SIR BLO: किसे बनाया जाता है BLO, कितनी होती है सैलरी, कौन करता है इनकी नियुक्ति? जानें सबकुछ

देश के 12 राज्यों में SIR प्रक्रिया के दौरान 5.32 लाख BLO घर-घर सर्वे कर रहे हैं. बीएलओ कौन होते हैं, क्या काम करते हैं और कितना वेतन मिलता है- जानें पूरी डिटेल इस रिपोर्ट में.

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देश के 12 राज्यों में SIR की प्रक्रिया जारी है. इसमें सबसे अहम भूमिका और चर्चा है BLO की. BLO यानी बूथ लेवल ऑफिसर. BLO घर-घर जाकर वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और काटने का काम करते हैं. BLO की चर्चा इसलिए भी क्योंकि देश के 12 राज्यों में 51 करोड़ से अधिक मतदाताओं के घर दस्तक दे रहे 5.32 लाख से अधिक बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ). इनपर काम के भारी दबाव के आरोप भी लग रहे हैं. SIR प्रोसेस के दौरान 22 दिनों में 7 राज्यों में 25 बीएलओ की मौत हो चुकी है. 

अब सवाल ये है कि BLO किसे बनाया जा रहा है? इनकी जिम्मेदारी क्या होती है? कितना वेतन मिलता है? किस तरह के काम के दबाव की ये लोग कर रहे बात? इस खबर में हम आपको इन सारे सवालों का जवाब दे रहे हैं. 

BLO कौन होते हैं? 

बीएलओ मतदान केंद्र (बूथ) स्तर पर कार्य करने वाला अधिकारी होता है. BLO पूर्णकालिक सरकारी नौकरी नहीं होता है. BLO ज्यादातर उन लोगों को बनाया जा रहा है जो पहले से किसी विभाग जैसे शिक्षा, पंचायत, स्वास्थ्य में काम कर रहे होते हैं. चुनाव आयोग समय-समय पर इन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारी प्रदान कर मतदाता सूची संबंधी काम कराता है. बीएलओ चुनाव आयोग और आपके घर के बीच ब्रिज का काम कारते हैं. 
 
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) के अनुमोदन से निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) इनकी नियुक्ति करते हैं. आमतौर पर केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी (जैसे शिक्षक, पटवारी/लेखपाल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि) को बीएलओ नियुक्त किया जाता है.  

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BLO पर काम का कितना दबाव? 

मतदाता सूची में नए नाम जोड़ना, जिनका निधन हो चुका है या कोई कहीं चला गया है, उनके नाम हटाना और पते जैसी जानकारियां ठीक करना- यह सब बीएलओ के काम का हिस्सा है. हालांकि, यह काम उन्हें अपनी मूल नौकरी के साथ करना पड़ता है, जिस कारण उनपर काम का बोझ और तनाव बढ़ जाता है.

BLO क्या करते हैं? 

  • मतदाता सूची को त्रुटिरहित रखना. 
  • घर-घर जाकर नए 18+ मतदाताओं, ट्रांसफर हुए मतदाताओं और मृतकों की पहचान करना. 
  • मतदाता सूची में नाम जोड़ने (फॉर्म 6), हटाने (फॉर्म 7) और सुधारने (फॉर्म 8) के लिए आवेदनों को प्रोसेस और वेरिफाई करना. 
  • मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया और मतदाता सूची में रजिस्ट्रेशन के बारे में जागरूक करना. 
  • चुनाव के दिन वे अपने बूथ पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना. 

BLO की सैलरी कितनी होती है? 

BLO को यह काम उनकी मुख्य सरकारी नौकरी के अतिरिक्त सौंपा जाता है. इसलिए उन्हें वेतन नहीं, बल्कि मानदेय (Honorarium) दिया जाता है.

वार्षिक मानदेय: चुनाव आयोग ने बीएलओ का न्यूनतम वार्षिक मानदेय पहले ₹6,000 से बढ़ाकर ₹12,000 कर दिया है.
प्रोत्साहन: विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) जैसे बड़े अभियानों के दौरान किए गए अतिरिक्त कार्यों के लिए उन्हें ₹2,000 से ₹6,000 तक की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है.

BLO की नियुक्ति कौन करता है? 

बीएलओ (BLO) की नियुक्ति लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13B(2) के तहत की जाती है. इनकी नियुक्ति ईआरओ (Electoral Registration Officer) द्वारा की जाती है जो जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) की देखरेख में काम करते हैं. 

चुनाव आयोग (ECI) के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, बीएलओ केवल एक "सरकारी या अर्ध-सरकारी अधिकारी/कर्मचारी" ही हो सकता है. नियम यह भी है कि वह अधिकारी उसी बूथ क्षेत्र का मतदाता हो या उस क्षेत्र का निवासी हो ताकि वह स्थानीय लोगों को पहचान सके. 

क्या आप भी BLO बन सकते हैं?

यह सबसे महत्वपूर्ण सवाल है. इसका सीधा जवाब है नहीं, हर कोई बीएलओ नहीं बन सकता. यह कोई ऐसी नौकरी नहीं है जिसके लिए कोई भी प्राइवेट व्यक्ति आवेदन कर सके. 

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