे हैं. एमपी के वरिष्ठ पत्रकार चैतन्य भट्टा बताते हैं कि पिछले दिनों कैबिनेट की मीटिंग में कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ग्वालियर की बदहाली का मुद्दा उठाया था और सीएम मोहन यादव से इसको लेकर शिकायत की थी. बताया जा रहा कि ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने भी प्रद्युम्न सिंह तोमर का समर्थन किया था. ये दोनों मंत्री सिंधिया खेमे से आते हैं. ऐसे में सिंधिया खेमे के किसी भी मंत्री के इस बैठक में शामिल ना होने पर सियासी जानकार इसे गुटबाजी के तौर पर देख रहे हैं.
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