महाशिवरात्रि से पहले महाकाल को लगेगा हल्दी और उबटन, रस्म के लिए भक्तों को मिला न्योता; जानें कब बंधेगा सेहरा

संदीप कुलश्रेष्ठ

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Mahashivratri 2023 Baba Mahakal turmeric and ubtan devotees get invitation for the ritual
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Mahashivratri in Mahakaleshwar Ujjain: देश के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के 9 दिन पहले एक अनूठी परंपरा का निर्वहन किया जाता है, जिसके तहत 9 दिनों तक भगवान महाकाल को अलग-अलग स्वरूप में दूल्हा बनाया जाता है. भगवान शंकर को रोजाना आकर्षक अलग-अलग श्रृंगार किए जाते हैं. उमा और शिव के विवाह के पहले शिव विवाह महोत्सव में शिव रूपी दूल्हे का आशीर्वाद लेने देशभर से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं. शिव नवरात्रि पर्व को बेहद महत्व दिया जाता है. सबसे खास बात है कि 9 दिन बाबा को हल्दी और उबटन लगाया जाता है और इस रस्म के लिए भक्तों को न्योता भी दिया जाता है. भक्त साल भर से शिव नवरात्रि का इंतजार करते हैं.

विश्व में केवल उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ही यह उत्सव मनाया जाता है. मान्यता यह भी है कि शिव आराधना से वर्षभर वंचित रहने वाला भक्त मात्र इन 9 दिनों में राजाधिराज भगवान की आराधना कर ले तो उसे वर्ष भर का पुण्य मिल जाता है. शिव नवरात्रि महोत्सव के दौरान भगवान महाकाल का सूखे मेवे भांग और अन्य आभूषणों का इस्तेमाल कर उन्हें विभिन्न रूपों में सजाया जाता है.

इन दिनों उज्जैन में शिव नवरात्रि पर्व की धूम है. 10 फरवरी से यह पर्व प्रारंभ हुआ है जो 18 फरवरी शिवरात्रि तक चलेगा. शिव नवरात्रि पर्व की शुरुआत भगवान चंद्रमौलेश्वर और कोटि तीर्थ कुंड के समीप स्थित कोटेश्वर महादेव के साथ भगवान महाकाल की पूजा अर्चना कर की गई.

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हल्दी उबटन और चंदन केसर से किया जाएगा श्रृंगार
शिव नवरात्रि की मान्यता यह भी है कि माता पार्वती ने शिवजी को पाने के लिए शिव नवरात्रि में ही 9 दिनों तक भगवान की पूजा अर्चना के साथ कठिन साधना और तपस्या की थी. पर्व के दौरान भगवान महाकाल को विवाह की परंपरा अनुसार हल्दी लगाई जाती है. उबटन लगाया जाता है. चंदन केसर से श्रृंगारित किया जाता है. रोजाना आकर्षक श्रृंगार किए जाते हैं.

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9 दिन चलेंगे नौ श्रृंगार
जहां पर्व के पहले दिन महाकाल का चंदन से शृंगार किया गया और जलाधारी अर्पित की गई. भगवान को सोला और दुपट्टा धारण कराया गया, जबकि दूसरे दिन भगवान महाकाल का शेषनाग के रूप में अद्भुत शृंगार किया गया. तीसरे दिन घटाटोप शृंगार, शिव नवरात्रि के पांचवे दिन बाबा महाकाल ने होलकर रूप में भक्तों को दर्शन दिए. इसमें बाबा महाकाल को लाल रंग के वस्त्र पहनाए गए फूलों की माला पहनाई गई और होलकर मुखौटा धारण कराया गया. वहीं, आने वाले छठवें दिन मन महेश, सातवें दिन उमामहेश, आठवें दिन शिव तांडव रूप में भगवान को श्रृंगारित किया जाएगा. पर्व के अंतिम दिन शिवरात्रि के अवसर पर बाबा महाकाल निराकार स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे.

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