MPPSC 2023 Result: सतना में मंदिर के बाहर प्रसाद बेचने वाले विजय अग्रवाल की बेटी प्रिया बनी डिप्टी कलेक्टर

MPPSC 2023 Result: सतना जिले की बीरसिंहपुर की प्रिया अग्रवाल ने सीमित संसाधनों और संघर्षों के बीच एमपीपीएससी 2023 में छठी रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर का पद पाया.

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सतना जिले के बीरसिंहपुर की रहने वाली प्रिया अग्रवाल ने वो कर दिखाया जो कई लोगों के लिए सपना होता है. सीमित संसाधनों और संघर्षों के बीच पली-बढ़ी प्रिया ने MPPSC 2023 परीक्षा में छठवां स्थान हासिल कर डिप्टी कलेक्टर का पद पाया है.

प्रिया के पिता गवीनाथ धाम में नारियल प्रसाद की दुकान चलाते हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी लेकिन फिर भी माता-पिता ने कभी प्रिया को पढ़ाई से दूर नहीं किया. उन्होंने हमेशा यही कहा, "बेटा, तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो, घर की चिंता हम करेंगे."

संघर्षों से भरी राह

प्रिया की कहानी 2014 से शुरू होती है, जब उन्होंने 12वीं में 91% अंक हासिल किए और तय किया कि उन्हें सिविल सर्विस की परीक्षा देनी है. सरकारी स्कूल से पढ़ने के बाद उन्होंने इंदौर जाकर कॉलेज किया और वहीं से एमपीपीएससी की तैयारी शुरू की.

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पहला प्रयास 2019 में दिया, जिसमें उनका नाम वेटिंग लिस्ट में था. 2020 में फिर कोशिश की पर सिलेक्शन नहीं हुआ. 2021 में मेहनत रंग लाई और उन्हें लेबर ऑफिसर के पद पर नियुक्ति मिली लेकिन प्रिया का सपना डिप्टी कलेक्टर बनना था, इसलिए उन्होंने तैयारी जारी रखी. साल 2023 में आखिरकार उनका सपना साकार हुआ.

परिवार बना ताकत

प्रिया बताती हैं कि उनके दोनों भाइयों ने उन्हें हर कदम पर सहारा दिया एक ने वित्तीय सहयोग दिया तो दूसरे ने मानसिक हौसला बढ़ाया. प्रिया कहती हैं, "रात को जब नींद नहीं आती थी तो मैं अपने भाई को कॉल करती थी. वो हमेशा मुझे मोटिवेट करता था कि हार नहीं माननी है."

संयुक्त परिवार बना सहारा

अक्सर लोग जॉइंट फैमिली को परेशानी मानते हैं लेकिन प्रिया के लिए यही उनकी ताकत बनी. वह कहती हैं, "जब मम्मी-पापा बीमार पड़ते थे, तब बड़े पापा और परिवार के बाकी लोग घर संभाल लेते थे. अगर जॉइंट फैमिली न होती, तो शायद मैं पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाती."

पिता हुए भावुक

प्रिया के पिता कहते हैं, “मैंने हमेशा अपनी बेटी से कहा कि मेहनत करते रहो. हमारी क्षमता चाहे जितनी हो लेकिन हम तुम्हें कभी रुकने नहीं देंगे.” कोविड के समय दुकानें बंद थीं, आमदनी नहीं थी, फिर भी उन्होंने बेटी की पढ़ाई नहीं रुकने दी.

सफलता का संदेश

प्रिया कहती हैं कि सफलता के लिए सबसे जरूरी है लगातार मेहनत और सिलेबस आधारित तैयारी. "कभी भी असफलता से डरना नहीं चाहिए. हर बार अपनी गलती से सीखकर आगे बढ़ना चाहिए," उन्होंने कहा.

जिले का गौरव

प्रिया अग्रवाल की सफलता ने न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरे सतना जिले का नाम रोशन कर दिया है. उनकी कहानी यह साबित करती है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो छोटे कस्बे से भी बड़ी उड़ान भरी जा सकती है.

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